कार की डिग्गी में बंद था कारोबारी का बेटा, एक करोड़ की फिरौती के लिए अपहरण

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कार की डिग्गी में बंद था कारोबारी का बेटा, एक करोड़ की फिरौती के लिए अपहरण
कार कि डिग्गी में मिला कारोबारी का बेटा, फिरौती के लिए किडनैपिंग
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Kidnapping Case: पुलिस ने महज चंद घंटों के भीतर ही किडनैपिंग का एक केस सुलझाकर न सिर्फ एक कारोबारी को राहत दी बल्कि एक जवान लड़के की जान भी बचा ली। आगरा में फर्नीचर के एक कारोबारी की चूलें उस वक्त हिल गईं जब उनके पास उनके बेटे की किडनैपिंग का कॉल आया। आगरा के एक कारोबारी का 18 साल का बेटा फरीदाबाद से नोएडा के अपने घर के लिए तो चला, लेकिन अचानक रास्ते में गायब हो गया था। 

मंगलवार को हुआ अगवा

फर्नीचर कारोबारी और इवेंट कंपनी के मालिक आशीष अग्रवाल के इकलौते बेटे 18 साल के ईशांत अग्रवाल को मंगलवार को अगवा कर लिया गया था। ईशांत पुणे से बीबीए की पढ़ाई कर रहा था और दशहरे की छुट्टियों में घर आया था। अपनी दो चचेरी बहनों से टीका कराने के लिए वो दोपहर करीब 11 बजे फरीदाबाद से निकला। ईशांत की बहनें नोएडा और गाजियाबाद में रहती हैं। ईशांत के घरवाले जब भी कहीं जाते थे तो अपनी जान पहचान के ड्राइवर को ही बुलवाते थे। इस बार भी मैनपुरी का रहने वाला आकाश यादव ही आया था और ईशांत को लेकर घर से निकला था। ईशांत को सबसे पहले नोएडा के सेक्टर 44 पहुँचना था। ईशांत के जीजा पारस गुप्ता सर्राफा कारोबारी हैं। नोएडा पहुँचने में करीब एक घंटा लग जाता था। 

पिता को मोबाइल पर मिला फिरौती का मैसेज

ईशांत के घर से निकलने के करीब एक घंटे बाद ही पिता ने अपने बेटे का मोबाइल मिलाया तो वो बंद आया। तब पिता ने उसी ड्राइवर को कॉल किया। लेकिन उसका नंबर भी नहीं मिला। तब आशीष अग्रवाल को घबराहट हुई और उन्होंने पारस गुप्ता से संपर्क किया। पारस से आशीष को पता चला कि ईशांत अभी तक उनके घर नहीं पहुंचा। इसी बीच दोपहर एक बजे के आस पास आशीष अग्रवाल के पास एक मैसेज आया। जिसे देखकर वो घबरा गए और पुलिस से संपर्क किया। क्योंकि मैसेज में बेटे की सलामती के लिए एक करोड़ रुपये की मांग की गई थी। 

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खबर मिलते ही पुलिस हुई एक्टिव

एक लड़के को अगवा करने की खबर मिलते ही पुलिस फौरन एक्टिव हो गई। पुलिस ने फौरन गाड़ी को ट्रैक करना शुरू किया। पुलिस को खंदौली टोल प्लाजा के पास गाड़ी की लोकेशन दिखी तो पेट्रोलिंग गाड़ी के जरिए उस गाड़ी को रोका गया। उस गाड़ी में दो लोग सवार थे। एक खुद ड्राइवर आकाश यादव और दूसरा उसका दोस्त था। पुलिस ने गाड़ी रोकने के बाद दोनों को पकड़ा और गाड़ी की तलाशी ली। तो डिक्की में ईशांत बंद था। 

घर से निकलते ही 20 मिनट बाद किडनैपिंग

ईशांत ने पुलिस को बताया कि घर से निकलने के 20 मिनट बाद ही ड्राइवर ने लघु शंका का बहाना बनाकर एक जगह गाड़ी रोक दी थी। तभी पीछे से आ रही गाड़ी से दो लोग उतरे और उन्होंने ईशांत को दबोच लिया। और उनका साथ दिया ड्राइवर अशोक यादव ने। ईशांत को दबोचने के बाद सबसे पहले उन लोगों ने उसका मोबाइल छीना और उसे स्विच ऑफ कर दिया। और फिर उसे तमंचा दिखाकर धमकाया और डिग्गी में बंद कर दिया। 

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कार से तमंचा और कारतूस बरामद

जिस टोल प्लाजा के पास गाड़ी मिली थी वो ईशांत की चचेरी बहन के घर से 40 किलोमीटर दूर है। पुलिस ने जब गाड़ी की तलाशी ली तो उन्हें एक तमंचा और कारतूस मिले। ईशांत को बरामद करने के बाद पुलिस ने दोनों किडनैपर्स को पकड़ लिया और ईशांत को लेकर फरीदाबाद पहुँच गई। अब आगे की कार्रवाई की जा रही है। 

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