आखिर क्यों 'The Kerala Story' को बैन कराने पर तुले हैं लोग? डायरेक्टर ने बताई वजह जानकर चौंक जाएंगे
The Kerala Story: सुप्रीम कोर्ट ने The Kerala Story पर बैन लगाने से मना कर दिया। लेकिन इस फिल्म की रिलीज को लेकर बवाल बना हुआ है।
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एक नई फिल्म 'The Kerala Story' और उससे जुड़े किस्से इस वक़्त सुर्खियों में हैं। दोनों तरफ से बातों और दावों का सिलसिला बना हुआ है। और ये फिल्म पर्दे पर उतरने से पहले ही झगड़े में पड़ गई। असल में केरल में चल रहे लव जिहाद पर आधारित इस फिल्म में देश का एक खास वर्ग इसकी मुखालिफत में उतर आया है और वो चाहता है कि किसी भी तरह इस फिल्म पर Ban लग जाए।
इस फिल्म पर रोक लगाने के लिए सुप्रीम कोर्ट में भी एक याचिका दायर की गई थी। लेकिन सुप्रीम कोर्ट ने आज सुनवाई के बाद इस फिल्म पर रोक लगाने से इनकार कर दिया। इसके अलावा केरल हाई कोर्ट में भी इस फिल्म की स्क्रीनिंग को रोकने के लिए एक याचिका दायर हुई थी, जिसे हाई कोर्ट ने खारिज कर दिया। हालांकि सेंसर बोर्ड ने इस फिल्म में कुल 10 कट लगाए हैं। और कुछ Dialogues भी इस फिल्म से हटा दिए गए हैं। और ये फिल्म अब A सर्टिफिकेट के साथ रिलीज़ होगी। यानी 18 साल के कम उम्र के बच्चे इस फिल्म को नहीं देख पाएंगे। भारत की सुरक्षा एजेंसियों के मुताबिक, केरल देश का वो राज्य है, जहां से सबसे ज्यादा 100 से 120 लोग अपना धर्म परिवर्तन करने के बाद आतंकवादी संगठन ISIS में शामिल हुए या फिर इन लोगों ने इस आतंकवादी संगठन में शामिल होने के लिए प्रयास किया और.. इनमें से कई लड़कियां तो आज भी सीरिया और अफगानिस्तान में हैं।
इस फिल्म की कहानी तीन लड़कियों की ज़िंदगी पर आधारित है।
इनमें पहली लड़की का नाम है, निमिषा संपत।
निमिषा, केरल के कासरगोड के एक कॉलेज में पढ़ने वाली हिन्दू लड़की थी। और उसके माता-पिता ने कभी ये नहीं सोचा था कि वो एक दिन ISIS में शामिल हो जाएगी... और शायद निमिषा ने भी कभी इस बात की कल्पना नहीं की थी कि वो ISIS की फिदायीन बनेगी। लेकिन ऐसा हुआ और इसका शुरु-आत प्यार-मोहब्बत से हुई।
निमिषा जब कासरगोड के एक कॉलेज से Dentist बनने की पढ़ाई कर रही थी, तब उसकी मुलाकात एक ऐसे व्यक्ति से हुई..... जो पहले ईसाई धर्म को मानता था। लेकिन बाद में ये व्यक्ति इस्लाम धर्म से इतना प्रभावित हुआ कि इसने अपना धर्म परिवर्तन कर लिया और ये एक ईसाई से एक मुसलमान बन गया और ऐसा इसने इसलिए किया क्योंकि.. ये लगातार रिज़वान खान नाम के एक खतरनाक आतंक-वादी से सम्पर्क में था....... जो दूसरे धर्म के लोगों का Brainwash करके उन्हें इस्लाम धर्म अपनाने के लिए कहता था। और कट्टरपंथी ज़ाकिर नाइक की संस्था के लिए काम करता था।
यानी ज़ाकिर नाइक ने अपने सहयोगी रिज़वान ख़ान की मदद से इस लड़के को ईसाई धर्म से इस्लाम धर्म में परिवर्तित किया। और फिर इस लड़के की मुलाकात निमिषा से हुई...और काफी समय बीतने के बाद निमिषा इस लड़के से निकाह करने के लिए तैयार हो गई और एक दिन ये दोनों केरल से अचानक गायब हो गए।
