Umesh Pal Murder: उमेश पाल हत्या के 42 दिन, 12 टीमें और आईफोन का कवच, क्यों बच रहे हैं कातिल?
UP Crime:
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Umesh Pal Murder: उमेश पाल हत्याकांड कa 42 दिन गुजर चुके हैं। इसके बावजूद शूटर फरार हैं। अब आरोपियों की गिरफ्तारी के लिए यूपी पुलिस ने नए सिरे से कवायद शुरू की है। शाइस्ता की तलाश में पुलिस की 3 टीमें और असद की तलाश में 9 टीमें लगाई गई हैं।
शाइस्ता परवीन की तलाश में लगाई गई तीनों टीमें एक बार फिर शाइस्ता के करीबियों की कॉल डिटेल खंगालने में जुटी हैं। शूटआउट के बाद शाइस्ता को पनाह देने वाले संदिग्धों का एक बार फिर डाटा खंगाला जा रहा है। उमर और अली की फरारी के दौरान मिली कॉल डिटेल को भी यूपी एसटीएफ खंगालने में जुटी है।
उमेश पाल हत्याकांड के बाद फरार शूटरों को पनाह देने वालो में उमर और अली के पुराने मददगार भी रडार पर हैं। पुलिस को शक है कि असद अपने ऐसे मददगार के पास है जिसका पहले कोई रिकॉर्ड पुलिस के पास नहीं है। यूपी पुलिस की टीमों ने एक बार फिर कॉल डिटेल और सर्विलांस में मिले डाटा, व्हाट्सएप चैट को खंगालना शुरू किया।
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जानकारी के मुताबिक आरोपी आईफोन का इस्तेमाल कर रहे हैं। यही आईफोन उमेश पाल हत्याकांड के शूटरों की गिरफ्तारी का सबसे बड़ा रोड़ा साबित हो रहे हैं। उमेश पाल हत्याकांड में फरार चल रहे शूटरों का 15 मार्च के बाद से कोई मूवमेंट नहीं मिल पाया है। पुलिस को शक आई फोन के जरिए असद, शाइस्ता और बाकी शूटर एक दूसरे के संपर्क में है।
उमेश पाल हत्याकांड से पहले ही पशु तस्करी वाले रैकेट से हासिल किए गए थे 40 से ज्यादा प्रीएक्टीवेटेड सिम कार्ड। फर्जी नाम पते पर हासिल किए गए सिम का अब शूटर इस्तेमाल कर रहे हैं। हैरानी की बात ये है कि यूपी पुलिस को face time से नेट data detail नहीं मिल पा रहा है। पॉलिसी के मुताबिक ग्राहक की मर्जी से ही डाटा दिया जा सकता है, जो पुलिस के लिए सबसे बड़ा रोड़ा बना हुआ है।
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आईफोन में नेट कॉलिंग के तमाम फीचर्स के चलते ही उमेश पाल हत्याकांड की साजिश से लेकर हत्याकांड को अंजाम देने तक आईफोन का इस्तेमाल किया गया है। 24 फरवरी, 2023 को शाम करीब पांच बजे उमेश पाल की हत्या कर दी थी। इस घटना में उनके गनर राघवेंद्र सिंह और संदीप निषाद भी मारे गए थे। 25 फरवरी को उमेश पाल की पत्नी जया पाल की तहरीर पर प्रयागराज के धूमनगंज थाना में अतीक अहमद, शाइस्ता परवीन, अशरफ, गुड्डू मुस्लिम, गुलाम और अन्य नौ लोगों के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज की गई थी।
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