गले, सीने और पेट पर भी घाव, दर्जनों वार किए साजिद ने बच्चों पर, पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट से हुआ खुलासा

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गले, सीने और पेट पर भी घाव, दर्जनों वार किए साजिद ने बच्चों पर, पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट से हुआ खुलासा
Badaun Murder Case
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अंकुर चतुर्वेदी के साथ चिराग गोठी की रिपोर्ट

Badaun Murder Case: यूपी के बदायूं में बेरहमी से की गई दो मासूम बच्चों की हत्या के बाद बच्चों की पोस्टमार्टम रिपोर्ट सामने आ गई है। रिपोर्ट से खुलासा हुआ कि आयुष और आहान के शरीर पर धारदार हथियार से कई बार वार किए गए थे। दोनों बच्चों (आयुष और आहान) का पोस्टमार्टम 3 डॉक्टरो के पैनल ने किया था। आयुष (13) के शरीर पर 9 घाव मिले। आयुष के गले के साथ-साथ हाथ, सीने और पेट पर भी घाव थे। आहान उर्फ हनी (6) के शरीर पर 11 घाव मिले। दोनों बच्चों की मौत की वजह उनकी गर्दन पर धारदार हथियार से आए गहरे घाव से हुई है।

उधर, बच्चों की मां ने खुलकर बयां दिया है। बच्चों की मां संगीता ने कहा, 'साजिद उसे भी मार डालना चाहता था, जब वह ऊपर की तरफ भागी तो साजिद चिल्लाने लगा और कहने लगा कि आ जा आ जा। उसके सिर पर खून सवार था, मैंने किसी तरह अपनी जान बचाई। अगर बेटा पीयूष ऊपर न गया होता और यह सब होते ना देखा होता तो घर में शायद सब एक-एक कर मारे जाते। जावेद ही अब राज से पर्दा उठा सकता है, उसको भी उसी तरह मारा जाए, जिस निर्मम तरह से 24 वार कर मेरे बच्चों को मारा गया। उसका एनकाउंटर नहीं करना चाहिए, वह राज उगलेगा।'

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पिता विनोद में कहा, 'जरूर इसके पीछे कोई न कोई राज है, ऐसे ही कोई किसी के बच्चे को नहीं मार देगा। इसकी जांच होनी चाहिए। कोई तो बात है, जो सामने नहीं आ पा रही है।'

दादी ने कहा, 'सबसे छोटा वाला नीचे डांस करना चाह रहा था। जब टीवी चलाने को बोला तो पीयूष ने ध्यान नहीं दिया और वह खेल-खेल में ऊपर सेलून वाले पोर्शन में खिलौने वाली कार चलाने लगा, तभी साजिद आया था। बच्चे उसे भैया जी कहते थे उसे और वो ही बाल काटता था। उसकी दुकान किसी दिन बंद नहीं रहती थी। हर दिन खुलती थी।'

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FIR में ये लिखा है - शिकायतकर्ता विनोद कुमार

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कल पौने 7 बजे हमारे घर के सामने नाईं की दुकान करने वाला साजिद, पुत्र बाबू, नि० ग्राम - सखानूँ, थाना अलापुर अपने भाई जावेद के साथ मोटर साइकिल पर आये। साजिद मोटर साइकिल से उतरकर मेरे घर के अन्दर आया। उस समय घर पर मेरी पत्नी श्रीमती संगीता देवी व मेरी माता श्रीमती मुन्नी देवी तथा मेरे तीन छोटे बच्चे, जिनके नाम क्रमशः 1- आयुष प्रताप उम्र 13 वर्ष, 2- पीयूष प्रताप उम्र 9 वर्ष और 3- आहान प्रताप उम्र 6 वर्ष मौजूद थे। साजिद ने घर आकर मेरी पत्नी से कहा कि मेरी पत्नी की डिलीवरी होनी वाली है। आज रात्रि 11 बजे का समय दिया गया है। उस समय साजिद का भाई जावेद मोटर साइकिल लिये बाहर खड़ा था। साजिद ने मेरी पत्नी से 5000 रुपए मांगे। मेरी पत्नी ने कहा कि अभी लाकर देती हूँ, तभी साजिद ने मेरे बीच वाले लड़के से पुड़िया लाने को कहा। पीयूष पुड़िया लेने चला गया फिर साजिद ने मेरी पत्नी से कहा पता नहीं आज मेरा मन घबरा रहा है, थोड़ा छत पर घूम लेता हूँ। 
मेरे छोटे लड़के पीयूष को अपने साथ ऊपर लेकर चल दिया तथा मेरे बडे़ लडके आयुष से पानी लाने को कहा और उसने अपने भाई जावेद को भी अन्दर बुला लिया। ये चारों जावेद, साजिद तथा मेरे दो लडके आयुष और आहान उनके साथ ऊपर चले गये। मेरी पत्नी श्रीमती संगीता पैसे लेने अन्दर घर में चली गई तब मेरी पत्नी अन्दर से पैसे लेकर बाहर आई तो साजिद व जावेद जीने से उतर रहे थे। साजिद व जावेद के हाथों में खून से सनी हुई छुरी थी और उन्होंने मेरी पत्नी को देखते ही कहा कि आज मैंने अपना काम पूरा कर दिया है। उनके हाथ में छुरी देखकर मेरी पत्नी एकदम घबराकर चिल्लाई तो मोहल्ले के काफी लोग आ गये, जिन्होंने उनको पकड़ने की कोशिश की, लेकिन जावेद भाग गया। साजिद को भीड़ ने पकड़ लिया। फिर मेरी पत्नी ने ऊपर जाकर देखा तो मेरे दोनों लड़के खून में लथपथ थे तथा उनकी मृत्यु हो चुकी थी। तभी मेरा लड़का बाहर से पुड़िया लेकर आ गया। जावेद ने मेरे पुत्र पीयूष को भी जान से मारने की नीयत से छुरी से वार किया जिससे उसके हाथ मे गंभीर चोट आयी। वहाँ मौजूद जनता ने साजिद को पुलिस के हवाले कर दिया। मौके पर काफी भीड़ आ गई थी तथा भीड़ का आक्रोश था। भीड का तथा अन्धेरे का फायदा उठाकर आरोपी वहां से भाग गया। मेरी पत्नी व मेरी माता के अलावा मौहल्ले के अन्य काफी लोगों ने भी देखी है। साजिद व जावेद से मेरी कोई दुश्मनी नहीं थी। मुझे पता नहीं इन दोनों ने मेरे बच्चो की हत्या क्यों की?  मेरे बच्चों की लाश घर पर है।

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