'मैंने अपनी बेटी को मार दिया है', 3 साल की बच्ची का कत्ल कर जुड़वां बेटियों की मां ने लिखा कुबूलनामा
बेंगलुरु में 3 साल की जुड़वां बेटियों की मां ने अपनी एक मासूम बेटी की जान ले ली। क्योंकि उसकी दूसरी बेटी इस बेटी से बेहतर थी। उसे डर था की कमजोर दिमाग की उस बेटी की वजह से उसे समाज में शर्मिंदा होना पड़ेगा। लिहाजा उसने घर के अंदर ही अपनी उस बेटी को हमेशा के लिये खामोश कर दिया। कत्ल के बाद जब पुलिस उसके घर पहुंची तो वहां उसे एक नोट मिला जिस पर लिखा था 'मैंने अपनी बेटी को मार दिया है'!
ADVERTISEMENT
श्रेया भूषण की रिपोर्ट
Bengaluru: एक मां के लिए उसका बच्चा उसकी जान से ज़्यादा प्यारा होता है। बच्चा बीमार पड़ जाए तो मां रात-रात जाग कर उसका ख्याल रखती है। मगर बेंगलुरु में एक मां ने अपनी 3 साल की जुड़वां बेटियों में से एक की जान सिर्फ इसलिये ले ली क्योंकि वो बीमार थी। उस बच्ची को ऑटिज़म (Autism) की बीमारी थी। यानी वो एक स्पेशल चाइल्ड (Special Child) थी। मां ने उस तीन साल की मासूम का गला दबा कर कत्ल कर दिया। पुलिस जब उसे गिरफ्तार करने उसके घर पहुंची तो वहां मां का लिखा एक नोट मिला, जिस पर लिखा था 'मैंने अपनी बेटी को मार दिया है'। दिल को चीर देने वाला ये वाकया 13 जून की दोपहर साउथ बेंगलुरु के बनाशंकरी इलाके में हुआ।
स्पेशल चाइल्ड की मां कहलाने पर होती थी शर्मिंदगी
34 साल की राम्या ने 3 साल पहले दो जुड़वां बेटियों को जन्म दिया। पति वेंकटेश विदेश में नौकरी करते थे लिहाजा राम्या ने बेटियों की परवरिश के लिये अपनी नौकरी छोड़ दी थी। उसकी दोनों बेटियों में से एक पृथिका बचपन से ही ऑटिज्म का शिकार थी। जिसकी वजह से वो ना बोल पाती थी, न ही चीजों को समझ पाती थी और न ही लोगों से घुलती मिलती थी। पृथिका के स्पेशल चाइल्ड होने के चलते राम्या को अपने दोस्तों और रिश्तेदारों के सामने शर्मिंदगी महसूस होती थी। वहीं उसकी दूसरी बेटी बहुत एक्टिव थी। राम्या ने जब दोनों का स्कूल में एडमिशन कराना चाहा तो उसकी एक बेटी तो प्रीस्कूल में दाखिल कर ली गई, लेकिन पृथिका को ऑटिज्म के चलते स्कूल में दाखिला नहीं मिला। इन बातों को लेकर राम्या पिछले 6 महीने से डिप्रेशन में रहने लगी थी।
ADVERTISEMENT
अपने ही हाथों ले ली मासूम की जान
तंग आकर एक रोज़ राम्या ने फै़सला कर लिया की वो पृथिका और उसकी बिमारी को अब और बर्दाश्त नहीं कर पाएगी। इसलिए उसने अपनी ही कोख से जन्मी बेटी से हमेशा के लिये छुटकारा पाने का प्लान बना लिया। वारदात वाले दिन उसने अपनी दूसरी बेटी को प्रीस्कूल भेज कर घर के खिड़की दरवाज़े बन्द कर दिए और अपने दुपट्टे से बेटी पृथिका का गला घोंटने लगी। पृथिका छटपटाती रही लेकिन राम्या नहीं रुकी और बस कुछ ही लम्हों में 3 साल की पृथिका हमेशा के लिये खामोश हो गई।
हत्या के बाद हुआ गलती का एहसास
हत्या के बाद जब पृथिका ने हिलना डुलना बंद कर दिया तब शायद राम्या को एहसास हुआ की उसने अपने ही हाथों अपनी कोख उजाड़ ली। घबराकर उसने पास ही रहने वाले अपने जीजा को फोन किया और पूरी घटना बताई। जीजा के कहने पर राम्या ने खुद बेटी को गोद में उठाया और पास के अस्पताल में ले गई। मगर यहां डॉक्टरों ने उसे मृत घोषित कर दिया। मामले की सूचना मिलते ही पुलिस भी अस्पताल पहुंच गई और डॉक्टरों से पूछताछ कर राम्या को हिरासत में ले लिया।
ADVERTISEMENT
पुलिस के सामने कुबूल किया जुर्म
पुलिस ने जब राम्या से पूछा कि उसने अपनी बेटी को क्यों मारा तो राम्या ने बताया कि उसकी बच्ची ऑटिस्टिक थी, जिसकी वजह से उसे संभालने में बहुत दिक्कत होती थी। उसके स्पेशल चाइल्ड होने के नाते राम्या को सबके बीच शर्मिंदगी भी महसूस होती थी। राम्या ने पुलिस के सामने कुबूल किया कि उसने होशो-हवास में पृथिका को खत्म करने का इरादा कर लिया था। और इसे अंजाम देने से पहले जानते बूझते हुए अपनी दूसरी बेटी को प्रीस्कूल भेजा था। पुलिस ने बताया की “जब हम उसके घर गए तो घटनास्थल पर, हमें एक नोट मिला, जिसमें उसने लिखा था, 'मैंने अपनी बेटी को मार दिया है'। राम्या की गिरफ़्तारी के बाद उसकी दूसरी बेटी राम्या के माता-पिता के पास है। परिवार अब राम्या के पति का विदेश से लौटने का इंतज़ार कर रहा है।
ADVERTISEMENT
ADVERTISEMENT