क्या अतीक की धमकी ने ही ले ली उसकी जान? सिर्फ 48 घंटे पहले कही थी माफिया ने ये बात!

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क्या अतीक की धमकी ने ही ले ली उसकी जान? सिर्फ 48 घंटे पहले कही थी माफिया ने ये बात!
अतीक के कहे शब्दों ने लगाई उसकी मौत पर मुहर?
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अतीक अहमद और अशरफ को गोली मारे जाने के बाद अनगिनत सवालों के बीच एक आवाज़ बार बार झकझोर रही है...जो एक सवाल के तौर पर भी है और शायद कहीं न कहीं जवाब भी उसी बात में छुपा हुआ है। 

13 अप्रैल को प्रयागराज में कोर्ट से थाने लौटते समय माफिया डॉन ने अपने बेटे के एनकाउंटर के बाद उसके जनाजे में शामिल न होने की बात से दुखी होकर एक बात कही थी...अतीक ने गुस्से में आकर कहा था कि अगर वो ज़िंदा रहा तो इसका बदला लेकर रहेगा। 

जाहिर है एक पिता के तौर पर अतीक के लिए असद की मौत की खबर शायद सबसे बड़ी भी थी और उसको भीतर तक झकझोर देने के लिए भी रही होगी...और ऐसे हालात में उसके दिल में बदला लेने जैसी बात का आना कोई ताज्जुब जैसी बात नहीं है। चूंकि वो जिस बैकग्राउंड से आता है...वहां ऐसी बात और ऐसे जुमले बेहद कॉमन भी हैं। एक अपराधी कुछ कुछ ऐसा ही सोच भी सकता है लिहाजा इसमें कोई नई बात नहीं...

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लेकिन यहां बात गौर करने वाली ये है कि अतीक के मुंह से निकले इन शब्दों के महज 48 घंटों के भीतर ही उसका खात्मा हो गया? यानी उसे इतना भी मौका नहीं मिला कि वो अपने बेटे असद की मौत के गम से बाहर आकर सांस भी ले सके। 

ऐसे में ये सवाल वाजिब जाता है कि वो कौन है जिससे अतीक वाकई बदला लेना चाहता था...क्या अतीक को पता था कि उसके परिवार की तबाही के पीछे असल में किसका हाथ है...क्या अतीक जानता था कि उसे भी जल्दी ही मार दिया जाएगा...क्या अतीक को अपनी मौत की परछाईं दिखने लगी थी तभी तो आमतौर पर खामोश रहने वाला ये माफिया डॉन क्यों बौखलाहट में धमकी देने पर उतारू हो गया था...

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लेकिन इन सवालों से इतर कुछ और भी सवाल उठते हैं जो उसका अक्स दिखाने की कोशिश करते हैं जिसके इशारे पर अतीक को गोली से छलनी कर दिया गया। 

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क्या वो शख्स जानता था कि वाकई अतीक ने गुस्से में जो धमकी दी है वो वाकई सच है? क्या अतीक जिससे बदला लेने की बात कह रहा है वो वाकई ऐसा कर सकता है? उमेश पाल हत्याकांड के बाद से ही यूपी पुलिस और यूपी एसटीएफ ने अतीक और उसके पूरे कुनबे का कच्चा चिट्ठा खोलकर रख दिया। यूपी पुलिस ने माफिया अतीक की पूरी बखिया उधेड़कर रख दी थी। लेकिन अब भी कई राज यूपी पुलिस को अतीक से जानने थे। ऐसे में उत्तर प्रदेश पुलिस की पूरी कोशिश यही थी कि जैसे भी हो अतीक के सीने में छुपे राज बाहर लाने की कोशिश की जाए...तो क्या अतीक किसी ऐसी बिसात की तरफ भी इशारा करने वाला था जिससे किसी बड़े कनेक्शन के तार खुल सकते थे। किसी बड़े लीडर और नेता का नाम भी सामने आ सकता था...किसी ऐसे रसूखदार के नाम का खुलासा हो सकता था जिससे सूबे के साथ साथ देश में भी हड़कंप मच सकता था...लिहाजा उसने किसी भी सूरत में अतीक को इतना मौका देना भी गवारा नहीं किया कि वो दोबारा सांस लेकर बदला लेने और उसे अंजाम तक पहुँचाने का इरादा भी कर सके। 

जाहिर है ये एक कयासों से भरा एक ऐसा किस्सा है जिसमें छुपी सच्चाई से शायद ही कोई इनकार कर सके। लेकिन ये सच है कि अतीक के धमकी देने वाले उन अल्फाज के फिजा में तैरते ही उसकी मौत पर मुहर लग गई थी और चंद घंटों के भीतर ही उसे हमेशा हमेशा के लिए खामोश कर दिया गया। 

अब ये पता लगाने की बात है कि अतीक को किससे बदला लेना था और किसके इशारे पर असल में अतीक का मुंह हमेशा हमेशा के लिए बंद कर दिया गया। 

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