1984 सिख विरोधी दंगा: न्यायालय ने फरलो देने की पूर्व पार्षद की याचिका पर सीबीआई से जवाब मांगा

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1984 सिख विरोधी दंगा: न्यायालय ने फरलो देने की पूर्व पार्षद की याचिका पर सीबीआई से जवाब मांगा
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84 Riots News: उच्चतम न्यायालय ने शुक्रवार को कांग्रेस के पूर्व पार्षद बलवान खोखर की उस याचिका पर केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो (सीबीआई) से जवाब मांगा जिसमें फरलो प्रदान करने का आग्रह किया गया है। बलवान वर्ष 1984 के सिख विरोधी दंगा मामले में आजीवन कारावास की सजा काट रहा है।

न्यायमूर्ति जेके माहेश्वरी और न्यायमूर्ति संजय करोल की पीठ ने सीबीआई को नोटिस जारी करते हुए कहा कि वह सक्षम प्राधिकारी को मामले पर फैसला करने के लिए कह सकती है।

पीटीआई के मुताबिक, खोखर की ओर से पेश वकील ने कहा कि वह सामाजिक संबंधों को बरकार रखने के लिए छुट्टी की मांग कर रहे हैं। पीठ इस मामले पर अगली सुनवाई अप्रैल महीने में करेगी।

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खोखर के अलावा, पूर्व कांग्रेस सांसद सज्जन कुमार इस मामले में आजीवन कारावास की सजा काट रहे हैं। इस मामले में 10 साल की सजा पाने वाले पूर्व विधायक महेंद्र यादव की मंडोली जेल में कोविड से मौत हो गई थी।

सज्जन कुमार और बलवान खोखर 17 दिसंबर, 2018 को दोषी ठहराए जाने के बाद से तिहाड़ जेल में बंद हैं। दिल्ली उच्च न्यायालय ने वर्ष 2018 में खोखर को उम्रकैद की सजा सुनाई थी और उनको रिहा करने के निचली अदालत के वर्ष 2013 के फैसले को पलट दिया था।

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इस मामले में एक-दो नवंबर, 1984 को दक्षिण पश्चिम दिल्ली की पालम कॉलोनी में राज नगर पार्ट-वन में पांच सिखों की हत्या और राज नगर पार्ट-टू में एक गुरुद्वारे को जलाना शामिल है।

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31 अक्टूबर, 1984 को तत्कालीन प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी की उनके दो सिख अंगरक्षकों द्वारा हत्या किये जाने के बाद सिख विरोधी दंगे भड़क उठे थे।

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