SBI में नौकरी करने वाली बीवी ने पति की मदद से 1 करोड़ का गबन ऐसे किया कि दो साल तक ढूंढती रह गई पुलिस
बीवी स्टेट बैंक ऑफ इंडिया (SBI) में नौकरी करती थी। वो रोज बैंक आए नोटों के अंबार देखती और पति को बताती। पति भी अपनी कड़की के दिन फिरने का इंतजार ही कर रहा था। इसी बीच एक दिन पति के दिमाग में एक ऐसा आइडिया आया जिसे सुनकर बीवी भी तैयार हो गई। आइडिया ऐसा था कि न तो उन्हें बैंक से कैश गायब करना था और न ही उसे अपने अकाउंट में लेना था। फिर भी रातों रात अमीर बनने की गारंटी थी।
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Alwar: बीवी स्टेट बैंक ऑफ इंडिया (SBI) में नौकरी करती थी। वो रोज जमा होने के लिये बैंक आए नोटों के अंबार देखती और पति को बताती। पति भी अपनी कड़की के दिन फिरने का इंतजार ही कर रहा था। मगर बैंक से पैसे गायब करने का मतलब था नौकरी को गुड बाय। ऐसे में बैंक से कैश पार करने की पत्नी की हिम्मत नहीं हुई। आखिरकार एक दिन पति के दिमाग में एक ऐसा आइडिया आया जिसे सुनकर बीवी भी तैयार हो गई। इस आइडिया के तहत न तो उन्हें बैंक से कैश गायब करना था और न ही अपने अकाउंट में लेना था। क्योंकि अगर इस तरह गबन किया जाता तो रोज की काउंटिंग में कैश या एंट्री के जरिये रुपयों की ये हेरा फेरी पकड़ी जाती।
ऐसे किया गबन कि पुलिस ढूंढती रह गई
ऐसे में जल्द अमीर बनने की चाहत में पति-पत्नी ने मिल कर एक ऐसा प्लान बनाया कि पैसा भी उनके पास आ जाए और किसी को पता भी न चले। बीवी निक्की सेठी अलवर के एसबीआई बैंक की महल चौक शाखा में काम करती थी। निक्की वहां बैंक के पार्किंग खाता की इंचार्ज का काम संभालती थी। पति के साथ तय हुई प्लानिंग के बाद उसने 99 लाख 44 हजार रुपए के फर्जी वाउचर बना लिये। ये वाउचर कस्टमर की ओर से चेक या फिर ड्राफ्ट जमा करने के बाद बनाए जाते हैं ताकि इनपर लिखी रकम उनके खाते में डाल दी जाए। निक्की ने बस इसी प्रक्रिया के तहत अपने परिवार के लोगों और जानने वालों से बात कर अलग-अलग अमाउंट के वाउचर बना कर बैंक के पैसे उन निजी खातों में ट्रांस्फर कर दिये। पैसों का मिलान करने वालों को लगा कि ये पेमेंट सही तरीके से किये गये हैं। लिहाजा किसी ने इन पर ध्यान नहीं दिया। निकी ने एक करोड़ में 56 हजार रुपये कम यानी 99 लाख 44 हजार रुपये के फर्जी वाउचर बन लिये। निक्की ने ऐसे कुल 20 फर्जी वाउचर बनाए और ये पूरा पैसा 20 अलग-अलग अकाउंटों में ट्रांस्फर कर दिया। इसके बाद पति और पत्नी धीरे से गायब हो गये।
पहचान बदल कर पुलिस को 2 साल छकाया
इसके बाद प्लान के तहत पति-पत्नी ने ट्रांस्फर किया पैसा अपने रिश्तेदारों से बहाना बना कर वापस ले लिया। एहतियात के तौर पर इन्होंने अपना पता बदल लिया और रिश्तेदारों और मिलने वालों से भी दूरी बना ली। इसके बाद 2 साल गुजर गये मगर पुलिस इन्हें ढूंढती ही रह गई। कोतवाली थाने के प्रभारी नरेश शर्मा के मुताबिक ये गबन निक्की सेठी ने अपने पति योगेश सेठी के साथ 6 सितंबर 2022 को किया था। इसी के बाद बैंक मैनेजर अंशुमन ने इसकी रिपोर्ट थाने में की और एफआईआर दर्ज कराई गई। मैनेजर ने बताया कि एक करोड़ से कुछ कम ये रकम निक्की ने फर्जी तरीके से अलग-अलग खातों में ट्रांस्फर कर दी और फिर वहां से भी वो पैसे अपने अकाउंट में ट्रांस्फर कर निकाल लिए। पुलिस के पास अब रिकवरी का कोई रास्ता नहीं बचा। क्योंकि निक्की और योगेश अपने पते से नदारद पाए गये। उनके रिश्तेदार भी पुलिस की पूछताछ में इनकी रिहाइश के बारे में नहीं बता पाए। फरार होने से पहले दोनों आरोपी स्कीम नंबर 10-बी हाउसिंग बोर्ड दीवान जी के बाग के रहने वाले बताए जाते हैं।
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पुलिस तलाश रही है पुराना रिकॉर्ड
आखिरकार दो साल की लुकाछिपी के बाद पुलिस को मुखबिर के जरिये पता चला कि निकी और योगेश अलवर में ही पहचान छिपा कर रह रहे हैं। मुखबिरों ने पुलिस को बताया कि पति-पत्नी अलवर में ही सूर्य नगर इलाके में किराए के मकान में रह रहे हैं। इस जानकारी पर पुलिस ने रेड की तो निक्की और योगेश उसी पते पर मिले। दोनों को गिरफ्तार कर लिया गया। और सोमवार को इन्हें न्यायालय में पेश किया गया। पुलिस फिलहाल दोनों आरोपियों को रिमांड पर लेकर पूछताछ कर रही है। जिन खातों में पैसे ट्रांसफर किए गए थे उन खातों को भी पुलिस ने सीज कर दिया है। पुलिस अब पति-पत्नी का पुराना क्राइम रिकॉर्ड तलाश रही है। हालांकि पुलिस का कहना है कि जल्दी पैसे कमाने की चाहत में ही दोनों पति-पत्नी ने प्लान बनाकर गबन की इस घटना को अंजाम दिया। इससे पहले भी निक्की सेठी ने इस तरह का कोई गबन किया है या नहीं इस बारे में भी पुलिस जांच पड़ताल कर रही है।
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