क्या शाइस्ता के इशारे पर अतीक अहमद को मिट्टी में मिलाया गया?
Atiq Ahmad Murder: प्रयागराज में अतीक का जहां मर्डर हुआ, वहां बिखरे सवालों के ढेर में एक सवाल इस वक़्त लोगों की जुबान पर चढ़ा है और वो सवाल शाइस्ता परवीन को लेकर है। वही शाइस्ता परवीन जिसने अतीक के साथ जीने मरने की कसम खाई थी...कहीं उसी ने तो अती
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उत्तर प्रदेश का माफिया डॉन अतीक अहमद अब अतीत की बात बन चुका है। उसकी लाश भी ज़मीदोज़ की जा चुकी है और उसका सारा कुनबा लगभग पूरी तरह से उजड़ चुका है। हर दम अतीक के साथ उसके साये की तरह रहने वाला उसका भाई अशरफ भी असके पास की कब्र में सो रहा है। यानी अतीक अहमद का सारा साम्राज्य अब भरभराकर ढह चुका है। हालांकि इस पूरे साम्राज्य को अतीक अहमद ने अपनी ताकत, अपनी रसूख, अपनी हिम्मद और अपनी दबंगई से 41 सालों में खड़ा किया था...लेकिन तीन नौसिखिये शूटरों ने महज 41 सेकंड में ही अतीक की हैसियत मिट्टी में मिला दी।
हालांकि जिस जगह अतीक का अंत हुआ वहां बहुत कुछ पड़ा है। मसलन, अतीक का खून, अतीक का खून बहाने वाले कारतूस से खोखे...और चंद सवाल।
लेकिन ये ऐसे सवाल हैं जिनके जवाब फिलहाल कोई नहीं दे सकता। लेकिन सवाल हैं कि एक मुंह से होते हुए पूरे शहर और फिर सूबे की जुबान पर उछलते सुनाई पड़ रहे हैं। सवाल यही है कि आखिर इतने बड़े कुनबे और गुंडों का गैंग का असली वफादार कौन था...और वो कौन था जो मौका परस्त निकल गया? यानी वो कौन है जिसने अतीक के रसूख का भरपूर फायदा उठाया लेकिन जैसे ही अतीक का अंत नज़र आने लगा तो उसने पहली ही फुर्सत में पाला बदल लिया। यानी कहा जा सकता है कि जो कभी परछाईं बने हुए थे वो अब उसकी परछाईं से भी दूर क्यों हैं।
इन्हीं सवालों के साये में कुछ और सवाल भी सांस लेते सुनाई पड़ जाएंगे। मसलन अतीक की पत्नी शाइस्ता परवीन, गुड्डू मुस्लिम और बिल्डर मोहम्मद मुस्लिम कौन हैं और कहां हैं?
अतीक के इस कुनबे का सबसे रहस्यमयी नाम है शाइस्ता परवीन। क्योंकि इसी शाइस्ता परवीन ने कभी अतीक के साथ जीने मरने की कसम खाई थी। मगर अतीक मिट्टी में मिल चुका है मगर शाइस्ता का कोई अता पता नहीं मिल रहा। तो क्या शाइस्ता ने ही अतीक के फलते फूलते कुनबे में पलीता लगाया। क्योंकि प्रयागराज में उमेश पाल हत्याकांड के बाद जो शाइस्ता पुलिस के आला अफसरों से लेकर सूबे के मुख्यमंत्री तक अपने बेटों की हिफाजत की गुहार लगाती घूम रही थी...वो न तो अपने ही लाडले असद के जनाजे में आई और न ही उसने शौहर अतीक अहमद की मिट्टी देखी। तो क्या वाकई शाइस्ता इस वक्त इधर उधर भाग रही है...या फिर उसने एक ऐसा ठिकाना पकड़ लिया जहां से बैठकर उसने अतीक के बनाए जुर्म के इस महल की ईंट से ईंट बजा दी? ये सवाल है...जवाब देने के लिए शाइस्ता को ही सामने आना पड़ेगा।
इस वक़्त यूपी पुलिस की नज़र में शाइस्ता मोस्ट वान्टेड लेडी में टॉप पर है। कभी कांस्टेबल की बेटी रही शाइस्ता ने अतीक से निकाह किया था। इसके बाद उसने अतीक की सियासी विरासत को संभालने के लिए हाथ बढ़ाया और सियासी मंच तक पर जा पहुँची। मगर बीते ढाई महीने से उसे पुलिस कभी बंगाल में ढूंढ़ती है तो कभी उसकी परछाईं का पीछा करते हुए नोएडा तक चली जाती है। मगर अब कहा जा रहा है कि वो प्रयागराज में ही कहीं है।
बताने वाले बता रहे हैं कि शाइस्ता ने इस दौरान इतने ठिकाने बदल लिए कि अब उसकी गिनती तो वो खुद भी भूल गई होगी। शाइस्ता को आखिरी बार सीसीटीवी के फुटेज में 19 फरवरी को देखा गया था। और उसके बाद बुरका शाइस्ता का सबसे बड़ा हथियार बन गया है। कहा ये भी जा रहा है कि शाइस्ता रोज अपना बुरका, अपना ठिकाना, अपना मोबाइल और अपना सिम बदल रही है। ये उसकी चालाकी का ही सबूत है कि बीते 55 दिन से वो पुलिस की आंखों में धूल झोंकती आई और कामयाब भी रही। खबर यहां तक है कि शूटर साबिर इस वक़्त शाइस्ता का साया बनकर उसकी हिफाजत कर रहा है। पुलिस को तो यही खबर है कि शूटर साबिर और बहन आयशा नूरी पिछले एक महीने से शाइस्ता का साया बने हुए हैं।
अतीक के इस जुर्म के कुनबे का सबसे रहस्यमय किरदार है गुड्डू मुस्लिम। वो कहां हैं किसी को नहीं मालूम। बमबाज गुड्डू मुस्लिम किसी दौर में अतीक अहमद का साया बनकर उसके साथ चलता था। मगर इस वक़्त कहां है कोई नहीं जानता।
क्या गुड्डू मुस्लिम ज़िंदा है या वो भी कहीं सरकारी गोली का शिकार हो गया...क्या ऐसा ही कोई राज अतीक का भाई अशरफ प्रयागराज में 15 अप्रैल की रात बताने वाला था तभी गोलियों ने उसकी बोलती भी बंद कर दी। लेकिन सवाल तो ये भी उठ रहा है कि कहीं अतीक और अशरफ को इस रहस्यमयी तरीके से खामोश किए जाने के पीछे कहीं गुड्डू मुस्लिम ही तो नहीं। तो क्या गुड्डू मुस्लिम ने ही पाला बदल लिया और वफादारी को चोला हटाकर उसने अतीक के दुश्मनों से दोस्ती कर ली। यानी अतीक के एक इशारे पर सब कुछ धुआं धुआं करने वाला गुड्डू मुस्लिम और उसका सच किसी धुएं के गुबार में छुपा हुआ है। ये रहस्य वाकई सभी को हैरान कर रहा है। क्योंकि अतीक का सारा कुनबा खत्म हो गया लेकिन गुड्डू मुस्लिम का कहीं कोई पता नहीं चला। ऐसे में गुड्डू मुस्लिम के बगावती होने की बातों को बहुत बल मिल रहा है।
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