Atiq Murder FIR: 'हम अतीक को मार कर अपना नाम कमाना चाहते थे'

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Atiq Murder FIR: 'हम अतीक को मार कर अपना नाम कमाना चाहते थे'
Atiq Murder FIR: 'हम अतीक को मार कर अपना नाम कमाना चाहते थे'
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Atiq Updates: अतीक अहमद और उसके भाई अशरफ अहमद की शनिवार रात हुई हत्या के मामले में पुलिस ने रविवार की सुबह तीन आरोपियों के खिलाफ नामजद FIR दर्ज की है। एफआईआर के मुताबिक,  आरोपी ने कुबूल किया है कि वो अतीक और अशरफ को मार कर अपना नाम कमाना चाहते थे। इनके गैंग को खत्म कर देना चाहते थे।

पुलिस ने बताया कि प्रयागराज के धूमनगंज थाना प्रभारी निरीक्षक (एसएचओ) राजेश कुमार मौर्य ने ‍शाहगंज थाने में प्राथमिकी दर्ज कराई है। दर्ज प्राथमिकी के अनुसार, अतीक अहमद और अशरफ की हत्या में लवलेश तिवारी (बांदा), मोहित उर्फ सनी (हमीरपुर) और अरुण मौर्य (कासगंज-एटा) के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज की गई है।

 

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पुलिस ने बताया कि तीनों आरोपियों के खिलाफ भारतीय दंड संहिता की धाराओं 302 (हत्या) और 307 (हत्या के प्रयास) के अलावा आयुध अधिनियम के तहत मामला दर्ज किया गया है। पुलिस ने तीनों आरोपियों को रात में ही पकड़ कर घटना में प्रयुक्त हथियार को बरामद कर लिया था।

अतीक और उसके भाई अशरफ की शनिवार रात अज्ञात हमलावरों ने उस समय गोली मारकर हत्या कर दी थी, जब पुलिस दोनों को चिकित्सकीय जांच के लिए मेडिकल कॉलेज ले जा रही थी।

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इस दोहरे हत्याकांड का एक वीडियो सार्वजनिक हुआ है, जिसमें तीन हमलावर दोनों भाइयों को गोली मारते नजर आ रहे हैं और गोली लगते ही दोनों भाई जमीन पर गिर जाते हैं। गोलियों से छलनी दोनों के शवों को घटनास्थल से ले जाया गया। इस सनसनीखेज हत्याकांड के बाद से इलाके में तनाव है।

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उत्तर प्रदेश के मुख्‍यमंत्री योगी आदित्‍यनाथ ने घटना की उच्‍च स्‍तरीय जांच का आदेश देते हुए तीन सदस्यीय न्यायिक जांच आयोग के गठन के निर्देश दिए हैं। वहीं, घटना के बाद उत्तर प्रदेश के सभी जिलों में दंड प्रक्रिया संहिता (सीआरपीसी) की धारा-144 के तहत निषेधाज्ञा लागू कर दी गई है।

अहमद और उसके भाई अशरफ को 2005 के उमेश पाल हत्याकांड के सिलसिले में सुनवाई के लिए प्रयागराज लाया गया था।

झांसी में 13 अप्रैल को अहमद का बेटा असद और उसका एक साथी पुलिस मुठभेड़ में मारे गए थे। असद का शव शनिवार सुबह प्रयागराज में कसारी मसारी कब्रिस्तान में कड़ी सुरक्षा व्यवस्था के बीच दफनाया गया, जबकि उसके साथी गुलाम का शव शिवकुटी स्थित कब्रिस्तान में दफन किया गया।

संयोग से, उस वक्त उत्तर प्रदेश पुलिस कब्रिस्तान से लगभग तीन किलोमीटर दूर धूमनगंज पुलिस थाने में अहमद और अशरफ से पूछताछ कर रही थी।

बहुजन समाज पार्टी (बसपा) के विधायक राजू पाल की हत्या मामले के मुख्य गवाह उमेश पाल और उसके दो पुलिस सुरक्षा गार्ड की 24 फरवरी को प्रयागराज के धूमनगंज इलाके में गोली मारकर हत्या कर दी गई थी।

उमेश पाल की पत्नी जया पाल द्वारा दर्ज कराई गई शिकायत के आधार पर 25 फरवरी को अतीक, अशरफ, अतीक की पत्नी शाइस्ता परवीन, असद सहित उसके दो बेटों, शूटर गुड्डू मुस्लिम और गुलाम तथा नौ अन्य के खिलाफ मामला दर्ज किया गया था।

उत्तर प्रदेश पुलिस 2006 के उमेश पाल अपहरण मामले में अतीक और अशरफ को एक अदालत में पेश करने के लिए गुजरात के अहमदाबाद में उच्च सुरक्षा वाली साबरमती केंद्रीय जेल से 26 मार्च को प्रयागराज ले आई थी। अदालत ने 28 मार्च को अपहरण मामले में अतीक और दो अन्य को आजीवन कारावास की सजा सुनाई थी।

पुलिस ने कहा कि अतीक पर उमेश पाल हत्याकांड सहित 100 से अधिक आपराधिक मामले दर्ज थे।

अतीक ने सुरक्षा के लिए उच्चतम न्यायालय का रुख किया था। उसने अपनी याचिका में दावा किया था कि उसे और उसके परिवार को उमेश पाल हत्याकांड में झूठा फंसाया गया है। अतीक ने आशंका जताई थी कि उत्तर प्रदेश पुलिस उसे फर्जी मुठभेड़ में मार सकती है।

 

इनपुट - पीटीआई

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