अब CoBRA कमांडो घाटी में करेंगे आतंकियों का सफाया, अनंतनाग एनकाउंटर के बाद हुआ ये बड़ा फैसला
CoBRA commandos deployed : सीआरपीएफ की जानी मानी कोबरा कमांडो फोर्स अब जम्मू कश्मीर के घने जंगलों में आतंकियों का सफाया करने उतरेगी और इसके लिए पहला बैच घाटी में तैनात भी कर दिया गया।
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CoBRA Commandos: सामने आया है। कश्मीर की वादियों, घनी घाटियों और ऊंची नीची चट्टानों पर छुपने में माहिर आतंकियों का सफाया करने के लिए अब कोबरा कमांडो की यूनिट ऑपरेशन करेगी। ये पहला मौका होगा जब CRPF की सबसे मशहूर और तेजतर्रार कोबरा कमांडो फोर्सेज को खासतौर पर जम्मू कश्मीर में तैनाती के लिए भेजा गया है।
अब आतंकियों की खैर नहीं
यानी पहाड़ों और जंगलों में छुपकर सेना और सुरक्षा बल पर घातक हमले करने वाले आतंकियों की अब खैर नहीं है। क्योंकि इन आतंकियों को उनकी ही जुबान में सबक सिखाने के लिए कोबरा (CoBRA) कमांडो को नजर रखने के लिए तैनात कर दिया गया है। ये कोबरा कमांडो किसी भी वातावरण में और किसी भी हालात में दुश्मन का मुकाबला करके उन्हें शिकस्त देने में माहिर माने जाते हैं।
कमांडोज ने पूरी कर ली ट्रेनिंग
ताजा जानकारी के मुताबिक केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल के कोबरा कमांडो का पहला बैच कुपवाड़ा में तैनाती के लिए भेज दिया गया है। कोबरा कमांडो के इस पहले बैच ने कुछ अरसा पहले ही जम्मू कश्मीर के जंगलों में अपनी ट्रेनिंग पूरी की है।
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CoBRA कमांडो की खासियत
ये बात गौरतलब है कि साल 2009 में कमांडो बटालियन फॉर रेजोल्यूट एक्शन (CoBRA) को माओवादी विद्रोहियों पर काबू पाने और उनसे लड़ने के लिए बनाया गया था। लेकिन ये पहला मौका है जब इस कोबरा कमांडो यूनिट को मध्य और पूर्वी भारत के हिस्सों से हटाकर जम्मू कश्मीर भेजा गया है।
आतंकियों का सफाया करने का टास्क
खबर ये है कि CRPF की कोबरा कमांडो फोर्सेज की खास यूनिट को जम्मू कश्मीर भेजा गया है। इस यूनिट के लिए असली टास्क यही होगा कि वो जंगल और पहाड़ों में छुपकर सुरक्षा बलों पर घातक हमला करने वाले आतंकियों के खिलाफ ऑपरेशन की जरूरत पड़ने पर ये फोर्सेज एक्शन लेंगी। इस बात में कोई दो राय नहीं है कि कोबरा कमांडे जंगल और गुरिल्ला वॉर फेयर की लड़ाई में माहिर माने जाते हैं।
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बिहार और झारखंड से यूनिट में कमी की
वैसे भी कोबरा कमांडो को नक्सलियों से लड़ने और उन्हें ठिकाने लगाने में महारत हासिल है। मिली जानकारी के मुताबिक कोबरा कमांडो की कुछ कंपनियों को बिहार और झारखंड से हटाकर जम्मू कश्मीर में तैनात किया गया है। लेकिन तैनाती से पहले इन कमांडोंज को यहां के जंगल और पहाड़ों की जानकारी देने और वहां काम के तौर तरीकों को समझने के लिए इन्हें बाकायदा ट्रेनिंग दी गई है। इनकी ट्रेनिंग खत्म होने के बाद अब इन्हें कुपवाड़ा में तैनात किया गया है। हालांकि अभी तक इन कमांडोज को किसी भी ऑपरेशन के टास्क नहीं दिया गया है।
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तीन ओजीडब्लू हिरासत में
इस बीच घाटी से एक खबर सामने आई है कि जम्मू कश्मीर के किश्तवाड़ जिले में हिज्बुल मुजाहिदीन आतंकी संगठन के तीन ओजीडब्लूय को पीएसए ने पकड़ा है। सुरक्षा बल के अफसरों की तरफ से बताया गया है कि तौसीफ उल नबी, जहूर उल हसन और रेयाज अहमद को उस कानून के तहत हिरासत में लिया गया है उसके मुताबिक ऐसे किसी भी शख्स को हिरासत में लेकर पूछताछ की जा सकती है जिस पर आतंकियों की मदद करने का शक है और इस कानून के तहत पकड़े गए शख्स को बिना किसी लिखत पढ़त , बिना किसी मुकदमे के दो साल तक सलाखों के पीछे रखा जा सकता है।
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