बॉस प्रमोशन नहीं दे रहा था तो जूनियर्स ने दे दी 20 लाख में बॉस की सुपारी
2 juniors gave Rs 20 lakh supari to kill top MBMC engineer
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पूरी वारदात की शुरुआत होती है 29 सिंतबर से जब मीरा-भयंदर मुंसिपल कॉरपोरेशन के एग्जीक्यूटिव इंजीनियर दीपक खंबित मीरा-भयंदर से अपने घर बोरीवली वापस लौट रहे थे। जब वो रास्ते में जंगली इलाके में थे तो बाइक सवार दो लोगों ने बेहद नजदीक से दीपक खंबित पर फायर किया। खुदकिस्मती से गोली ने कार की खिड़की का शीशा जरुर तोड़ दिया लेकिन निशाना चूक गया।
खंबित के ग्लास टूटने की वजह से थोड़ी बहुत चोट आई थी। दीपक खंबित ने इस बात की शिकायत मुंबई पुलिस से की, जिसके बाद मामले की जांच करने के लिए पुलिस की टीम बनाई गई। पुलिस टीम ने हमले के आसपास के वक्त के तमाम सीसीटीवी फुटेज को खंगालना शुरु कर दिया। मौका-ए-वारदात पर एक्टिव मोबाइल फोनों का डाटा भी लिया गया। काफी मशक्कत के बाद आखिरकार पुलिस ने इस मामले में दो लोगों को गिरफ्तार कर लिया।
इनकी पहचान अमित सिन्हा और अजय सिंह के तौर पर हुई। इनसे पूछताछ हुई तो उन्होंने बताया कि उन्हें मर्डर की सुपारी राजू विश्वकर्मा नाम के एक शख्स ने दी थी जो फाइट फॉर राइट्स के नाम से एक एनजीओ चलाया करता था। पुलिस ने राज विश्वरकर्मा और उसके मैनेजर प्रदीप पाठक को भी गिरफ्तार कर लिया इनसे पूछताछ में सुपारी देने की चौंका देने वाली कहानी सामने आई।
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राजू ने पुलिस को बताया कि उसका अपराधिक इतिहास रहा है। दस साल पहले वो एक अपराध में जेल गया था। जहां पर उसकी मुलाकात छोटा राजन के गुर्गे अमित सिन्हा से मुलाकात हुई थी। इसके बाद उसकी अमित सिन्हा से बातचीत हुआ करती थी। उसका मीरा-भयंदर मुंसिपल कॉरपोरेशन में भी आना जाना था। यहीं पर उसकी मुलाकात कॉरपोरेशन में काम करने वाले दो जूनियर इंजीनियरों से हुई जिसमें एक का नाम श्रीकृष्णा मोहिते और यशवंतराव देशमुख से हुई।
पहचान बढ़ी तो छह महीने पहले दोनों जूनियर इंजीनियर ने अपने एक सीनियर अधिकारी के कत्ल की बात राजू विश्वकर्मा से की, इसके बाद काफी वक्त तक प्लान पर बातचीत चलती रही। राजू विश्वकर्मान ने दोनों जूनियर इंजीनियर को बताया कि उसके अंडरवर्ल्ड में कनेक्शन हैं और वो ये काम आसानी से करा सकता है। जिसके बाद डेढ़ महीने पहले मोहिते और देशमुख ने राजू विश्वकर्मा को दस लाख रुपये दिए।
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इसके बाद राजू ने छोट राजन के गुर्गे अमित सिन्हा से संपर्क किया, अमित सिन्हा ने गाज़ीपुर के रहने वाले शूटर अजय सिंह को अपने साथ लिया। प्लान के मुताबिक इन्होंने दीपक खंबित को अपना निशाना बनाया लेकिन निशाना चूक गया और खंबित की जान बच गई। पुलिस ने अब दोनों जूनियर इंजीनियर को गिरफ्तार कर उनसे पूछताछ की तो सुपारी की हैरान कर देने वाली कहानी सामने आई।
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प्रमोशन नहीं मिला तो दे दी सुपारी
श्रीकृष्ण मोहिते और यशवंतराव देशमुख ने बताया कि साल 2000 से पहले उन्होंने मीरा भयंदर मुंसिपल कॉरपोरेशन में ज्वाइनिंग की थी। कॉरपोरेशन में दीपक खंबित उनका सीनियर था। दोनों का प्रमोशन भी दीपक खंभित के ही हाथ में था। दोनों जूनियर इंजीनियर के मुताबिक दीपक खंबित ना जाने क्यों उनसे नाराज रहता था ।
वो उस कमेटी का हिस्सा था जो प्रमोशन के लिए बनाई गई थी। दोनों आरोपियों का कहना है कि खंबित हर बार प्रमोशन के वक्त उनके खिलाफ निगेटिव रिमार्क लिख देता था। इसकी वजह से उनका प्रमोशन बार-बार रुक जाता था और उनकी तरक्की बिल्कुल रुक गई थी। ऐसे में दोनों को लगता था कि खंबित अगर रास्ते से हट जाए तो उनका करियर आगे बढ़ सकता है।
यही सोचकर दोनों ने खंबित की सुपारी देने तय किया। इसमें उनको मदद मिली राजू विश्वकर्मा से जिसने शूटर से संपर्क किया। इस मामले में पुलिस ने कुल छह लोगों को गिरफ्तार किया है। पुलिस जांच कर रही है कि इसमें किसी और की भूमिका तो नहीं है जिसकी गिरफ्तारी की जा सके।
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