'मेरा मकसद काला जठेड़ी को जेल से बाहर निकालना है', ...जब लेडी DON अनुराधा ने कही थी ये बातें

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'मेरा मकसद काला जठेड़ी को जेल से बाहर निकालना है', ...जब लेडी DON अनुराधा ने कही थी ये बातें
Anuradha Chaudhary Story
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Anuradha Chaudhary Story : अनुराधा ने तमाम दिए इंटरव्यू में कई बातें कही थी। 

अनुराधा की कई वीडियोज से पता चला है कि उसका असली नाम अनुराग चौधरी था, लेकिन जुर्म की दुनिया में आने के बाद उसका नाम बदल कर अनुराधा चौधरी रख लिया।  

क्या बोला था अनुराधा चौधरी ने - आइये जानते हैं?

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अनुराधा - मेरे बिजनेस पार्टनर सतीश ने मेरे साथ धोखा किया था। मेरे बच्चे को मारने की धमकी दी थी।

AP यानी आनंद पाल से ऐसे जुड़ा रिश्ता

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अनुराधा - पुलिस को पता चला था कि एपी से मेरी जान-पहचान है, इसलिए मुझे उनके केसों में लपेट लिया। एपी के साथ मेरा नाम जोड़ा गया। कुछ चीजों की डील को लेकर मैं एपी से मिली थी, जब वो जेल से बाहर थे। ऐसा नहीं है कि शेयर मार्केट में घाटा हुआ था, इसलिए मैं मदद के लिए वहां गई थी।

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सबसे पहला मामला कौन सा था, जो अनुराधा पर दर्ज हुआ था ?

इस पर अनुराधा ने कहा कि पहला मामला नेचवा कांड था। यहां बद्री नारायण मोदी की किडनेपिंग केस में मुझे आरोपी बनाया गया था। मुझे सिंगल आरोपी बनाया गया था। एक महिला कैसे किडनेपिंग कर सकती है। दो गाड़ियां भी दिखाई गई थी। ये फर्जी मामला था। अदालत ने मुझे बरी किया था।

नागोर में Arms और एक्साइज का मामला था, जिसमें अरेस्ट किसी और को दिखाया गया और सजा किसी और को मिली।

मेरे ऊपर 8-10 मामले हैं। दो-तीन मामलों में मैं बरी हो चुकी हूं। दो मामलों में मुझे दोषी करार दिया गया है। जिस मामले में मुझे सजा हुई थी, वो ऐसा था कि मेरे साथ में अरेस्ट किसी और को दिखाते हैं और सजा किसी अजीत ठाकुर नाम के आदमी को मिलती है।

नागोर का इंद्रचंद अपहरण कांड - इंद्रचंद और उसका भाई प्रमोद एपी से मिले थे। कुछ राजीनामा हुआ था। किडनैपिंग जैसी चीज नहीं थी। प्रमोद ने बचाव के लिए किया था। ये फर्जी मामला था।

एपी से कैसे मिली और वो कैसे अपराधी बना?

अनुराधा के मुताबिक, आनंदपाल को अपराधी पुलिस ने बनाया। कुछ लोग, जो पुलिस विभाग में थे, वो आनंद पाल की लोकप्रियता से जलते थे, इस वजह से उस पर मुकदमें दर्ज कराए गए। मामले बनाते गए और पुलिस वाले प्रमोशन लूटते गए। मेरी नजर में एपी अच्छे इंसान थे। पुलिस एपी और उसके परिवार को अपराधी मानती थी, लेकिन ऐसा नहीं है। किसी भी आदमी को कुछ भी बना दो, ऐसी पुलिस की मानसिकता है। प्रमोशन लूट लो।

कई जेलों में रही है अनुराधा

अनुराधा जौधपुर जेल में, सीकर जेल में, जयपुर जेल में, भरतपुर जेल में, जोधपुर जेल में, अजमेर जेल में और नागोर जेल में बंद रही है।

ऐसे में कई सवाल अभी भी बने हुए हैं -

AP आनंदपाल का एनकाउंटर क्यों किया गया?

पुलिस को क्यों लगा कि अनुराधा एपी की सहयोगी है?

आनंदपाल के पास क्यों गई अनुराधा?

अनुराधा का आरोप है कि पुलिस ने मदद क्यों नहीं की?

क्या सबक सिखाने के लिए एपी के पास गई?

क्यों क्राइम की दुनिया में कदम रखा?

क्या पुलिस ने उस पर गलत मुकदमे दर्ज किए

ये प्लान है अब अनुराधा का!

अनुराधा ने कहा,'मेरा मकसद संदीप को जेल से बाहर निकालना है। इसमें वक्त लग सकता है। हो सकता है कि मैं राजनीति में प्रवेश करूं। मुझे किसी से डर नहीं है। जिस दिन मौत आनी है, वो तो आनी है। अगर कोई हम पर हमला करेगा तो बचाव का अधिकार तो जानवर को भी होता है।  मैंने बहुत कुछ खोया। मैंने अपनों का सुकून खोया हूं । मैंने पाया भी है। मेरा मकसद इंडिया का DON बनना नहीं है। न ही उसका कोई कनेक्शन लारेंस बिश्नोई और गोल्डी बराड़ से है। हम शांति से अपना जीवन जी रहे हैं।' अनुराधा ने ये भी कहा कि मेरा आनंदपाल के साथ कोई अफेयर नहीं था।

बाकी उसकी जिंदगी से जुड़े कुछ और किस्से पढ़े लेडी DON पर हमारी अगली खबर में। 

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