जब निमिषा की तलाश शुरू हुई तो ये पता चला कि निमिषा, अब फातिमा बन चुकी है। और केरल छोड़ कर भी जा चुकी है। इसी मामले की जब NIA ने जांच की उसे 21 लोगों के एक ऐसे ग्रुप के बारे में पता चला, जिसने एक ही समय पर भारत को छोड़ा था। और ये सभी लोग ISIS में शामिल हो गए थे। यानी पहले एक ईसाई धर्म के लड़के को मुसलमान बनाया गया। फिर उस लड़के से निकाह करके निमिषा.. फातिमा बन गई। और बाद में ये दोनों लोग एक ग्रुप के साथ आतंकवादी संगठन ISIS में शामिल हो गए।
तब इस ग्रुप में मेरिन जैकब नाम की एक लड़की भी शामिल थी। जो ईसाई धर्म से थी। लेकिन जिस लड़के ने निमिषा से शादी करके उसे फातिमा बनाया। उसी के सगे भाई ने ईसाई धर्म छोड़ कर पहले इस्लाम धर्म को अपनाया और फिर उसने Merrin Jacob से शादी कर ली और उसे मेरिन से मरियम बना दिया। और इस तरह मेरिन से मरियन बनी ये लड़की भी केरल से अचानक गायब होकर ISIS में शामिल हो गई। इसी ग्रुप में एक और लड़की थी, जिसका नाम था, सोनिया सेबेस्टियन। सोनिया भी कासरगोड से गायब हुई थी... और जब NIA ने उसकी जांच की तो पता चला कि सोनिया, अब्दुल रशीद अब्दुल्लाह नाम के एक व्यक्ति से प्यार करती थी। और बाद में अब्दुल ने केरल की सोनिया से निकाह करके उसे आयशा बना दिया था। हैरानी की बात ये है कि, अब्दुल रशीद अब्दुल्लाह पेशे से इंजीनियर था। और उसने पहले ही बिहार की एक लड़की से निकाह किया हुआ था। और इस लड़की का नाम था, यासमीन मोहम्मद ज़ाहिद।
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अब्दुल रशीद ने जब सोनिया को आयशा बनाकर उसे ISIS में शामिल कराया तो इसके बाद वो अपनी पहली पत्नी को भी अफगानिस्तान बुलाना चाहता था। लेकिन तब.... NIA ने उसकी पत्नी को एयरपोर्ट से गिरफ्तार कर लिया था।
ये कहानी सिर्फ एक ग्रुप की लड़कियों की है, जिन्होंने प्यार मोहब्बत की वजह से पहले अपना धर्म बदला। और बाद में ये सारी लड़कियां ISIS में शामिल हो गईं। और इससे भी ज्यादा दुख की बात ये है कि इन लड़कियों का इस तरह से Brainwash किया गया कि ये अफगानिस्तान और सीरिया से वापस आने के लिए भी तैयार नहीं थी।
इसलिए हमारे देश के जो लोग इस विषय पर बनी फिल्म का विरोध कर रहे हैं और इसे Propaganda बता रहे हैं, उन्हें केरल से गायब हुई हिन्दू लड़कियों की कहानी पता होनी चाहिए। और उन्हें ये भी पता होना चाहिए जब हमारे देश में वीर ज़ारा जैसी फिल्में आती हैं या मिशन कश्मीर और हैदर जैसी फिल्में आती हैं तो इन फिल्मों को क्रिएटीव फ्रीडम के नाम पर दिखाया जाता है। और वास्तविकता से दूर होते हुए भी इन फिल्मों पर कोई बहस नहीं होती। लेकिन जब The Kerala Story जैसी फिल्मों के ज़रिए लोगों को सच बताया जाता है.. तो इन फिल्मों को Propaganda बता दिया जाता है।
इस फिल्म के निर्माता विपुल शाह, इसके निर्देशक सुदिप्तो सेन और Actress अदा शर्मा ने बताया है कि कैसे इस फिल्म को अलग थलग कर दिया गया है और कैसे इस फिल्म को बनाने के बाद उन्हें सुरक्षा लेनी पड़ रही है।
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