गर्लफ्रेंड के चक्कर में पकड़ा गया अतीक गैंग का खास सद्दाम, क्या है सद्दाम की चार गर्ल फ्रेंड वाली कहानी

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Ashraf Abdul Saddam: अब्दुल समद, जिसे सद्दाम के नाम से भी जाना जाता है, अशरफ का बहनोई है, जिसकी पुलिस को तलाश थी और उसके सिर पर एक लाख रुपये का इनाम था. वह कई महीनों तक भागता रहा और अंततः दिल्ली में पकड़ा गया. दिलचस्प बात यह है कि उसकी गिरफ्तारी उसकी प्रेमिका से मिलने की योजना के साथ हुई.

यूपी एसटीएफ के एडीजी अमिताभ यश के मुताबिक, सद्दाम कई महीनों से फरार था और बार-बार दक्षिणी राज्यों में अपना ठिकाना बदलता रहता था. उमेश पाल हत्याकांड के बाद से ही सद्दाम फरार चल रहा था. वह लगातार अपना स्थान और पहचान बदलता रहा और दिल्ली में छिपता रहा. सद्दाम अतीक अहमद गैंग का सक्रिय सदस्य था और उम्मीद है कि उसकी गिरफ्तारी से उमेश पाल की हत्या और अतीक अहमद गैंग की विभिन्न गतिविधियों के बारे में अहम जानकारी मिल सकती है. हत्या के बाद सद्दाम दुबई भाग गया. हालाँकि, कई महीने वहाँ छिपकर बिताने के बाद वह भारत लौट आया.अपनी वापसी पर, उसने दिल्ली, मुंबई और कर्नाटक के बीच घूमते हुए, अपना नाम और निवास स्थान बार-बार बदलना जारी रखा.

Ashraf Abdul Saddam

अपनी प्रेमिका से मिलने की कोशिश करते समय पकड़ा गया

सद्दाम को यूपी एसटीएफ की बरेली यूनिट ने देर रात करीब 2 बजे उस वक्त पकड़ लिया, जब वह अपनी गर्लफ्रेंड से मिलने जा रहा था. गिरफ्तारी मालवीय नगर के एक मॉल के सामने से हुई. गिरफ्तारी के दौरान पुलिस ने उसके पास से दो मोबाइल फोन और एक कार बरामद की.

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सद्दाम की गिरफ़्तारी उसकी गर्लफ्रेंड् द्वारा दी गई जानकारी से संभव हुई. यूपी एसटीएफ इन चार लड़कियों के फोन की निगरानी कर रही थी, जिनमें से दो प्रयागराज में, एक बरेली में और एक दिल्ली में थी. उमेश पाल की हत्या के बाद कई दिनों तक सद्दाम उनसे संपर्क में नहीं था. हालाँकि, उन्होंने अप्रैल में उनके साथ संचार फिर से शुरू किया.

बार-बार अपने फोन नंबर और मोबाइल डिवाइस बदलने के बावजूद, यूपी एसटीएफ सद्दाम के स्थान को ट्रैक करने में कामयाब रही. उन्हें पता चला कि वह मालवीय नगर के एक फ्लैट में अपनी प्रेमिका से मिलने जा रहा है और तेजी से उसे गिरफ्तार करने के लिए आगे बढ़े.

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सद्दाम की गिरफ़्तारी का महत्व

यूपी एसटीएफ के एडीजी अमिताभ यश सद्दाम की गिरफ्तारी को काफी अहम मानते हैं. सद्दाम अतीक अहमद गिरोह का सक्रिय सदस्य था और उसने अतीक अहमद और बरेली जेल में बंद अशरफ के बीच मुलाकात कराने में अहम भूमिका निभाई थी. सद्दाम अपने बहनोई अशरफ के साथ अवैध जमीन जब्ती में भी शामिल था. सद्दाम से पूछताछ के बाद उम्मीद है कि उमेश पाल की हत्या में शामिल फरार साजिशकर्ताओं और शूटरों के बारे में और जानकारी सामने आएगी, जिससे उनकी गिरफ्तारी हो सकती है. एडीजी अमिताभ यश आगे बताते हैं कि सद्दाम से पूछताछ के बाद शाइस्ता परवीन, जैनब, अरमान और गुड्डु मुस्लिम की गिरफ्तारी हो सकती है. यूपी एसटीएफ का मानना है कि सद्दाम का इन लोगों से संपर्क रहा होगा.

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15 अप्रैल को उमेश पाल की हत्या

इसी साल 15 अप्रैल को अतीक अहमद और उनके भाई अशरफ की हत्या कर दी गई थी. अतीक और अशरफ को जब इलाज के लिए अस्पताल ले जाया जा रहा था तो तीन हमलावरों ने उन पर गोलियां चला दीं। तीन हमलावरों- अरुण मौर्य, सनी सिंह और लवलेश तिवारी को गिरफ्तार कर लिया गया और वर्तमान में वे न्यायिक हिरासत में हैं.

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