Bihar Massacre: बारा नरसंहार में 31 साल बाद 35 लोगों को मिला न्याय, मुख्य आरोपी को मिली उम्रकैद की सजा

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Bihar Massacre Crime News: बिहार के गया जिले की एक अदालत ने प्रतिबंधित संगठन भाकपा माओवादी द्वारा राज्य के इतिहास के सबसे खूनी नरसंहारों में से एक बारा गांव नरसंहार के मुख्य आरोपी को बृहस्पतिवार को उम्रकैद की सजा सुनाई। जिला एवं सत्र न्यायाधीश मनोज कुमार तिवारी ने दोषी राम चंद्र यादव उर्फ किरानी के खिलाफ 3.05 लाख रुपये का जुर्माना भी लगाया। उल्लेखनीय है कि 12 फरवरी 1992 को गया जिले के बारा गांव में हुए नरसंहार में उच्च जाति भूमिहार के 37 लोगों को प्रतिबंधित माओवादी कम्युनिस्ट सेंटर (एमसीसी) के माओवादियों ने मार डाला था । उल्लेखनीय है कि मध्य बिहार में 1980 और 1990 के दशक में माओवादियों और उच्च जाति के भूस्वामियों के निजी मिलिशिया से जुड़ी प्रतिशोधात्मक हिंसा की श्रृंखला के लिए खबरों में रहा। 

Bihar Massacre Crime News: किरानी के वकील तारिक अली ने अदालत फैसले के बाद संवाददाताओं से कहा, ‘‘हम संतुष्ट नहीं हैं और सुनवाई अदालत के फैसले को उच्चतम न्यायालय में चुनौती देंगे ।उन्होंने कहा कि हम अपने मुवक्किल की रिहाई की उम्मीद कर रहे थे क्योंकि उसने लगभग 17 साल सलाखों के पीछे बिताए हैं। आदेश प्राकृतिक न्याय के सिद्धांतों के खिलाफ है।अली ने यह भी कहा कि वह अन्य कानूनी बिंदुओं पर भी आदेश को चुनौती देना चाहते हैं।एक प्रश्न के उत्तर में बचाव पक्ष के अधिवक्ता ने कहा कि नरसंहार के सिलसिले में कई लोगों को गिरफ्तार किया गया था। हालांकि मेरे मुवक्किल की सुनवाई स्वतंत्र रूप से किया जा रहा था।

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