धार्मिक स्थल में 3,30,000 मासूम बच्चों का यौन उत्पीड़न! धर्मगुरुओं ने ही अंजाम दी 'काली करतूत'

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धार्मिक स्थल में 3,30,000 मासूम बच्चों का यौन उत्पीड़न! धर्मगुरुओं ने ही अंजाम दी 'काली करतूत'
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क्या है पूरा मामला?

मामला दरअसल फ्रांस के कैथोलिक चर्चों का है, एक सनसनीखेज़ रिपोर्ट सामने आई है जिसमें कहा गया कि फ्रांस के कैथोलिक चर्चों में पिछले 70 साल से ज्यादा वक्त में एक अनुमान के मुताबिक करीब 3,30,000 बच्चों का यौन उत्पीड़न हुआ। और बच्चों के साथ ये गंदा काम करने वालों में ज़्यादातर पादरी और चर्च से संबद्धित लोगों शामिल हैं। इससे भी ज़्यादा हैरान करने वाली बात ये है कि उत्पीड़न के शिकार होने वालों में 80 फीसदी बच्चे थे जबकि बाकी 20 फीसदी बच्चियां थीं। और तो और जिन लोगों का यौन शोषण किया गया उनमें करीब 60 फीसद लोगों को अब या तो उनकी ज़िंदगी में और या उनके यौन जीवन में मुश्किलों का सामना करना पड़ रहा है।

कैसे तैयार की गई रिपोर्ट?

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इस रिपोर्ट को तैयार करने में करीब ढाई साल का वक्त लगा, ढाई हजार पन्नों की इस रिपोर्ट के केंद्र में कैथोलिक चर्च है। रिपोर्ट 1950 के दशक से चर्च, अदालत, पुलिस और प्रेस आर्काइव की स्टडी करके बनाई गई है। रिपोर्ट में बताया गया है कि इस दौरान 3 हजार अपराधियों में से दो तिहाई लोग चर्च में पुजारी थे। ये रिपोर्ट ऐसे वक्त पर आई है, जब दुनिया के अन्य देशों की तरह फ्रांस के कैथोलिक चर्चों की काली करतूत दुनिया के सामने आ रही है, जबकि इस तरह के मामले लंबे वक्त से छिपे हुए थे

कितने चरणों से गुज़री जांच?

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जांच की शुरुआत में शुरू किए गए एक हॉटलाइन को पीड़ितों या ऐसे लोगों से 6,500 कॉल मिले जिन्होंने कहा कि वे एक पीड़ित को जानते हैं। जिसके बाद 1950 के दशक से अबतक पीड़ितों और गवाहों के बयानों को सुना गया, चर्च, कोर्ट, पुलिस और प्रेस आर्काइव का अध्ययन किया गया। रिपोर्ट में कहा गया कि 22 अपराध ऐसे हुए हैं जिन्हें अभी भी अदालत में आगे बढ़ाया जा सकता है, उन्हें अभियोजकों को भेज दिया गया है। 40 से ज़्यादा मामले जो कि मुकदमा चलाने के लिए बहुत पुराने हैं, लेकिन कथित अपराधियों को शामिल करते हैं जो अभी भी जीवित हैं। उन्हें चर्च के अधिकारियों को भेज दिया गया है। आयोग ने इस तरह के दुरुपयोग को रोकने के तरीके के बारे में आयोग ने 45 सिफारिश की हैं।

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ये रिपोर्ट फ्रांसीसी कैथोलिक चर्च को हिलाकर रख देने वाले पादरी बर्नार्ड प्रीनेट को लेकर हुए एक घोटाले के बाद आई है। पिछले साल, प्रीनेट को नाबालिगों का यौन शोषण करने का दोषी ठहराया गया था और उन्हें पांच साल की जेल की सजा दी गई थी। उन्होंने दशकों तक 75 से ज़्यादा लड़कों को गाली देने की बात स्वीकारी थी। प्रीनेट के एक पीड़ित ने मामले को लेकर कहा कि चर्च को न केवल घटनाओं को स्वीकार करना चाहिए बल्कि पीड़ितों को मुआवजा भी देना चाहिए। रिपोर्ट में जिन पीड़ितों की पहचान की गई है उनकी संख्या 'न्यूनतम' है। बता दें कि पोप फ्रांसिस ने मई 2019 में एक नया चर्च कानून जारी किया था। इसके तहत यौन उत्पीड़न के मामलों से अवगत लोगों के लिए इसकी जानकारी देना अनिवार्य बना दिया गया।

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