Umesh Pal murder case: ...और माफिया मिट्टी में मिलने शुरू हो गए! मुख्यमंत्री के ऐलान के बाद हो गया पहला एनकाउंटर
Umesh Pal murder case: उत्तर प्रदेश में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के माफिया को मिट्टी में मिलाने के ऐलान के बाद यूपी पुलिस की एसटीएफ ने पहला एनकाउंटर करके उस बदमाश को एनकाउंटर में मार गिराने का दावा किया है जो वारदात में इस्तेमाल की गई क्रेटा गा
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Umesh Pal murder case: मिट्टी में मिलना शुरू हो गया। ये शब्द उत्तर प्रदेश पुलिस के सबसे बड़े अफसर प्रशांत कुमार के हैं। ये बात उन्होंने उस वक़्त कही जब कुछ देर पहले ही सुर्खियों में प्रयागराज में हुए उमेश हत्याकांड के सिलसिले में एक बदमाश को एनकाउंटर में ढेर करने का दावा यूपी पुलिस ने किया था।
खुलासा है कि उत्तर प्रदेश पुलिस की एसटीएफ ने अरबाज नाम के उस बदमाश को मार गिराया जो इस हत्याकांड के दौरान इस्तेमाल की गई क्रेटा गाड़ी को ड्राइव कर रहा था। और इसी एनकाउंटर के बाद उत्तर प्रदेश पुलिस के प्रमुख प्रशांत कुमार ने बड़े मुस्कुराते हुए अंदाज में कहा कि मिट्टी में मिलना शुरू हो गया है।
असल में दो दिन पहले ही उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने विधान सभा में ये ऐलान किया था कि वो उत्तर प्रदेश के तमाम माफिया को मिट्टी में मिला देंगे। अब ये सही था या ग़लत इसका तो अंदाजा नहीं, अलबत्ता उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री की कही बातों को उनकी पुलिस ने ज़मीन पर उतारना शुरू कर दिया और उत्तर प्रदेश में मुख्यमंत्री के ऐलान के बाद पहला एनकाउंटर हो गया। उस एनकाउंटर में क्रेटा गाड़ी को ड्राइव करने वाले अरबाज को मौत की नींद सुला दिया।
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शुक्रवार को उत्तर प्रदेश के प्रयागराज में जो कुछ भी हुआ, जिन तस्वीरों ने सामने आकर समूचे उत्तर प्रदेश को दहलाया, जहां बीच बाजार एक विधायक की हत्या के चश्मदीद को सड़कों पर दौड़ा कर मार दिया जाता है, जो शख्स धमकी और हत्या की शिकायत दर्ज करा चुका था उसे बेरहमी से मौत के घाट उतार दिया गया...आखिर इस सबके पीछे किसका हाथ है? इस वक़्त उत्तर प्रदेश में यही सवाल चारो तरफ गूंज रहा है।
अपराधी गली में घुसकर ताबड़तोड़ गोलियां चलाते हैं...बम से हमला करते हैं जिसमें ना उमेश बचता है और ना ही उसकी सुरक्षा में तैनात सुरक्षाकर्मी...
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राजू पाल की हत्या के चश्मदीद उमेश पाल को शुक्रवार को प्रयागराज में सरेआम गोलियों से भून डाला गया। महज 44 सेकंड में पूरी वारदात अंजाम दे दी गई, और रास्ते के तमाम राहगीर बस तमाशबीन ही बने रहे।
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राजूपाल हत्याकांड के गवाह उमेश पाल की शुक्रवार की शाम जिस तरह सरेआम हत्या की गई...उसके पीछे उत्तर प्रदेश के माफिया और गैंगवॉर के निशान मिलने लगे हैं... लेकिन अब आखिर उमेश को सरेआम मौत के घाट उतारने का इशारा कहां से आया था..।
और अगर सूबे की राजधानी लखनऊ से आकर प्रयागराज में डेरा डालने वाले पुलिस अधिकारियों की बातों पर यकीन किया जाए तो उमेश पाल की हत्या के लिए पुलिस को अब उत्तर प्रदेश के माफिया डॉन अतीक अहमद से तार जुड़ते दिखाई दे रहे हैं।
उत्तर प्रदेश की पुलिस की तफ्तीश की दिशा पर यकीन किया जाए तो इस हत्याकांड के पीछे पुलिस माफिया डॉन अतीक अहमद का हाथ मान रही है। हालांकि माफिया डॉन अतीक अहमद का एक सच ये है कि वो इन दिनों गुजरात की साबरमती जेल में बंद है। मगर पुलिस की तफ्तीश का इशारा कहता है कि इस हत्या कांड को अतीक अहमद के इशारे पर ही अंजाम दिया गया।
इसी बीच ये बात भी सामने आई है कि इस पूरे मामले में कहीं न कहीं उत्तर प्रदेश के दूसरे माफिया मुख्तार अंसारी का भी नाम सामने आ रहा है। बताया जा रहा है कि मुख्तार के कुछ खास लोग अतीक से मिलने गुजरात की साबरमती जेल भी गए थे। और ये मुलाका़त इस वारदात से चंद रोज पहले ही हुई थी। उसके बाद ही इस पूरी वारदात की साज़िश रचने का सिलसिला शुरू हो गया था।
अपने इस अंदाजे के पीछे पुलिस की तफ्तीश उसके हक़ में सबसे बड़ी दलील बन जाती है। पुलिस की तफ्तीश कहती है कि इस हत्याकांड में शामिल जो सात शूटर्स थे, उनमें से दो शूटर्स ऐसे थे जिनका अतीक अहमद के साथ पुराना रिश्ता है। इतना ही नहीं मौके से सामने कुछ सीसीटीवी की तस्वीरों में अतीक अहमद के बेटे मोहम्मद असद के होने के भी सबूत मिलने का दावा किया जा रहा है।
चूंकि यूपी पुलिस की एसटीएफ इस केस को नई तकनीक से सुलझाने में लग गई है। और उसी के तहत मौका-ए-वारदात से मिले मोबाइल रिकॉर्ड से ये बात खुलासा हुआ है कि इस वारदात में शामिल शूटरों में से दो शूटर ऐसे निकले जिनका रिश्ता अतीक अहमद से जुड़ता दिखाई दिया है। माफिया अतीक अहमद और उनके भाई अशरफ भले ही जेल में हो।
पहले भी कई बार हमले हुए... अपहरण हुआ... सुरक्षा मिली... लेकिन उमेश पाल खुद की जान नहीं बचा सके... अपने घर की ओर जान बचाकर भाग रहे उमेश को उनके घर की दहलीज पर ही मौत के घाट उतार दिया जाता है... लेकिन अब आखिर उमेश को सरेआम मौत के घाट उतारने का इशारा कहां से आया था...अब इस बात का खुलासा हो गया है....
