नहीं रहे 'CD' वाले बाबा परमानंद, आशीर्वाद लेने विदेशों से आती थी महिलाएं

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नहीं रहे 'CD' वाले बाबा परमानंद, आशीर्वाद लेने विदेशों से आती थी महिलाएं
हार्ट अटैक से हुआ बाबा परमानंद का निधन
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Baba Parmanand Died: जो पहले जमाने भर को जुग जुग जीने का आशीर्वाद दिया करते थे, जो बाबा निसंतान महिलाओं को पुत्र रत्न पाने का आशीर्वाद देने के लिए जाने जाते थे, और जिन बाबा के दरबार में आशीर्वाद पाने वाली महिलाओं का तांता लगा रहता था, उन बाबा परमानंद का हार्ट अटैक से निधन हो गया। बाबा परमानंद अब इस दुनिया में नहीं रहे। उत्तर प्रदेश के बाराबंकी से लेकर गाजियाबाद तक अपने आशीर्वाद के लिए मशहूर बाबा को दिल का दौरा पड़ने के बाद लखनऊ के लारी अस्पताल में भर्ती कराया गया था। लेकिन बुधवार को उनके न रहने की खबर अस्पताल से बाहर आई।  

आश्रम में लगता था आशीर्वाद लेने वालों का तांता

बाबा परमानंद के आश्रम में रोजाना बड़ी संख्या में देश से ही नहीं, बल्कि पड़ोसी मुल्कों नेपाल और भूटान से भी बड़ी तादाद में महिलाएं आती थीं। बाबा के आशीर्वाद की महिमा इतनी ज़्यादा थी कि बड़े-बड़े नेताओं और आला अधिकारियों का आश्रम में तांता लगा रहता था। 

एक कमरे से शुरू हुआ इलाज का सिलसिला

बाबा परमानंद का असली नाम रामशंकर था। करीब 30 साल पहले रामशंकर बाबा परमानंद बनने से पहले एक कमरे में रहा करते थे और वहीं कमरे में उन्होंने एक मूर्ति की स्थापना की थी। उसके बाद ढोलक मंजीरे और हारमोनियम के साथ तंत्र मंत्र करने लगे। झाड़ फूंक के साथ उनकी संगीत की थेरेपी की चर्चा दूर तक होने लगी और दावा किया जाने लगा कि लाइलाज बीमारी का भी बाबा इलाज कर देते हैं। 

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कई नामों से थी बाबा की पहचान

लोग बाबा का गुणगान करने लगे और देखते ही देखते वो छोटा कमरा एक बड़े आश्रम में तब्दील हो गया। जैसे जैसे उनकी शोहरत बढ़ी उनके नाम भी बढ़ने लगे। पहले लोग सिर्फ रमाशंकर के नाम से जानते थे फिर बाबा रमाशंकर हुए लेकिन उसके बाद तो रमाशंकर स्वामी, स्वामी परमानंद, शक्ति बाबा और यहां तक कल्याणी गुरु के नाम से उनकी पहचान होने लगी। 

सीडी की वजह से सुर्खियों में छाए

गेरुआ लबादा और सफेद दाढ़ी के बीच गले में मोटी मोटी मालाएं और हाथों की सभी अंगुलियों में अंगूठी पहनने वाले परमानंद अचानक खबरों की सुर्खियों में तब छा गए जब उनकी एक सीडी जमाने भर में फैल गई। ये बात 2016 की है। असल में बाबा परमानंद का अश्लील वीडियो सामने आ गया था, उसके बाद ही पुलिस उनके पीछे पड़ गई थी। उनके खिलाफ यौन शोषण का आरोप लगा। खुलासा हुआ कि आश्रम में निसंतान महिलाओं को पुत्र रत्न का आशीर्वाद देने के नाम पर बाबा यौन शोषण करते हैं। इस इल्जाम के खुलासे के बाद बाबा परमानंद कहीं फरार हो गए थे। कई महीनों की दौड़भाग के बाद ही बाबा कानून के शिकंजे में आए और उसके बाद सलाखों के पीछे भी रहने को मजबूर हुए। बहुत लंबे समय तक जेल में रहने के बाद ही उन्हें जमानत मिली थी। फिलहाल वो घर पर ही थे। 

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आला अधिकारी और नेता भी आते थे आश्रम में

बताया जाता है कि शनिवार से मंगलवार तक बाराबंकी के आश्रम में बाबा का दरबार लगता था। उस दरबार में महिलाएं आकर बताती थीं कि उन्हें बाबा के आशीर्वाद से संतान प्राप्ति हुई है। आरोप लगाने वालों ने तो यहां तक कहा है कि परमानंद ने डाली चढ़ाने के नाम पर भी जमकर वसूली की थी। धीरे-धीरे भक्तों के साथ ही पुलिस, प्रशासन और राजनेता भी परमानंद का आशीर्वाद लेने दरबार में पहुंचने लगे थे

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