Arvind Kejriwal: केजरीवाल की अर्जी पर सुप्रीम कोर्ट में 15 अप्रैल को सुनवाई, पीए बिभव कुमार को किया टर्मिनेट!

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Arvind Kejriwal Latest: केजरीवाल की अर्जी पर सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई होगी। 15 अप्रैल को सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई होगी। केजरीवाल ने गिरफ्तारी को अवैध बताया था। उधर, केजरीवाल के निजी सचिव (PA) बिभव कुमार को टर्मिनेट कर दिया गया है। इससे पहले ईडी ने बिभव से पूछताछ की थी। मंगलवार को हाईकोर्ट ने उनकी गिरफ्तारी को सही बताया था तो वहीं बुधवार को राउज एवेन्यू कोर्ट ने हफ्ते में 5 बार वकील से मिलने की इजाजत वाली उनकी याचिका खारिज कर दी थी। इसके बाद दिल्ली सरकार के मंत्री राजकुमार आंनद ने इस्तीफा दे दिया।

इससे पहले अरविंद केजरीवाल ने वकीलों से हफ्ते में पांच बार मुलाकात करने की मांग की थी, इसे कोर्ट ने खारिज कर दिया था। केजरीवाल अपने वकीलों से हफ्ते में केवल दो बार ही मुलाकात कर सकते हैं।

क्या कहा था केजरीवाल के वकील ने ?

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सीएम केजरीवाल के वकील विवेक जैन ने तर्क दिया था कि सीएम के खिलाफ 35 से 40 मामले चल रहे हैं। किसी व्यक्ति को समझने और निर्देश देने के लिए सप्ताह में एक घंटा पर्याप्त नहीं है। ये सबसे बुनियादी कानूनी अधिकार है, जिसे तहत केजरीवाल अपने वकील से मिलने की मांग कर रहे हैं, लेकिन अदालत ने उनकी दलीलों को सिरे से खारिज कर दिया था।

क्या कहा था हाईकोर्ट ने ?

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हाईकोर्ट ने कहा था - केजरीवाल की गिरफ्तारी कानून सही है। ED ने पर्याप्त सबूत दिए हैं। गोवा के उम्मीदवार का बयान हैं, जिसमें उसने पैसे की बात स्वीकार की है। हाई कोर्ट ने एन डी गुप्ता और आप उम्मीदवार के बयान का जिक्र किया था। 
हाईकोर्ट ने कहा था - केजरीवाल द्वारा जांच में शामिल न होना, उनके द्वारा की गई देरी का असर न्यायिक हिरासत में बंद लोगों पर भी पड़ रहा है, जो दस्तावेज ED ने अदालत में दिए हैं, उसके हिसाब से सभी नियम का पालन किया गया है। ये कहना गलत होगा कि चुनाव के वक्त ईडी ने जानबूझकर गिरफ्तारी की है। हाई कोर्ट ने कहा था की अदालत कानून के हिसाब से काम करती है और बिना राजनीति से प्रभावित हुए काम करती है। हाई कोर्ट के कहा था कि कोर्ट का केवल एक काम है कानून को लागू करना।  
याचिकर्ता मनी लॉन्ड्रिंग केस मामले में गिरफ्तार हुए है। कोर्ट का कहना था कि मुख्यमंत्री समेत किसी को भी कोई विशेष विशेषाधिकार नहीं दिया जा सकता। जांच और पूछताछ के मामले में कोई व्यक्ति भले ही सीएम क्यों न हो, उसे विशेष छूट नहीं दी जा सकती है। हाईकोर्ट ने केजरीवाल की उस दलील को नकार दिया था कि उनसे पूछताछ वीडियो कांफ्रेंसिंग के जरिए भी हो सकती थी। हाई कोर्ट ने कहा था कि ED गिरफ्तारी का समय तय करती है। केजरीवाल के पास ये अधिकार है कि वो गवाहो को क्रॉस कर सके लेकिन निचली अदालत में न की हाई कोर्ट में। हाई कोर्ट ने यहां तक कहा था कि जांच किसी व्यक्ति के सुविधा के अनुसार नहीं चल सकती है। जांच के दौरान किसी के घर जा सकती है। हाई कोर्ट ने अप्रूवर का बयान ED नहीं, बल्कि कोर्ट लिखता है। अगर आप उस पर सवाल उठाते हैं तो आप जज पर सवाल उठा रहे हैं। इसके बाद हाईकोर्ट ने उनकी याचिका खारिज कर दी थी। 

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