इंजीनियर पति ने बीवी के कटे सिर को बैग में रख गहरी खाई में फेंका, दर्जनों क्राइम शो देख रची थी साजिश, 1 फोटो से ऐसे खुला राज़

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Murder Mystery : तारीख 12 दिसंबर. जगह महाराष्ट्र के रायगढ़ जिले का माथेरान. ये इलाका सैलानियों के लिए काफी फेमस है. यहां वीकेंड पर मुंबई और आसपास के लोग घूमने आते हैं. माथेरान के बाहरी इलाके में बसा है इंदिरा नगर. इसी जगह के साईं लॉज में रविवार सुबह जो हुआ वो दिल दहलाने वाला था.

इस लॉज के एक कमरे में रविवार सुबह बेड के नीचे एक ऐसी लाश मिली. उसे देखकर लोगों के रौंगटे खड़े हो गए. वो सिर कटी लाश थी. चारों तरफ खून फैला हुआ था. शरीर पर कपड़े का एक टुकड़ा भी नहीं था. लेकिन उस धड़ को देखकर समझ आ गया कि ये किसी लड़की की लाश है.

आख़िर कौन थी वो लड़की

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Maharashtra Matheran Murder News : लेकिन वो लड़की कौन थी? उसका सिर कटा हुआ था. पहचान के लिए उसके शरीर पर कोई कपड़े भी नहीं थे. एक हाथ पर कुछ टैटू के निशान थे. लेकिन उसे भी कातिल ने चाकू या किसी धारदार ब्लेड से खुरच दिया था. ऐसे में तमाम सवाल खड़े हो रहे थे. लेकिन एक भी जवाब नहीं था. रूह कंपा देने वाली इस वारदात की सूचना तुरंत पुलिस को दी गई. रायगढ़ के आला अधिकारी तुरंत मौके पर पहुंचे. तफ्तीश शुरू की गई.

पुलिस के सामने थी ये चुनौती

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Crime News : अब पुलिस के सामने पहली चुनौती थी शव की पहचान करना. आखिर ये शव किसका था? सबसे पहले उस होटल के रजिस्टर को चेक किया गया. ये पता लगाया गया कि आखिर इस कमरे में रुके शख्स ने अपनी क्या पहचान बताई थी. तब पता चला कि उस कमरे में अमजद खान और रुबीना बेगम रहने आए थे.

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दोनों ने खुद को पति-पत्नी बताया था. ये शनिवार और रविवार दो दिनों के लिए कमरे को बुक कराया था. इन्होंने अपना पता मुंबई का दिया था. पुलिस ने तुरंत मुंबई के उस पते की जानकारी मंगाई. लेकिन जवाब चौंकाने वाला मिला. उस पते पर इन नामों का कोई शख्स नहीं रहता था. यानी लॉज में दी गई जानकारी पूरी तरह से फर्जी निकली.

अब सवाल था कि आखिर जिस लड़की का शव मिला है उसका ना सिर है और ना ही कोई कपड़े. आखिर पहचान करें तो कैसे करें. इसलिए पुलिस ने सीसीटीवी कैमरों की जांच शुरू की. सीसीटीवी फुटेज से दोनों के बारे में कुछ जानकारी मिली.

जिस दिन दोनों होटल में रुकने आए थे उस दिन के फुटेज में एक जगह मास्क लगाए लड़की दिखती है. वहीं, घटना वाले दिन यानी रविवार तड़के लॉज से बाहर एक लड़का दिखाई देता है. पीठ पर बैग लटकाए. तेजी से कहीं निकलते हुए. उतनी सुबह वही एक लड़का उस घटना वाले लॉज से निकला था. अब पुलिस उसकी तलाश शुरू करती है.

250 फुट खाई में मिला लड़की का सिर

Maharashtra Matheran Murder News : कुछ कैमरों की जांच में उसके जाने की दिशा का पता चलता है. उसी दिशा में पुलिस की एक टीम जाकर तलाश करती है. तब रेलवे ट्रैक के पास की 250 फुट गहरी खाई मिलती है. पुलिस उस खाई में छानबीन करती है तब दूर से खून से सनी एक पॉलिथीन दिखाई देती है. पुलिस तुरंत जाकर उस पॉलिथीन को कब्जे में लेती है.

