AGRA MURDER: पति की हत्या के बाद बनवाए कढ़ी चावल और 16 रोटियां, CCTV न होता तो गायब हो जाती लाश
AGRA MURDER CASE: 12 दिन पहले आगरा में हुए बैंक मैनेजर हत्याकांड में अब नए नए खुलासे सामने आ रहे हैं। छानबीन से पता चला है कि अगर सीसीटीवी न लगे होते तो लाश भी गायब हो जाती
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Bank Manager Murder Update: आगरा में बैंक मैनेजर हत्याकांड के 12 दिन गुजर जाने के बाद कुछ बेहद ही रोचक और चौंकाने वाली बातें सामने आई हैं जिन्हें सुनकर हर कोई बुरी तरह चौंक उठा। आगरा के रामरघु एग्जॉटिका कॉलोनी में रहने वाली बैंक मैनेजर सचिन उपाध्याय की हत्या के बाद रह रहकर कुछ न कुछ नए खुलासे लोगों को हैरत में डाल रहे हैं। सबसे बड़ी और हैरानी की बात तो यही है कि बैंक मैनेजर ही लाश का पोस्टमॉर्टम होने के बाद भी हत्या का मुकदमा दर्ज होने में पूरे चार दिन लग गए।
पुलिस की लापरवाही
सचिन के घरवालों का आरोप है कि पुलिस की लापरवाही ने आरोपियों को बच निकलने का पूरा मौका दिया तभी तो अभी तक सिर्फ एक ही आरोपी पकड़ा जा सका। जबकि सचिन की पत्नी और इस हत्याकांड की मुख्य आरोपी प्रियंका अभी तक फरार है। पुलिस की डायरी से पता चलता है कि 12 अक्टूबर को शाम पांच बजे के आस पास पुलिस को सचिन के आत्महत्या होने की इत्तेला मिली थी और उसी के बाद पुलिस पहुँची थी। शुरुआती तफ्तीश में जो नज़र आ रहा था उसके मुताबिक सचिन के शरीर पर चोट के और जलने के निशान थे जो दिख भी रहे थे। कुछ निशान गले पर भी थे।
पत्नी को कैसे मिली छूट
लाश को कब्जे में लेने के बाद भी पुलिस की सुस्ती नहीं टूटी थी। और मुकदमा दर्ज करने में पुलिस को सात दिन लग गए। जबकि सचिन की पत्नी प्रियंका उर्फ मोना की ओर से महिला थाना में सचिन और उसके परिवार के खिलाफ दहेज उत्पीड़न का मामला जरूर दर्ज कर लिया गया था। लेकिन सचिन की लाश मिलने के बाद भी आगरा की ताजगंज पुलिस ने प्रियंका को गिरफ्तार नहीं किया।
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कढ़ी चावल और 16 रोटियां बनवाईं
अब इस हत्याकांड को करीब 12 दिन पूरे हो चुके हैं और पुलिसकी ताजा तफ्तीश में जो बातें निकलकर सामने आईं उसने सभी को बुरी तरह चौंका दिया है। पुलिस की छानबीन में पता चला है कि पति सचिन की लाश को कमरे में छुपाने के बाद प्रियंका ने कामवाली से कढ़ी चावल बनाने को कहा था और साथ में 16 रोटियां बनवाई थीं।
शातिर तरीके से आंखों में धूल झोंकी
पुलिस का अंदाजा यही है कि प्रियंका ने ऐसा इसलिए किया था ताकि किसी को इस बात का शक न हो कि उसके पति के साथ कोई अनहोनी हुई है। यानी प्रियंका शुरू से ही बड़े ही शातिर अंदाज में सबकी आंखों में धूल झोंक रही थी। इतना ही नहीं प्रियंका ने उसी रोज अपने पड़ोसी से दो बार मोबाइल मांगा और अपने पिता से बात की। उसके पिता कलेक्ट्रेट बार एसोसिएशन के अध्यक्ष बिजेंद्र रावत हैं। अब प्रियंका ने बिजेंद्र से क्या बात की ये तो प्रियंका ही बता सकती है जाहिर है इसके लिए उसका पुलिस के सामने आना जरूरी है।
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17 घंटे तक लाश को छुपाया
पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट कहती है कि सचिन उपाध्याय की हत्या 11 अक्टूबर को रात हुई थी। और 12 अक्टूबर को शाम पांच बजे पुलिस को इत्तेला मिली। यानी करीब 17 घंटों तक लाश को छुपाकर रखा गया था। इसी बीच सचिन के घरवालों का आरोप है कि अगर इलाके में सीसीटीवी न लगे होते तो सचिन की लाश तक को गायब कर दिया जाता। चूंकि प्रियंका को मोहल्ले में सीसीटीवी लगे होने की बात पता थी लिहाजा उसकी लाश को गायब करने की हिम्मत नहीं हुई। कई घंटों की प्लानिंग और फिर मौके से सबूत मिटाने के बाद प्रियंका ने सचिन के खुदकुशी की कहानी गढ़ी थी। सचिन के पिता का कहना है कि इस हत्या के सिलसिले में उनके समधी बिजेंद्र रावत के भी शामिल होने का अंदेशा है। सचिन के पिता के मुताबिक जिस कमरे में हत्या के बाद लाश को छुपाया था उस कमरे में प्रियंका ने ताला लगा दिया था। इतना ही नहीं। मौका-ए-वारदात पर पहुँचने वालों में सबसे पहला शख्स प्रियंका का भाई ही था जो शाम को घर आया था।
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मारने से पहले प्रेस से जलाया लेकिन किसने
पोस्टमॉर्टम की रिपोर्ट कहती है कि सचिन की हत्या गला घोंटकर की गई लेकिन मारने से पहले उसे प्रेस से जलाया भी गया था। पुलिस ने इस सिलसिले में सचिन के साले यानी प्रियंका के भाई को तो गिरफ्तार कर लिया है लेकिन प्रियंका लापता है। अभी तक ये राज नहीं खुला कि सचिन का गला किसने दबाया, किसने उसे प्रेस से जलाया और हत्या के पीछे असल में मकसद क्या था?
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