सामने आई खबरों पर यकीन किया जाए तो गुजरात के साबरमती जेल से इस पूरी वारदात का इशारा हुआ था, जबकि बरेली की जेल में इस पूरी वारदात की साज़िश रची गई और प्रयागराज में गोलियां चली।
इसी बीच उमेश पाल की पत्नी ने धूमनगंज थाने में बाहुबली अतीक अहमद के परिवार के खिलाफ केस दर्ज कराया है। जबकि इस पूरे सनसनीखेज हत्या कांड के सिलसिले में राजधानी लखनऊ की STF ने प्रयागराज में डेरा डाल लिया है।
एडिश्नल एसपी रैंक के अधिकारी की अगुवाई में UPSTF की प्रयागराज यूनिट उमेश पाल हत्याकांड के आरोपियों की छानबीन में लगी है।
सिर्फ 44 सेकेंड में पूरी वारदात को अंजाम दिया जाता है... उमेश पर करीब 14 राउंड फायरिंग हुई... जबकि गाड़ी को गोलियों से छलनी कर दिया।
परिवार के सामने ही उमेश को मौत के घाट उतार दिया जाता है... एक मां हैं... एक पत्नी है... छोटे बच्चे हैं... हर किसी का रो रो कर बुरा हाल है...
2005 में हुई बीएसपी विधायक राजू पाल हत्याकांड के मुख्य गवाह उमेश पाल और उनके गनर की हत्या के मामले में उमेश पाल की पत्नी जया पाल ने अतीक अहमद के साथ ही अतीक के भाई, पत्नी शाइस्ता परवीन, अतीक अहमद के दो बेटों और अन्य के खिलाफ मुकदमा दर्ज कराया है।
प्रयागराज पुलिस ने अतीक अहमद के दोनों बेटों के साथ करीब 14 संदिग्धों को हिरासत में लिया है... जिनसे लगातार पूछताछ की जा रही है...
पुलिस ने अतीक की पत्नी शाइस्ता से भी पूछताछ की है। उमेश पाल के कोर्ट से लेकर उसके घर तक के पूरे रास्ते के CCTV फुटेज खंगाले जा रहे हैं। अतीक के 2 नाबालिग बेटों और उसके दोस्त की कॉल डिटेल भी निकलवाई है।
CCTV फुटेज और स्थानीय बदमाशों को उनकी फोटो दिखाकर पहचान कराने कोशिश भी की जा रही है।
माफिया अतीक अहमद और उनके भाई अशरफ भले ही जेल में हो। मगर, शहर में उनके गुर्गे हमेशा सक्रिय रहते थे। इसी वजह से उमेश को खुद के साथ अनहोनी की आशंका थी। उमेश सुलेमसराय में रहते थे। और उन्हें सुरक्षा देने की गरज से उनके मकान और आस-पास 20 हाइटेक कैमरे लगवाए गए थे। लेकिन जिस तरह प्रयागराज में सरेआम उमेश को मौत के घाट उतारा गया वो कहीं न कहीं सवाल तो खड़े करता ही है...
STF के आधिकारिक सूत्रों के हवाले से आई खबरों पर यकीन किया जाए तो अब इस पूरे मामले में माफिया अतीक अहमद के नजदीकी लोगों को रडार पर ले लिया गया है। इसी बीच अतीक अहमद की पत्नी शाइस्ता परवीन ने दी प्रयागराज CJM कोर्ट में अर्जी है। शाइस्ता ने धूमनगंज थाने की पुलिस पर आरोप लगाया है कि उनके बेटों को पुलिस शुक्रवार की रात घर से उठाकर ले गई है और अभी तक उनका कोई पता नहीं चल पाया है। थाने की पुलिस के द्वारा कोई जानकारी प्रदान नहीं की जा रही है। थाना धूमनगंज से रिपोर्ट मंगा ली जाए और तत्काल आवश्यक कार्यवाही की जाए।
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