बहराइच में फिर किया भेड़िए ने हमला, इस बार 10 साल का बच्चा जख्मी, इलाके में अब भी दो भेड़ियों का आतंक

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बहराइच में फिर किया भेड़िए ने हमला, इस बार 10 साल का बच्चा जख्मी, इलाके में अब भी दो भेड़ियों का आतंक
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न्यूज़ हाइलाइट्स

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भेड़िए ने 10 साल के बच्चे को बनाया निशाना

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बच्चे के गले और चेहरे पर किया हमला

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अभी भी दो भेड़ियों का आतंक बरकरार

Bahraich Wolf Attack News: बहराइच के लोधन पुरवा गांव में आदमखोर भेड़िए ने गुरुवार रात 10 साल के संगम को निशाना बनाया और गले और चेहरे पर हमला कर घायल कर दिया। घर वालों ने बताया कि किस तरह भेड़िया जंगल के रास्ते आया और घर के अंदर जा रहे संगम को अपनी ओर खींचकर हमला कर दिया। गांव वालों के शोर मचाने पर भेड़िया वापस जंगल में चला गया। 

10 साल के बच्चे पर किया हमला

संगम की बहन ने कहा कि यहां स्ट्रीट लाइट लगी है, लेकिन जलती नहीं है। इसी अंधेरे का फायदा उठाकर भेड़िए ने हमला किया। इस गांव में सुबह करीब 9 बजे दो और हमले हुए, लेकिन ये हमला एक कुत्ते ने किया जिसे गांव वाले भेड़िया बता रहे थे। गांव वालों ने उसे डंडों से पीट कर खत्म कर दिया। 

पीड़ित संगम ने आज तक को बताया को वो रात 9 बजे शौच के लिए गया था कि तभी अचानक भेड़िए ने उस पर हमला कर दिया। मगर किस्मत से उसकी चीखें सुनकर गांव वाले जमा हो गए और भेड़िए शोर सुनकर भाग गया। संगम की ताई ने बताया कि- भेड़िया काफी बड़ा था। वो देखने में चितकबरे रंग का था और उसका मुंह लाल सा था। 

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200 से ज्यादा सिपाही,18 शार्प शूटर्स, दर्जन भर अफसर और पूरा गांव, लेकिन फिर भी 2 भेड़ियों के आतंक से लोगों को निजात नहीं मिल पा रही। आमदखोर भेड़ियों की तलाश में अब तक जितने भी अभियान चलाए गए, सब नाकामयाब रहे हैं। भेड़ियों के ज्यादातर हमले रात में ही होते हैं और शिकार लेकर वो जंगल की ओर निकल जाते हैं जबकि वन विभाग की टीमें उन्हें ढूंढती रह जाती हैं। 

लोग भेड़ियों के आतंक से बुरी तरह खौफजदा हैं। इन हमलों में अब तक 10 लोगों की मौत हो चुकी है। और कई जख्मी हैं। भेड़िये ठीक प्रशासन और वन विभाग की नाक के नीचे आए दिन किसी न किसी को अपना शिकार बना रहे हैं। दूसरी ओर प्रशासन का 'ऑपरेशन भेड़िया' बचे हुए दो भेड़ियों को पकड़ पाने में अब तक नाकाम साबित हुआ है। हालांकि इसके पहले चार भेड़ियों को पकड़ा जा चुका है, लेकिन दो भेड़िए अब भी आजाद घूम रहे हैं। ये दोनों ही अब लोगों को निशाना बना रहे हैं। प्रशासन बार बार दावा कर रहा है कि यहां सिर्फ दो भेड़िये और बचे हैं, लेकिन लोगों का कहना है कि इलाके में तीन भेड़िए घूम रहे हैं। फिलहाल उनकी सही संख्या जानने और उन्हें पकड़ने के लिये प्रशासन और वन विभाग की कोशिशें अब भी जारी हैं।  

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बहराइच के 35 से ज्यादा गांवों में भेड़ियों का आतंक!

भेड़ियों का खौफ बहराइच जिले के 35 से ज्यादा गांवों में है। अब तक 9 बच्चों समेत 10 लोगों की मौत हो चुकी है। बहराइच में इन आदमखोर भेड़ियों को पकड़ने के लिए 5 वन प्रभागों बहराइच, कतर्नियाघाट वाइल्ड लाइफ, श्रावस्ती, गोंडा और बाराबंकी की लगभग 25 टीमें लगी हुई हैं। महसी तहसील क्षेत्र में 12 टीमें लगाई गई हैं। PAC जवानों की दो कंपनियां भी स्थानीय पुलिस के साथ तैनात है। 

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भेड़ियों के हमले को लेकर सीएम योगी ने अधिकारियों को निर्देश दिए हैं। अब तक हुए हमलों पर एक नजर डालते हैं।

1- 10 मार्च की रात 11:30 बजे मिश्रनपुरवा में बाहर टिनशेड में मां की गोद से बच्ची को भेड़िया छीन कर ले गया था। गन्ने के खेत में खून से लथपथ उसके कपड़े मिले थे।

2 - 23 मार्च रात 1:30 बजे ग्राम महसी के नयापुरवा गांव में आंगन से मां की गोद में सो रहे डेढ़ साल के छोटू को भेड़िया उठा कर ले गया था। बाद में उसका बिना सिर के शव मिला था। 

3 - 17 जुलाई की रात 10:30 बजे मां के साथ सो रहे मक्कापुरवा के एक साल के अख्तर रजा इसका शिकार बना था। सुबह गन्ने के खेत में उसका शव मिला था।

4 - 27 जुलाई को तड़के 3:30 बजे नकवा निवासी खुले बरामदे में सो रही राकेश की दो साल की बेटी प्रतिभा भेड़िये का शिकार बनी थी।

5 - 3 अगस्त की रात 2 बजे कोलैला गांव में बिना पल्ले के कमरे में सो रहे किशन (8) को भेड़िया उठा ले गया था। उसका शव खेत में मिला था।

6- 17 अगस्त को रात 10:45 बजे महसी के सिगिया नसीरपुर में कमरे के बाहर खुले में चारपाई पर मां सुनीता के साथ सो रही चार वर्षीय संध्या को भेड़िया उठा कर ले गया था।

7- 22 अगस्त की रात साढ़े 11 बजे भटौली गांव में बाहर बरामदे में अपनी दादी के पास सो रही 8 वर्षीय खुशबू को भेड़िया ले गया था। सुबह उसका शव बरामद हुआ था।

8-  45 वर्षीय रीता देवी भी भेड़िया का शिकार हुई थी। वो कुम्हारन पुरवा, महसी गांव की रहने वाली थी। 

9-  27 अगस्त को दीवान पुरवा में रहने वाला पांच साल का अयांश भी भेड़िये का शिकार हुआ था।

10- ढाई वर्षीय अंजली भेड़िये का आखिरी शिकार थी। उसका परिवार थाना हरदी इलाके में रहता था।

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