ASAD ENCOUNTER UPDATE: माफिया ने मांगी थी अंडरवर्ल्ड डॉन से मदद, अबू सलेम ने कराया था इस शहर में असद के छिपने का इंतजाम
ASAD ENCOUNTER UPDATE: अतीक ने असद और गुलाम को बचाने के लिये अपनी पूरी ताकत झोंक दी थी। इसके लिए माफिया सरगना ने अंडरवर्ल्ड डॉन अबू सलेम से मदद भी मांगी थी और मदद मिल भी गई थी। खबर है कि अबू सलेम ने असद और गुलाम के छुपने का इंतजाम पुणे में करवा भ
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13 अप्रैल को झांसी के पास पारीछा में बेतवा नदी के किनारे जंगलों में हुए असद के एनकाउंटर के बाद अब अतीक अहमद से जुड़े कई अनकहे अनसुने किस्से फिजा में तैर रहे हैं। लेकिन इसी बीच एक खबर सूत्रों के हवाले से सामने आई जिसने यूपी पुलिस से लेकर प्रदेश की आम पब्लिक तक को झकझोरकर रख दिया है। खबर यही है कि अतीक अहमद ने अपने बेटे असद और शूटर गुलाम मोहम्मद को बचाने के लिए सूबे के एक ताकतवर नेता के अलावा अंडरवर्ल्ड के डॉन अबू सलेम की मदद तक मांगी थी।
खुलासा है कि अंडरवर्ल्ड सरगना अबू सलेम ने असद और गुलाम के छुपने का इंतजाम पुणे में करवा भी दिया था। लेकिन इससे पहले असद और गुलाम पुणे पहुँच पाते दोनों यूपी STF के हत्थे चढ़ गए।
सूत्रों के मुताबिक अतीक ने असद और गुलाम को बचाने के लिये अपनी पूरी ताकत झोंक दी थी। यहां तक कि अतीक ने अपने बेटे की खातिर अंडरवर्ल्ड डॉन अबू सलेम के साथ साथ यूपी के एक कद्दावर नेता से मदद की गुहार कर रहा था। बताया जा रहा है कि अतीक के भाई अरशद के अबू सलेम के साथ अच्छे संबंध थे। अरशद ने उन्हीं संबंधों का हवाला देकर पुणे में असद और गुलाम को छिपने की जगह का इंतजाम अबू सलेम से करवाया था। अबू सलेम बेशक जेल में है लेकिन उसका नेटवर्क अब भी महाराष्ट्र में सक्रिय है। अबू सलेम ने अशरफ को भरोसा दिया था कि वो दोनों को हिफाजत के साथ पुणे में पनाह दिलवा देगा। शर्त सिर्फ इतनी है कि वो दोनों जैसे भी हो जल्दी से जल्दी पुणे पहुँच जाएं...।
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सूत्रों के मुताबिक जिस जगह एनकाउंटर हुआ वहां पहले गुड्डू मुस्लिम प्रयागराज में 24 फरवरी को हत्याकांड को अंजाम देने के बाद 26 फरवरी को आकर छिपा था। जबकि उमेश पाल हत्याकांड के बाद असद और गुलाम मोटरसाइकिल पर सवार होकर पहले प्रयागराज से कानपुर भागे और उसके बाद बस से नोएडा पहुंचे। नोएडा के डीएनडी से वो दोनों ऑटो के जरिए दिल्ली के संगम विहार के एक ठिकाने पर पहुँचे थे। बताया जा रहा है कि उस ठिकाने पर रुकने का इंतजाम एक नेता ने किया था। इसके बाद 14 मार्च के बाद असद और गुलाम दिल्ली से 400 किलोमीटर दूर राजस्थान के अजमेर पहुँच गए। इसी बीच बरेली जेल से अशरफ ने असद और गुलाम को नाशिक जाने को कहा और ये भी बताया कि वहां अबू सलेम ने दोनों के पुणे में रुकने का इंतजाम कर दिया है। वो दोनों वहां तब तक रहें जब तक उन्हें कोई दूसरा हुक्म न दिया जाए या जब तक यूपी में पुलिस की हरकत कुछ ठंडी नहीं पड़ जाती है। खुलासा ये भी है कि अशरफ और अतीक अहमद दोनों ही जेल में थे बावजूद इसके वो दोनों अपने तमाम परिवार के लोगों और शूटरों के संपर्क में हमेशा रहे। बताया जा रहा है कि हत्या के बाद से ही अशरफ सभी शूटरों से फेसटाइम और व्हाट्सएप के जरिये संपर्क में था।
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