यूपी कांस्टेबल पेपर लीक और नीट पेपर लीक क्या एक ही गैंग का काम? कांस्टेबल पेपर लीक के आरोपी का खुलासा

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यूपी कांस्टेबल पेपर लीक और नीट पेपर लीक क्या एक ही गैंग का काम? कांस्टेबल पेपर लीक के आरोपी का खुलासा
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अरविंद ओझा के साथ चिराग गोठी की रिपोर्ट

NEET Paper Leak Case: NEET पेपर लीक केस को लेकर बड़ा खुलासा हुआ है। जांच में ये बात सामने आई है कि यूपी कांस्टेबल पेपर लीक की जांच के दौरान संजीव मुखिया का नाम एक गिरफ्तार आरोपी ने लिया था। ये आरोपी है रवि अत्री। रवि ने खुलासा किया था कि संजीव मुखिया ब्लूटूथ के जरिए देश में होने वाले अलग-अलग एग्जाम में सॉल्वर बैठाता था। उसके गैंग के एक सदस्य शुभम मंडल ने सील बंद पेपर का बॉक्स तोड़ा था। उसका गैंग दिल्ली एनसीआर में भी फैला हुआ है। संजीव, उसका बेटा शिव कुमार और बिट्टू पेपर लीक के सबसे बड़े किंगपिन है।

रवि अत्री की Interrogation Report से पता चला है कि संजीव मुखिया का गैंग ही सील बंद पेपर का बॉक्स तोड़ने में एक्सपर्ट है। देश में कहीं भी पेपर लीक करवाना हो,  सील बॉक्स तोड़ने के लिए संजीव मुखिया गैंग के बॉक्स तोड़ एक्सपर्ट की मदद ली जाती थी। संजीव मुखिया के गैंग के सदस्य डॉक्टर शुभम मंडल ने यूपी पेपर लीक में पटना से फ्लाइट पकड़ कर अहमदाबाद जाकर पेपर का बॉक्स तोड़ा था। 

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रवि अत्री की इंटेरोगेशन रिपोर्ट के मुताबिक, संजीव मुखिया एग्जाम पेपर लीक करवाने का पुराना खिलाड़ी है। संजीव मुखिया के गैंग का कनेक्शन, उत्तर प्रदेश, हरियाणा, पंजाब, राजस्थान के पेपर लीक माफियाओं से जुड़ा हुआ है। कांस्टेबल पेपर लीक के मास्टरमाइंड रवि अत्री ने यूपी पुलिस के सामने पहले ही खुलासा कर दिया था कि बिहार टीचर भर्ती पेपर लीक का मास्टरमाइंड संजीव मुखिया और उसका बेटा शिव था। बिहार टीचर भर्ती पेपर लीक में बिहार पुलिस संजीव मुखिया को तलाश कर रही थी। इस दौरान संजीव मुखिया को अदालत से राहत मिल गई थी और उसने बिहार पुलिस की रडार में होने के बावजूद NEET का पेपर लीक करवा दिया। 

रिपोर्ट में खुलासा हुआ है कि यूपी और बिहार के पेपर लीक गैंग

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1- यूपी कांस्टेबल भर्ती
2-बिहार टीचर भर्ती
3-हरियाणा पशु चिकित्सक भर्ती
4-हरियाणा अंग्रेजी अध्यापक
5- सी. टैट 
6- आरो/एआरो 

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जैसे तमाम पेपर लीक में शामिल रहे हैं। 

CBI ने दो आरोपियों को किया गिरफ्तार, कुछ आरोपी रिमांड पर

इस सिलसिले में मनीष प्रकाश और आशुतोष को गिरफ्तार कर लिया गया है। मनीष पटना के Learn Boys School में लड़के लेकर गया था। मनीष के सामने पेपर रटवाया गया था। आशुतोष ने Learn Boys School का कमरा किराए पर लिया था। ये मकान प्रभात रंजन का था। आशुतोष का दोस्त मनीष प्रकाश प्रॉपर्टी ब्रोकर का काम करता है।  

ये तीन किरदार इस पेपर लीक के। इनमें पहला नाम एक प्रोफेसर का है। दूसरा नाम है फरार संजीव मुखिया का जिसे पटना में सबसे पहले पेपर मिला। तीसरा नाम है सिकंदर यादवेंदु का जो गिरफ्तार है, ये भी जांच के घेरे में है। बिहार में सबसे पहले पेपर लीक का खुलासा हुआ था। वहां 13 आरोपी गिरफ्तार हैं जिनमें से दो को सीबीआई रिमांड भी मिल चुकी है।

झारखंड के हजारीबाग में भी सीबीआई टीम मौजूद है। ओएसिस स्कूल के प्रिंसिपल और अन्य आरोपियों से 17 घंटे से ज्यादा की पूछताछ हुई है। गुजरात के गोधरा में भी 5 आरोपी गिरफ्तार हो चुके हैं, वहां सीबीआई केस को हैंडओवर ले चुकी है। महाराष्ट्र के लातूर में भी पेपर लीक का आरोपी प्रिंसिपल गिरफ्तार हो चुका है और वो निलंबित भी हो चुका है। चंद रोज पहले ही सीबीआई ने राजस्थान से भी 3 केस को हैंडओवर लिया है और जांच आगे बढ़ा रही है।

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