Bathinda Military Station Firing update: कहां लापता हैं बठिंडा में जवानों के हत्यारे...कहां ग़ायब हैं वो नौ कारतूस...गला क्यों सूख रहा है आला अफसरों को?

ADVERTISEMENT

Bathinda Military Station Firing update: कहां लापता हैं बठिंडा में जवानों के हत्यारे...कहां ग़ायब ह...
बठिंडा मिलिट्री एरिया में हुई जवानों की हत्या के बाद सवालों ने उठाया सिर
social share
google news

पंजाब के बठिंडा मिलिट्री स्टेशन पर हुई फायरिंग की वारदात और आर्मी के एरिया में चार जवानों के शहीद होने की घटना के बाद अब भी कई सवालों की गूंज महसूस हो रही है। क्योंकि यही वो सवाल हैं जिन्होंने सेना के एक हिस्से में हड़कंप मचा रखा है। सवाल पुलिस के बंदोबस्त पर भी है। लेकिन सबसे बड़ा सवाल तो यही है कि आखिर वो हमलावर कहां गायब हो गए जिन्होंने सेना के इलाके में घुसकर ऐसी हरकत करने की हिम्मत की। जिन्होंने इस संगीन वारदात को अंजाम दिया उन्हें जमीन खा गई या आसमान निगल गया। 
चश्मदीदों ने देखा था कि दो हमलावर थे। और दोनों सिविल ड्रेस में थे। एक सवाल और बुरी तरह से झकझोर रहा है कि कुछ रोज पहले ही मिलिट्री स्टेशन से दो राइफलें चोरी हुई थीं...तो क्या चार जवानों के सीनों को उन्हीं राइफलों की गोली से छलनी किया गया। 
वारदात को 24 घंटे से ज़्यादा का वक़्त बीत चुका है बावजूद इसके अभी तक हमलावरों के गिरेबां तक हमारी सुरक्षा एजेंसियों के हाथ क्यों नहीं पहुंचे। छनकर आ रही खबरों पर यकीन किया जाए तो इसे कोई आतंकी हमला मानने को तैयार नहीं है..अलबत्ता ये बात जरूर कही जा रही है कि मुमकिन है कि ये किसी भीतरवाले की ही करतूत है। लेकिन सवाल उठता है कि आखिर वो कौन है। 
आखिर पंजाब के बठिंडा में सुरक्षा में इतनी बड़ी चूक कैसे हो गई। कैसे किसी की हिम्मत हो गई कि वो सेना के इलाके में घुसकर ऐसी वारदात को अंजाम देने के बारे में सोच भी सके। यहां तो वारदात अंजाम भी दे दी। एक राइफल और नौ कारतूस कौन चुरा ले गया। 
बठिंडा मिलिट्री इलाके के आला अफसरों का तो यही कहना है कि ये आतंकी वारदात तो नहीं है...लेकिन वो कुछ सवालों के सामने खामोश हो जाते हैं मसलन
1)- अगर ये आतंकी वारदात नहीं है तो क्या जवान आपस में किसी झगड़े में उलझे और फायरिंग हो गई?
2)- अगर नौबत फायरिंग तक जा पहुँची, तो क्या इसका मतलब ये भी है कि जवानों के बीच लंबे समय से कोई झगड़ा चला आ रहा?
3)- मिलिट्री एरिया में हुई इस फायरिंग में क्या उसी राइफल का इस्तेमाल हुआ जो दो रोज पहले यहीं के एक गार्ड रूम से चोरी हुई थी?
4)- अब तक की तफ्तीश में ये बात सामने आ चुकी है कि जिस इंसास राइफल के गायब होने की बात की जा रही है उसके 28 कारतूस भी नदारद थे, लेकिन 19 कारतूस के खोखे मिल चुके हैं, तो ऐसे में बाकी बचे 9 कारतूस कहां हैं?
5)- यानी ये सवाल तो है ही कि क्या फायरिंग का लापता राइफल और कारतूस का आपस में कोई कनेक्शन है?
6)- क्या मिलिट्री इलाके में सब कुछ ठीक है...अगर कहीं कोई तनाव जैसी कोई बात है तो क्या उसकी खबर सेना के आला अफसरों को भी है?
7)- जैसा चश्मदीदों ने बताया कि दो सिविल ड्रेस के हमलावर देखे गए, और अधिकारी इसे आतंकी वारदात मानने से इनकार कर रहे हैं...तो क्या इससे भी बड़ी वारदात भी हो सकती थी?


ये वारदात बुधवार की सुबह करीब चार बजे के आस पास हुई। सुबह सुबह हुई फायरिंग ने समूचे मिलिट्री और खासतौर पर बठिंडा के आला अफसरों की नींद उड़ा दी है। चार जवानों की मौत भी हो चुकी है। लेकिन अभी तक जांच मुकम्मल नहीं हुई है। मगर इसे आतंकी वारदात मानने से खारिज किया जा रहा है। इलाका सील भी किया जा चुका है। सारी खाना तलाशी भी पूरी की जा रही है और हर उस एंगल से मामले को खंगाला जा रहा है जिससे हमलावरों का सुराग और उनका मकसद पता चल सके। चश्मदीदों से जो कुछ पता चला है कि जिन जवानों को मारा गया उन पर किसी धारदार हथियार से भी हमला किया गया, माना जा रहा है कि जख्म के निशान कुल्हाड़ी की तरफ इशारा करते हैं। और ये सारी वारदात उस वक़्त हुई जब जवान गहरी नींद में सो रहे थे। ऐसे में कई सवालों के सिर उठाने के बाद ये तो जिम्मेदारी किसी न किसी को उठानी ही पड़ेगी कि आखिर ये सब क्या था। अगर सुरक्षा में इतनी बड़ी चूक है तो फिर ये बात सोचने की है, क्योंकि कोई भी बड़ी वारदात कभी भी अंजाम दी जा सकती है और अगर ये काम दुश्मन का है तब तो बात और भी ज़्यादा संजीदा हो जाती है। 
 

    follow on google news
    follow on whatsapp

    ADVERTISEMENT

    ऐप खोलें ➜