रूस-यूक्रेन जंग का 19वां दिन! बर्बादी की राह पर दोनों देश, कहां रुकेगी ये तबाही?
रूस-यूक्रेन जंग के 19 दिन बाद बर्बादी की राह पर दोनों देश, कहां थमेगी जंग, For more Ukraine Russia News, Crime news in Hindi, and more on Crime Tak.
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पिछले 19 दिन से रूस अपने पड़ोसी मुल्क यूक्रेन पर हमलावर है, उसकी सेना लगातार यूक्रेनियन शहरों में जोरदार हमले कर रही है। ये जंग इतनी भयानक होगी और इतनी ज़्यादा लंबी खिंच जाएगी ये किसी ने नहीं सोचा था। किसी को भी उम्मीद नहीं थी कि वह यूक्रेन के खिलाफ चौतरफा युद्ध छेड़ देगा जिससे पूरी दुनिया सकते में आ जाएगी। साथ ही तीसरे विश्वयुद्ध का खतरा मंडराने लगेगा।
यूक्रेन में हुई तबाही को लेकर रूस और यूनाइडेट नेशंस के अलग अलग दावे और रिपोर्ट्स हैं, असल में इन हमलों का यूक्रेन पर कितना असर हुआ है, इसका ठीक ठीक अंदाज़ा लगाना अभी मुश्किल है। मगर एक आंकड़े के मुताबिक रूस की सेना ने अभी तक,
यूक्रेन के 3687 मिलिट्री इंफ्रास्ट्रक्चर तबाह किए हैं
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साढ़े 3 हजार से ज्यादा सैन्य ठिकाने तबाह किए हैं
10 मार्च तक यूक्रेन में 549 लोगों की मौत और 957 लोग घायल हुए हैं
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बताया जा रहा है कि मरने वालों में 26 बच्चे भी शामिल हैं
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यूक्रेन में सबसे ज्यादा तबाही Donetsk और Luhansk में हुई है
करीब 4000 यूक्रेनी सेना, नेशनल गार्ड, वॉलिंटियर फोर्स के जवान मारे गए हैं
Russia Ukraine: रूस और यूक्रेन के बीच छिड़ी ये जंग अब अपने तीसरे हफ्ते में पहुंच गई है, मौजूदा वक्त में इसका आंकलन करें तो साफ है कि इस जंग का अंजाम जो भी हो, 21वीं सदी के इस सबसे खतरनाक युद्ध में जीत अमेरिका और चीन की हो रही है। वहीं रूस इस जंग को जीत कर भी हालता हुआ नज़र आ रहा है । क्योंकि ना सिर्फ रूसी सेना के भी करीब 5000 से ज़्यादा जवान मारे जा चुके हैं, बल्कि उसे भारी आर्थिक नुकसान हो रहा है।
Russia Ukraine News: वही अगर यूक्रेन के बात करें तो इस जंग की वजह से करीब 25 लाख से ज्यादा लोग यूक्रेन को छोड़ चुके हैं और यूक्रेन छोड़कर बाहर जा रहे हैं। इसमें 1.5 मिलियन लोग पौलेंड में जा चुके हैं, इसके अलावा हंगरी, स्लोवाकिया, मोलडोवा में जा चुके हैं। जानकारों का मानना है कि यूक्रेन संकट का यूक्रेन से कोई लेना-देना नहीं है। ये मामला एक पाइपलाइन का है जो जर्मनी को रूस से जोड़ती है, जिसे नॉर्ड स्ट्रीम-2 कहा जाता है। अमेरिका रूसी पाइपलाइन को यूरोप में अपनी प्रभुत्व के लिए एक खतरे के रूप में देखता है और हर वो कोशिश कर रहा है, जिससे ये परियोजना कामयाब न हो सके।
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