Afghanistan News : गरुण कमांडो ने पूरा कराया ऑपरेशन "एयरलिफ्ट काबुल", पढ़िए इनसाइड स्टोरी

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Afghanistan News : गरुण कमांडो ने पूरा कराया ऑपरेशन "एयरलिफ्ट काबुल", पढ़िए इनसाइड स्टोरी
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दिल्ली से जितेंद्र बहादुर की रिपोर्ट

अफ़ग़ानिस्तान में फंसे भारतीयों को देश लाने में वायुसेना का C-17 ग्लोबमास्टर विमान (C-17 Globemaster aircraft) में गरुण कमांडो तैनात थे. इस विमान को दिल्ली से सटे गाजियाबाद के हिंडन एयरबेस से भेजा गया था.

अफ़ग़ानिस्तान में फंसे भारतीय अधिकारियों और लोगों को सकुशल भारत लाने के लिए इस मिशन को ऑपरेशन एयरलिफ्ट काबुल नाम दिया गया था. इसकी शुरुआत 16 अगस्त की शाम 4:20 से शुरू हुई. ये पूरी जानकारी सूत्रों से मिली है.

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ईराक और पाकिस्तान का एयर स्पेस यूज नहीं

इस पूरे मिशन की तैयारी काफी कम समय में की गई. पहले से ही तय कर लिया गया था कि इस मिशन में ईराक और पाकिस्तान के एयर स्पेस का इस्तेमाल नहीं किया जाएगा. इसके बाद हिंडन एयरबेस पर मिशन के लिए पूरी एक टीम तैयार की गई. सूत्रों के मुताबिक, ओमान और पर्शियन गल्फ (ओमान व पारस की खाड़ी) होते हुए एयरफोर्स का विमान सबसे पहले तजाकिस्तान पहुंचा था.

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नाटो फोर्सेज ने की भारतीयों की मदद

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यहां से भारतीय विमान 17 अगस्त की सुबह ही काबुल एयरपोर्ट पर पहुंचा. जब काबुल एयरपोर्ट पर नाटो फोर्सेज (NATO Forces) ने भारतीय विमान के उतरने की क्लीयरेंस दी. इसके बाद विमान काबुल एयरपोर्ट पर उतरा था. यहां पर नाटो फोर्सेज ने भारतीयों की काफी मदद की. जिसकी वजह से भारतीयों को सुरक्षित लाया जा सका.

शाम 3 बजे तक हिंडन एयरबेस आएगा C-17 ग्लोबमास्टर

17 अगस्त की सुबह करीब 7:30 बजे ये काफिला एयरपोर्ट पर पहुंचा. यहां से C-17 ग्लोबमास्टर एयरक्राफ्ट भारत के लिए उड़ान भरा. इसमें एंबेसी से जुड़े अधिकारी, ITBP के जवान, कुछ पत्रकार सहित दूसरे लोग सवार हुए. इसके बाद ये विमान काबुल एयरपोर्ट से रवाना हुआ.

काबुल से निकलने के बाद सुबह करीब 11 बजे के आसपास C-17 ग्लोबमास्टर जामनगर एयरफोर्स स्टेशन पहुंचा. अब जामनगर से हिंडन एयरबेस पर ये विमान करीब 3 बजे दोपहर तक पहुंचेगा.

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