'सुशांत सिंह राजपूत पर बन रही फिल्म को रोका जाए'
Sushant Singh Rajput: दिवंगत अभिनेता सुशांत सिंह राजपूत के पिता के के सिंह ने दिल्ली हाईकोर्ट की एकल जज पीठ के फैसले को खंडपीठ के समक्ष चुनौती दी है।
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संजय शर्मा के साथ चिराग गोठी की रिपोर्ट
Sushant Singh Rajput: दिवंगत अभिनेता सुशांत सिंह राजपूत के पिता के के सिंह ने दिल्ली हाईकोर्ट की एकल जज पीठ के फैसले को खंडपीठ के समक्ष चुनौती दी है। दिल्ली हाईकोर्ट की खंडपीठ ने सुशांत के पिता की याचिका पर फिल्म प्रोड्यूसर समेत अन्य पक्षकारों को नोटिस जारी कर जवाब मांगा है। अब दिल्ली हाई कोर्ट में जस्टिस यशवंत वर्मा और जस्टिस धर्मेश शर्मा की पीठ इस मामले की अगली सुनवाई 16 नंम्बर को करेगी।
सुशांत सिंह राजपूत के पिता कृष्ण किशोर सिंह ने सुशांत के जीवन पर आधारित चार फिल्मों और दो किताबों के प्रदर्शन और प्रकाशन पर रोक लगाने की मांग की थी। उन्होंने अपने दिवंगत बेटे सुशांत सिंह राजपूत की प्रतिष्ठा, निजता और अधिकारों की रक्षा को संरक्षित और सुरक्षित किए जाने की गुहार लगाते हुए यह याचिका दखिल की है।
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Actor Sushant Singh : याचिका में कहा गया है कि फिल्म ‘न्याय: द जस्टिस' एक ऑनलाइन मंच यानी OTT पर प्रसारित की जा रही है। इसमें कई मानहानिकारक बयान हैं। यह सुशांत सिंह राजपूत के ‘व्यक्तित्व और अधिकारों' का हनन करती है।
दिल्ली हाईकोर्ट में जस्टिस सी हरिशंकर की एकल जज पीठ ने दिवंगत अभिनेता सुशांत सिंह राजपूत के जीवन पर आधारित फ़िल्म न्याय: द जस्टिस की रिलीज़ पर रोक लगाने से इनकार कर दिया था।
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तब पीठ ने फैसले में कहा था कि पब्लिसिटी और निजता के अधिकार हेरिटेबल नहीं होते हैं। अभिनेता की मौत के साथ ही यह अधिकार खत्म हो गए।
सुशांत सिंह राजपूत के पास गोपनीयता, प्रचार और व्यक्तित्व के अधिकार थे। यह तमाम अधिकार सुशांत सिंह की मृत्यु के साथ खत्म हो गए। ये आनुवंशिक यानी हेरिटेबल अधिकार नहीं हैं।
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याचिका में पुट्टू स्वामी मामले में नौ जजों की संविधान पीठ के फैसले का हवाला देते हुए कहा गया है कि फ़िल्म में दिवंगत अभिनेता के निजता के अधिकार का हनन किया गया है, क्योंकि वो ऐतिहासिक और चर्चित फैसला गरिमा पूर्ण जीवन के साथ गरिमापूर्ण मृत्यु की भी बात करता है।
इसके अलावा निर्माता ने फ़िल्म बनाने से पहले परिवार से इसकी इजाजत नहीं ली थी। लिहाजा यह कई आयामों से गैरकानूनी कृत्य है। लिहाजा इस पर रोक लगाई जाए।
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