श्मशान घाट पर हाईवोल्टेज ड्रामा, चिता पर रखी मां की लाश के सामने तीन बेटियां इसलिए लड़ने लगीं

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श्मशान घाट पर हाईवोल्टेज ड्रामा, चिता पर रखी मां की लाश के सामने तीन बेटियां इसलिए लड़ने लगीं
मां की चिता के सामने जमीन को लेकर लड़ पड़ी तीनों बेटियां
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UP Crime: उत्तर प्रदेश के मथुरा में चिता पर एक हाई वोल्टेज ड्रामा नज़र आया। ये ऐसा वाकया है जिसे सुनने वाला हर कोई हैरत में है। मथुरा में एक मां की मौत के बाद उसकी चिता जलने से पहले ही उसकी बेटियों के बीच जमीन को लेकर ऐसा झगड़ा हुआ जिसके बारे में जिसने भी सुना हैरत में पड़ गया। 

मां की चिता के सामने तीन बहनों का झगड़ा

हैरानी की बात ये है कि मां का शव तो श्मशान घाट पर रखा रहा और बेटियां अपने अपने हक के सवाल पर एक दूसरे को भला बुरा कहती रहीं। इससे भी ज़्यादा हैरानी की बात ये है कि मां को मुखाग्नि तब तक नहीं दी जा सकी जब तक तीनों बेटियों के बीच के झगड़े का निपटारा नहीं हो गया। और इस पूरे वाकये के दौरान पूरे 9 घंटे लग गए। 

श्मशान घाट में मानवता को शर्मसार

मानवता को शर्मसार कर देने वाला ये किस्सा मथुरा के मसानी श्मशान घाट से सामने आया। 85 साल की महिला पुष्पा की मौत के बाद उसकी तीनों बेटियों के बीच जमीन पर उनके हक को लेकर बातचीत शुरू हुई लेकिन देखते ही देखते ये बातचीत कहासुनी और फिर लड़ाई में बदल गई। इस दौरान लोग महिला का अंतिम संस्कार करने की अपील करते रहे लेकिन तीनों में से कोई भी सुनने को राजी नहीं था। 

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तीन बहनों में जब लिखित समझौता हो गया तब जाकर चिता को आग लगाई गई

लड़ाई का ड्रामा 

हैरानी की बात ये है कि श्मशान घाट पर अंतिम संस्कार कराने आए पंडित भी घाट से बैरंग लौटे। कई घंटे तक श्मशान घाट पर बेटियों का ये लड़ाई का ड्रामा चलता रहा। जिसकी वजह से अंतिम यात्रा में शामिल होने आए लोग बुरी तरह से परेशान हो गए। और जब स्टाम्प लाकर जमीन का लिखित बंटवारा कराया गया तब अंतिम संस्कार करने की नौबत आई। 

खेत के लिए हुआ झगड़ा

बताया जा रहा है कि मरने वाली महिला पुष्पा के कोई बेटा नहीं है, उनके सिर्फ तीन बेटियां हैं...मिथिलेश, सुनीता और शशि। बीते कुछ दिनों से पुष्पा बड़ी बेटी मिथिलेश के घर थाना यमुनापार के गांव लोहवन में रह रही थी। मिथिलेस पर इल्जाम है कि अपनी मां को बातों में लेकर करीब डेढ़ बीघा खेत बेच दिया था। 

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चिता पर शव के रखते ही झगड़ा शुरू

इसी बीच रविवार को पुष्पा की मौत हो गई। तब मिथिलेश के घरवालों ने पुष्पा का शव लेकर मसानी स्थित मोक्ष धाम अंतिम संस्कार के लिए पहुंचे। जैसे ही मां की मौत का पता पुष्पा की बाकी दोनों बेटियों सुनीता और शशि को लगा तो वह भी फौरन शमशान घाट पहुंच गईं। उनके वहां पहुँचते ही ड्रामा शुरू हो गया। दोनों बहनों ने अपनी बड़ी बहन पर आरोप लगाते हुए मां का अंतिम संस्कार रोक दिया। दोनों बहनें मिथलेश से मां की संपत्ति का बंटवारा करने के लिए लड़ने झगड़ने लगीं।

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पुलिस पहुँची श्मशान घाट

सुनीता और शशि मांग करने लगीं कि मां की जो बची हुई संपत्ति है उसको हमारे नाम किया जाए तभी हम अंतिम संस्कार करने देंगे। लेकिन मिथिलेश इसके लिए राजी नहीं हुई। बहनों के बीच यह लड़ाई काफी देर तक चलती रही। जब ये झगडा काफी बढ़ गया तो श्मशान घाट पर काम करने वाले लोगों ने पुलिस को इत्तेला दे दी। 

लिखित समझौते के बाद हुआ अंतिम संस्कार

तब थाना कोतवाली पुलिस मौके पर पहुंची जिसने तीनों बहनों को समझाने की कोशिश की लेकिन नाकामी ही उनके हाथ लगी। आखिर में शाम करीब 6:00 बजे तीनों बहनों के बीच एक लिखित समझौता हो गया। उस समझौते में लिखा गया था कि मृतका की बची हुई संपत्ति को शशि और सुनीता के नाम किया जाएगा.... तब जाकर अंतिम संस्कार हुआ। हैरानी इसी बात की है कि इस पूरे ड्रामे में करीब 8 से 9 घंटे लगे और श्मशान घाट पर मजमा लगा रहा। 

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