आखिरकार आदमखोर भेड़िए को वन विभाग ने पकड़ा, लेकिन छठा भेड़िया अभी तक 'फरार', देखिए वीडियो
Bahraich Wolf Attack: आखिरकार भेड़िया पकड़ में आ ही गया। इससे बहराइच में रहने वाले लोगों ने राहत की सांस ली लेकिन अभी भी छठा भेड़िया गिरफ्त से बाहर है। उसे पकड़ने की हर संभव कोशिशें जारी है।
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न्यूज़ हाइलाइट्स
आदमखोर भेड़िए को वन विभाग ने पकड़ा
वन विभाग की मुश्किलें अभी भी कायम
अभी भी छठा भेड़िया 'फरार'
रामबन और समर्थ श्रीवास्तव के साथ चिराग गोठी की रिपोर्ट
Bahraich Wolf Attack: यूपी फॉरेस्ट डिपार्टमेंट की मेहनत आज रंग लाई। बहराइच में पांचवां आदमखोर भेड़िया पकड़ लिया। बकरी का शिकार करने के बाद ये भेड़िया अपने ठिकाने पर बेफिक्र था लेकिन तभी फॉरेस्ट डिपार्टमेंट के चुस्त गार्डों ने उसे दबोच लिया। ये साफ नहीं है कि ये वही लंगडा भेड़िया है, जिसकी तलाश वन विभाग को थी। इस भेड़िये को थाना हरदीक्षेत्र के कोलैला इलाके के हरिबक्श पुरवा से पकड़ा गया।
पिछले कई दिनों से चल रहा है 'ऑपरेशन भेड़िया' मुहिम
वन विभाग दिन और रात लगातार ऑपरेशन कर रहा था। मंगलवार सुबह 6 से 7 के बीच पूरा ऑपरेशन किया गया। 1 घंटे के अंदर आदमखोर भेड़िए को पकड़ा गया। टीमों ने ड्रोन का इस्तेमाल नहीं किया, बल्कि Pug मार्क्स के जरिए इस भेड़िए को पकड़ा। ड्रोन का इस्तेमाल केवल वहां किया गया, जहां से यह भेड़िया भाग सकता था।
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रात में भेड़िए ने एक बकरी का शिकार किया था। इसके बाद जब फॉ़रेस्ट डिपार्टमेंट की टीम वहां पहुंची तो फ्रेश pug मार्क्स मिले, जिसे फॉलो किया और भेड़िए को पकड़ लिया। अब इस भेड़िये का मेडिकल कराया जाएगा और इसके बाद इसे जू में भेज दिया जाएगा।
अभी भी एक भेड़िया पकड़ा जाना बाकी
आदमखोर भेड़िया तो पकड़ा गया लेकिन अभी भी वन विभाग की चुनौती खत्म नहीं हुई है। पांच भेड़िये पकड़े जा चुके हैं लेकिन अभी भी एक भेड़िया है, जो जंगलों में छिपा हुआ है। नदी के कछार में अब वन विभाग की टीम छठे भेड़िये को पकड़ने के लिए लगातार अभियान चला रही है। वन विभाग कई स्तर पर अभियान छेड़े हुए हैं। 18 शार्प शूटर नदी से लेकर कछार तक भेड़िए की तलाश कर रहे हैं। जगह-जगह ड्रोन उड़ाकर भेड़िये को तलाशा जा रहा है।
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बहराइच के 35 से ज्यादा गांवों में भेड़ियों का आतंक!
भेड़ियों का खौफ बहराइच जिले के 35 से ज्यादा गांवों में है। अब तक 9 बच्चों समेत 10 लोगों की मौत हो चुकी है। बहराइच में इन आदमखोर भेड़ियों को पकड़ने के लिए 5 वन प्रभागों बहराइच, कतर्नियाघाट वाइल्ड लाइफ, श्रावस्ती, गोंडा और बाराबंकी की लगभग 25 टीमें लगी हुई हैं। महसी तहसील क्षेत्र में 12 टीमें लगाई गई हैं। PAC जवानों की दो कंपनियां भी स्थानीय पुलिस के साथ तैनात है।
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अब तक भेड़िए ने कई वारदातों को अंजाम दिया -
1- 10 मार्च की रात 11:30 बजे मिश्रनपुरवा में बाहर टिनशेड में मां की गोद से बच्ची को भेड़िया छीन कर ले गया था। गन्ने के खेत में खून से लथपथ उसके कपड़े मिले थे।
2 - 23 मार्च रात 1:30 बजे ग्राम महसी के नयापुरवा गांव में आंगन से मां की गोद में सो रहे डेढ़ साल के छोटू को भेड़िया उठा कर ले गया था। बाद में उसका बिना सिर के शव मिला था।
3 - 17 जुलाई की रात 10:30 बजे मां के साथ सो रहे मक्कापुरवा के एक साल के अख्तर रजा इसका शिकार बना था। सुबह गन्ने के खेत में उसका शव मिला था।
4 - 27 जुलाई को तड़के 3:30 बजे नकवा निवासी खुले बरामदे में सो रही राकेश की दो साल की बेटी प्रतिभा भेड़िये का शिकार बनी थी।
5 - 3 अगस्त की रात 2 बजे कोलैला गांव में बिना पल्ले के कमरे में सो रहे किशन (8) को भेड़िया उठा ले गया था। उसका शव खेत में मिला था।
6- 17 अगस्त को रात 10:45 बजे महसी के सिगिया नसीरपुर में कमरे के बाहर खुले में चारपाई पर मां सुनीता के साथ सो रही चार वर्षीय संध्या को भेड़िया उठा कर ले गया था।
7- 22 अगस्त की रात साढ़े 11 बजे भटौली गांव में बाहर बरामदे में अपनी दादी के पास सो रही 8 वर्षीय खुशबू को भेड़िया ले गया था। सुबह उसका शव बरामद हुआ था।
8- 45 वर्षीय रीता देवी भी भेड़िया का शिकार हुई थी। वो कुम्हारन पुरवा, महसी गांव की रहने वाली थी।
9- 27 अगस्त को दीवान पुरवा में रहने वाला पांच साल का अयांश भी भेड़िये का शिकार हुआ था।
10- ढाई वर्षीय अंजली भेड़िये का आखिरी शिकार थी। उसका परिवार थाना हरदी इलाके में रहता था।
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