अदालत ने धोखाधड़ी के मामले में श्रीकांत त्यागी की जमानत अर्जी खारिज की, आठ सहयोगियों को मिली राहत

ADVERTISEMENT

अदालत ने धोखाधड़ी के मामले में श्रीकांत त्यागी की जमानत अर्जी खारिज की, आठ सहयोगियों को मिली राहत
social share
google news

उत्तर प्रदेश के गौतमबुद्ध नगर जिले की एक अदालत ने धोखाधड़ी के एक मामले में श्रीकांत त्यागी की जमानत अर्जी मंगलवार को खारिज कर दी। हालांकि, अदालत ने नोएडा से फरार होने के बाद श्रीकांत को शरण देने के मामले में उसके दो सहयोगियों को जमानत दे दी। एक वकील ने यह जानकारी दी।

एक अन्य मामले में अदालत ने त्यागी के अन्य छह सहयोगियों को भी जमानत दे दी जिनपर नोएडा सेक्टर 93बी की ग्रैंड ओमेक्स सोसाइटी में छह अगस्त को कथित तौर पर जबरन घुसने का आरोप था।

त्यागी नोएडा स्थित सोसाइटी में एक महिला के साथ पांच अगस्त को मारपीट करने और उत्पीड़न करने के आरोप में जेल में है। आरोपी को घटना के चार दिन बाद नौ अगस्त को मेरठ से गिरफ्तार किया गया था।

ADVERTISEMENT

त्यागी भारतीय जनता पार्टी का पदाधिकारी होने का दावा करते हैं जबकि पार्टी ने उनसे कोई संबंध होने से इनकार किया है।

सहायक लोक अभियोजन अधिकारी प्रेमलता यादव ने बताया कि त्यागी की जमानत अर्जी पर अतिरिक्त सिविल जज नूपुर श्रीवास्तव ने सुनवाई की।

ADVERTISEMENT

गौरतलब है कि त्यागी के खिलाफ भारतीय दंड संहिता की धारा- 419 (भेष बदलकर धोखाधड़ी), धारा-420 (धोखाधड़ी), धारा-482 (गलत संपत्ति पहचान) के तहत दर्ज किया गया है। धारा-482 के तहत मामला उनकी कार पर उत्तर प्रदेश के विधायकों के वाहन के लिए निर्धारित स्टीकर और सरकारी चिह्न लगे होने के आरोप में दर्ज किया गया।

ADVERTISEMENT

यादव ने ‘पीटीआई-भाषा’को बताया, ‘‘अदालत ने श्रीकांत त्यागी को भारतीय दंड संहिता की धारा- 419,420 और 482 के तहत दर्ज मामले में जमानत देने से इनकार कर दिया। अदालत ने नकुल त्यागी और संजय को जमानत दे दी।

उन्होंने बताया कि नकुल और संजय को उनके अन्य सहयोगी राहुल के साथ नौ अगस्त को मेरठ से त्यागी के साथ गिरफ्तार किया गया था और उन पर भारतीय दंड संहिता की धारा- 216 (फरार अपराधी को शरण देना) के तहत मामला दर्ज किया गया था।

इससे पहले अदालत ने नितिन त्यागी, लोकेंद्र त्यागी, राहुल त्यागी, चर्चिल राणा, प्रिंस त्यागी और रवि पंडित को जमानत दे दी थी। ये सभी गाजियाबाद के रहने वाले हैं और श्रीकांत त्यागी के समर्थक हैं। यह जानकारी उनके वकील सुशील भाटी ने दी।

भाषा धीरज वैभव

वैभव

    follow on google news
    follow on whatsapp

    ADVERTISEMENT

    ऐप खोलें ➜