BBC IT RAID: चार की वर्ड के इर्द गिर्द ही घूमती रही इनकम टैक्स डिपार्टमेंट की तलाशी, रात भर खंगालते रहे बीबीसी का दफ्तर
BBC IT RAID: बीबीसी के दिल्ली और मुंबई के दफ्तरों में इनकम टैक्स डिपार्टमेंट के सर्वे की कार्रवाई मंगलवार को शुरू हुई और पूरी रात चलती रही। ये कार्रवाई बुधवार को भी जारी रही। जानकारी सामने आई है कि इनकम टैक्स डिपार्टमेंट के अधिकारी चार की वर्ड के
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BBC IT RAID: दिल्ली और मुंबई में मंगलवार को BBC के दफ्तरों में आयकर विभाग का सर्वे सारी रात चलता रहा। सूत्र बता रहे हैं कि टैक्स में गड़बड़ी को लेकर बीबीसी दफ्तर पर ये तलाशी अभियान चल रहा है। जानकारी तो ये है कि आयकर विभाग का ये सर्वे तीन दिनों तक चल सकता है।
मिली जानकारी के मुताबिक इनकम टैक्स के 15 अफसरों की टीम बीबीसी का रिकॉर्ड खंगाल रही है। इस बीच बीबीसी के कर्मचारियों को घर जाने को बोल दिया गया। लेकिन जिस वक़्त इनकम टैक्स डिपार्टमेंट के अफसर बीबीसी के दफ्तर में तलाशी ले रहे थे उसी दौरान बीबीसी के एडिटरों के साथ उनकी अच्छी खासी बहस भी हो गई।
इस छापेमारी की असली वजह क्या है ये बात अभी तक साफ नहीं हो सकी। अलबत्ता ये जरूर पता चला है कि इनकम टैक्स डिपार्टमेंट का ये सर्वे चार की वर्ड के इर्द गिर्द ही घूमता रहा। जांच के लिए बीबीसी के दफ्तरों पर पहुँची आयकर की टीम के अफसरों ने सबसे पहले वहां काम करने वाले कर्मचारियों के सारे फोन जब्त कर लिए और फिर उन्हें वहां से चले जाने को कहा गया।
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इनकम टैक्स डिपार्टमेंट का दावा है कि इस जांच का ताल्लुक इंटरनेशनल टैक्स से जुड़ा हुआ है। जिसके बारे में कहा जा रहा है कि टैक्स में बिलिंग और टैक्स छुपाने के तौर तरीकों को लेकर कई गड़बड़ियों के संकेत मिले हैं। ये सर्वे अभी कितना और लंबा चलेगा इसके बारे में कोई भी तस्वीर साफ नहीं हो।
उधर बीबीसी के मुख्यालय यानी लंदन से आए एक बयान के मुताबिक बीबीसी का प्रशासन पूरी तरह से अपने कर्मचारियों के साथ है और साथ ही साथ वो ये भी दावा कर रहे हैं कि इनकम टैक्स डिपार्टमेंट के साथ वो पूरी मदद कर रहे हैं। ऐसे में हालात जल्द ही सामान्य होने की उम्मीद जाहिर की गई है। ये बात भी बीबीसी की तरफ से कही गई है कि बीबीसी का आउटपुट और पत्रकारिता का काम पहले की ही तरह से चलता रहेगा।
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सर्च से जुड़ी जो खबर सामने आई है, वो बेहद दिलचस्प है। इनकम टैक्स डिपार्टमेंट के अफसर शेल कंपनी, फंड ट्रांसफर, विदेशी ट्रांसफर समेत चार की वर्ड पर सिस्टम में खोज बीन कर रहे थे। इसी बीच बीबीसी संपादकों ने इनकम टैक्स अधिकारियों को साफ साफ कह दिया कि वो एडिटोरियल संबंधी किसी भी तरह के लेख और सामग्री को लेकर जानकारी साझा नहीं कर सकते।
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जांच देर रात तक चली। बताया जा रहा है कि अभी 3 दिन और पड़़ताल होती रहेगी। इसकी जानकारी IT डिपार्टमेंट ने बीबीसी को दे दी है।
प्रेस क्लब ऑफ इंडिया ने आयकर विभाग के सर्वे की निंदा की है।
उधर ब्रिटेन ने कहा है कि स्थिति पर बारीकी से नजर है। अमेरिका ने भी कहा है कि हम दुनिया भर में स्वतंत्र प्रेस के महत्व का समर्थन करते हैं। उधर एडिटर्स गिल्ड ऑफ इंडिया ने भी इस सर्वे को लेकर चिंता जाहिर की है। एडिटर्स गिल्ड की तरफ से जारी बयान में कहा गया है कि आयकर विभाग की तरफ से बीबीसी के दफ्तरों पर की गई छापामारी की कार्रवाई गहरी चिंता की बात है। ऐसे में इस बात को बल मिल जाता है कि सरकार के काम काजों की आलोचना करने वाले निशाने पर हैं। एडिटर्स गिल्ड ने इस कार्रवाई को 2021 में न्यूज क्लिक और न्यूज लॉन्ड्री के दफ्तरों में की गई आयकर विभाग की कार्रवाई की तरह माना है साथ ही कोरोना महामारी के दौरान ऐसी ही कार्रवाई दैनिक भास्कर और भारत समाचार के खिलाफ भी की गई थी। जबकि फरवरी 2021 में प्रवर्तन निदेशालय ने न्यूज क्लिक के दफ्तर पर मनी लॉन्ड्रिंग के केस में कार्रवाई की थी।
बीबीसी के दफ्तरों पर इनकम टैक्स डिपार्टमेंट की इस कार्रवाई को विपक्ष ने आड़े हाथों लिया है। विपक्ष का कहना है कि बीबीसी ने गुजरात दंगों पर बनाई डॉक्यूमेंट्री के जरिए एक तरह से सरकार पर निशाना साधा और सरकार ने अब अपने तरीके से बीबीसी को निशाने पर ले लिया है। यानी सरकार आजाद आवाज को किसी भी तरह से बर्दाश्त नहीं कर सकती।
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