समंदर के अंदर भारत का 'सीक्रेट प्लान!
Agalega india Naval base in indian ocean mauritius island china
ADVERTISEMENT
गलवान में जमीन पर भारत ने चीन को सबक सिखाया, मगर अब समंदर में भी चीन की चुनौती का सामना करने के लिए भारत ने अपनी तैयारियों को और पुख्ता करना शुरु कर दिया है। भारत लगातार समंदर में अपनी ताकत भी बढ़ा रहा है। इसी सिलसिले में पिछले कुछ समय से हिंद महासागर का सिकंदर बनने के लिए हिंदुस्तान पुरजोर कोशिश कर रहा है, सूत्रों की मानें तो समंदर में भारत की दमदार सैन्य मौजूदगी के सबूत भी मिले है।
दरअसल हिन्द महासागर में अमेरिका, चीन, ब्रिटेन, फ्रांस जैसे सुपर पावर की काफी अहम मौजूदगी है, यही वजह है कि अब भारत ने भी इस पावर गेम में खुद को शामिल कर लिया है। हिंद महासागर एक तरह से हमारा बैकयार्ड है। हिंदुस्तान, हिन्द महासागर में सबसे बड़ी समुद्री सीमा वाला देश है और इस इस लिहाज से यहां हमारा सहज और स्वभाविक दावा है। और अब भारत हिंद महासागर के बीच, एक सूने टापू पर अपना खूफिया नौसैन्य अड्डा बना रहा है।
खबर है कि भारत, मॉरीशस से 1100 किलोमीटर दूर अगालेगा द्वीप में अपना नौसैनिक अड्डा बना रहा है, यहां तेजी से निर्माण कार्य चल रहा है। साथ ही अंतरराष्ट्रीय स्तर का हवाई पट्टी बना रहा है ताकि कोई भी जहाज आसानी से उतर सके। हालांकि भारतीय सेना और सरकार ने इस दावे को लेकर कोई भी आधिकारिक बयान जारी नहीं किया है, लेकिन हिंद महासागर में मॉरीशस के पास भारत के खुफिया नौसैन्य अड्डा बनाने की खबर से भी इंकार नहीं किया जा सकता।
ADVERTISEMENT
अगालेगा(Agalega), हिन्द महासागर (Indian Ocean) में स्थित मॉरीशस के स्वामित्व का वाला एक छोटा सा द्वीप है, अगालेगा मुख्य मॉरीशस द्वीप से लगभग 1000 किलोमीटर दूर उत्तर में स्थित है। ये 12 किलोमीटर लंबा और लगभग 1.5 किलोमीटर चौड़ा है, यहां की आबादी बहुत ही कम है। एक अनुमान के अनुसार यहां मात्र 300-350 लोग रहते हैं।
हिंद महासागर के इलाके में मॉरीशस, रणनीतिक रूप से काफी महत्वपूर्ण है, इस इलाके से होकर हर साल खरबों डॉलर का व्यापार होता है। अफ्रीकी महाद्वीप के नजदीक होने से इस देश से हिंद महासागर के बड़े इलाके पर नजर रखी जा सकती है।
ADVERTISEMENT
इस देश के पास ही रेयूनियों द्वीप है, जिसपर फ्रांस का कब्जा है, फ्रांस ने इस द्वीप पर बड़ा मिलिट्री बेस बनाकर रखा हुआ है। मॉरीशस के उत्तर-पूर्व में डिएगो गार्सिया है, जहां अमेरिकी और ब्रिटिश मिलिट्री का बेस है, साथ ही चीन का सैन्य अड्डा जिबूती भी यहीं है।
ADVERTISEMENT
क्षेत्रफल में महज कुछ किलोमीटर के ये मिलिट्री स्टेशन अपार ताकत समेटे हुए हैं, यही वजह है कि अब भारत भी इस क्षेत्र में अपना दबदबा बढ़ाने के लिए लगातार काम कर रहा है। सूत्रों के मुताबिक ये द्वीप भारत के लिए एक इंटेलिजेंस फैसिलिटी है। इसके जरिए भारत दक्षिण पश्चिम हिंद महासागर और मोजाम्बिक चैनल में अपनी हवाई और नौसैनिक उपस्थिति दर्ज कराएगा।
यानी अब हिंदुस्तान के खिलाफ टेढ़ी नजर करने की हिमाकत करने वालों की खैर नहीं है, ये पाकिस्तान और चीन के लिए एक कड़ी चेतावनी है कि अब तक जो हुआ सो हुआ, लेकिन अब भविष्य में उन्होंने भारत से पंगा लिया तो अंजाम बहुत बुरा हो सकता है।
ADVERTISEMENT