Zaporizhzhia Nuclear Power Plant
अगर में छुपी धमकी भी गुज़ारिश भी
Russia-Ukraine War : अपने ट्वीट में दिमित्रो कुलेबा ने साफ साफ शब्दों में लिखा है कि रूसी सेना के हमले के बाद से Zaporizhzhia Nuclear Power Plant पर ख़तरा मंडरा रहा है। इस प्लांट के चारो तरफ रूसी सेना फायरिंग कर रही है और इसी वजह से प्लांट में आग तक लग गई। इसके बाद दिमित्रो कुलेबा ने जिस तरीक़े से अगर शब्द का इस्तेमाल किया...वो बहुत बड़ा अगर है।
ये अगर न सिर्फ चेतावनी है बल्कि इस बात का इशारा भी है कि दुनिया के तमाम देश बेशक बड़ी बड़ी बातें कर लें, लेकिन यूक्रेन इस वक़्त सबसे बड़े ख़तरे के बेहद क़रीब आकर खड़ा हो गया है। और इस वक़्त उसे वाकई बहुत ऐहतियात के साथ कदम उठाने की ज़रूरत है। विदेश मंत्री ने साफ साफ लिखा है कि अगर यहां हादसा हुआ या आग की वजह से धमाका हुआ तो ये चेर्नोबिल हादसे से दस गुना ज़्यादा तबाही हो सकती है। लिहाजा रूस को फौरन रोकना सबसे ज़्यादा जरूरी है।
यूक्रेन के न्यूक्लियर प्लांट में आग से IAEA में बजा अलार्म
Russia-Ukraine War : आखिर यूक्रेन के विदेश मंत्री को इस न्यूक्लियर प्लांट को लेकर दुनिया भर के नेताओं को एलर्ट करने की ज़रूरत क्यों महसूस हुई। तो इस बात को समझना बहुत ज़रूरी है।
असल में Zaporizhzhia Nuclear Power Plant में 6 परमाणु रिएक्टर हैं। और यूक्रेन में मौजूद ये न्यूक्लियर पॉवर प्लांट पूरे यूरोप में सबसे बड़ा है। जिसका शुमार दुनिया के सबसे बड़े नौ न्यूक्लियर प्लांट में किया जाता है। और जैसे ही Zaporizhzhia Nuclear Power Plant में रूसी हमले के बाद आग लगी तो इंटरनेशनल एटॉमिक एनर्जी एजेंसी (IAEA) में अलार्म बज गया।
हरकत में आई IAEA ने फौरन दुनिया को राहत दी और बता दिया कि न्यूक्लियर प्लांट से निकलने वाला रेडिएशन फिलहाल ख़तरे के निशान से बहुत नीचे हैं इसलिए डरने वाली बात नहीं है। मगर असल में देखा जाए तो ये ख़तरा कितना बड़ा है।
इसलिए अलर्ट हो गया IAEA
Russia-Ukraine War : असल में Zaporizhzhia Nuclear Power Plant पर रूसी सेना का हमला यक़ीनन खतरे की घंटी तो बजा ही देता है। लेकिन इस न्यूक्लियर प्लांट में अगर कोई हादसा होता है तो असल में वो बड़ी तबाही भी ला सकता है। और उस तबाही का असर अकेले यूक्रेन तक ही सीमित नहीं रहेगा, बल्कि रेडिएशन तो यूरोप तक फैल सकता है।
इसी लिए यूक्रेन के विदेश मंत्री के ट्वीट ने बेशक रूस और बाकी दुनिया के लोगों को उस तरह से न झकझोरा हो, मगर विदेश मंत्री का ये ट्वीट IAEA पर किसी गाज की ही तरह गिरा है। तभी तो IAEA ने न्यूक्लियर प्लांट के आसपास होने वाली लड़ाकी को लेकर चिंता जताई है।
IAEA की तरफ से भरोसा दिया जा रहा है कि यूक्रेन के प्रधानमंत्री डेनिस शिमिगल (Denys Shmygal) के साथ साथ Zaporizhzhia Nuclear Power Plant के रेगुलेटर्स के संपर्क में लगातार बने हुए हैं।
चेर्नोबिल के हादसे का डर आज भी ज़िंदा है
Russia-Ukraine War : यूक्रेन में इस वक़्त 15 न्यूक्लियर रिएक्टर हैं और सभी सक्रिय हैं। जबकि अकेले Zaporizhzhia Nuclear Power Plant में छह न्यूक्लियर रिएक्टर हैं। यूक्रेन के राष्ट्रपति वोलोदिमीर ज़ेलेंस्की ने दुनिया भर के नेताओं को आगाह करके रूसी हमलों को जल्द से जल्द रोकने की अपील करते हुए चेर्नोबिल हादसे का भी ज़िक्र किया है।
उनका कहना है कि चेर्नोबिल हादसा दुनिया आज तक नहीं भूली है। और क़रीब 36 साल बाद भी आज भी वो चर्नोबिल यूक्रेन के साथ साथ दुनिया को डरा रहा है। और दुनिया को ये बात भी नहीं भूलनी चाहिए कि चेर्नोबिल में सिर्फ एक न्यूक्लियर रिएक्टर में ही हादसा हुआ था। इसलिए यूक्रेन में रूसी हमले को रोकना किस कदर ज़रूरी हो जाता है।
यूक्रेन का वो नक्शा जिसमें Zaporizhzhia Nuclear Power Plant नज़र आता है
कीव से 550 किलोमीटर दूर है न्यूक्लियर पॉवर प्लांट
Russia-Ukraine War : Zarporizhzhia Nuclear Power Plant यूक्रेन में दनीपर नदी के किनारे इनरहोदर शहर में है। ये जगह डोनबास इलाक़े से क़रीब 200 किलोमीटर दूर है जबकि कीव से दक्षिण पूर्व में 550 किलोमीटर दूर है। और इस प्लांट से पैदा होने वाली बिजली की सप्लाई एक चौथाई यूक्रेन में की जाती है।
इसको ऐसे भी समझा जा सकता है कि यूक्रेन में बिजली की खपत का 25 फीसदी हिस्सा इसी न्यूक्लियर प्लांट में पैदा होता है। यूरोप के इस सबसे बड़े Zarporizhzhia Nuclear Power Plant 1984 में बनना शुरू हुआ था और 1995 में बनकर तैयार हुआ था। इस प्लांट में लगे छह रिएक्टर से क़रीब 5,700 मेगावॉट बिजली का उत्पादन किया जाता है जिससे कम से कम चालीस लाख घरों की ऊर्जा की ज़रूरतों की पूर्ति होती है।
ये बड़ी रणनीति का भी हिस्सा है पॉवर प्लांट
Russia-Ukraine War : ऐसे में अगर ये प्लांट किसी भी सूरत में रूसी सेना के कब्ज़े में आ गया तो इससे अकेले यूक्रेन ही नहीं बल्कि पूरे यूरोप की बिजली की सप्लाई के लिए एक बड़ा ख़तरा पैदा हो सकता है। रूसी राष्ट्रपति पुतिन की सेना पहले ही चेर्नोबिल न्यूक्लियर प्लांट पर कब्ज़ा कर चुकी है।
अगर इस Zarporizhzhia Nuclear Power Plant पर भी रूसी सेना का कब्ज़ा हो गया तो यूक्रेन एक तरह से समुद्र से पूरी तरह से कट जाएगा। शायद यही वजह है कि Zarporizhzhia Nuclear Power Plant के पास यूक्रेन की सेना के जवान रूसी सेना के साथ गुरिल्ला वॉर लड़ रहे हैं।