उस पॉलिथीन से एक लड़की का कटा हुआ सिर मिलता है. अब प्राथमिक तौर पर पुलिस को ये यकीन हो जाता है कि कटा हुआ सिर उसी लड़की का है जिसका धड़ वाला हिस्सा लॉज के कमरे में मिला. अब पुलिस उस सिर के आधार पर लड़की की पहचान करती है और छानबीन शुरू करती है.

इसी बीच, कुछ इलेक्ट्रॉनिक सर्विलांस और पैसों के ट्रांजैक्शन के आधार पर पुलिस को ये पता चलता है कि आखिर ये कपल थे कौन. अब सवाल ये था कि आखिर ऐसी क्या वजह थी कि लड़की का इतनी बेरहमी से क़त्ल किया गया.

हत्या के बाद बेहद ही शातिराना तरीके से उसके शव के दो टुकड़े किए गए. और फिर शव के दोनों टुकड़े को अलग-अलग जगह ठिकाने लगाया गया. अब पुलिस इसकी पड़ताल करती है तो 24 घंटे के भीतर पूरा केस आइने की तरह साफ हो जाता है.

क़ातिल का चेहरा ऐसे हुआ बेनकाब

क़ातिल के साथ क़त्ल की वजह की परतें भी खुल जाती हैं. क़ातिल के चेहरे से जब बेनकाब उतरता है तो पुलिस भी हैरान रह जाती है. क्योंकि क़ातिल कोई और नहीं बल्कि उस लड़की का पति था. वो पति जिसके साथ इस लड़की ने मई 2021 में ही सात फेरे लिए थे.

सात जन्मों तक साथ रहने की कसमें खाईं थीं. लेकिन सात जन्म तो क्या 7 महीने भी पूरे नहीं हुए और पति ने अपने हाथ उसी के खून से रंग लिए जिसकी हाथों में उसके नाम की मेहंदी सजी थी.

तो आखिर क़त्ल करने की वजह क्या थी?

इस ख़ौफ़नाक क़त्ल को अंजाम देने वाले पति का नाम रामसिलोचन पाल है. 30 वर्षीय ये शख्स पेशे से सॉफ्टवेयर इंजीनियर है. वो बेलापुर की एक आईटी फर्म में कार्यरत है और वहीं के ही न्यू पनवेल इलाके का रहने वाला है. जिस लड़की की उसने हत्या की उसका नाम पूनम पाल था.

27 साल की पूनम नर्स थी. वो गोरेगांव की एक हॉस्पिटल में कार्यरत थी. पूनम का परिवार मलाड में रहता है. आरोपी और लड़की दोनों के परिवारवाले मूलरूप से उत्तर प्रदेश के संत रविदास नगर के निवासी है. इसलिए दोनों के परिवार ने मई 2021 में शादी की थी.

हालांकि, शादी के बाद कुछ रिवाज और दोनों के कामकाजी होने की वजह से साथ में नहीं रहते थे. तय ये हुआ था कि कुछ समय बाद दोनों एक साथ रहने लगेंगे. लेकिन दोनों वीकेंड पर मिलते थे.

छुट्टियों पर दोनों आसपास के टूरिस्ट स्पॉट पर घुमने भी जाते थे. घटना से पहले भी दोनों अलग-अलग कई लॉज में रुक चुके थे. लेकिन घटनावाले दिन सबसे बाहरी और दूर वाले इलाके के लॉज में रुके थे.

जांच में पता चला कि दोनों 11 और 12 दिसंबर को माथेरान गए थे. 11 दिसंबर की शाम साढ़े सात बजे ही दोनों ने माथेरान के इंदिरानगर इलाके के साईं सदन लॉज में एक कमरा बुक किया था. आरोपी ने लॉज में अपना नाम अमजद खान और पत्नी का नाम रुबीना बेगम दर्ज लिखवाया था.

शक़ में दिया था इस क़त्ल को अंजाम

पुलिस की पूछताछ में आरोपी इंजीनियर ने बताया कि शादी के बाद जो वो छुट्टियों पर मिलते थे तब एक बार पत्नी से उसकी पुरानी जिंदगी के बारे में पूछा था. काफी भरोसे और विश्वास दिलाकर पूछा तब खुशी-खुशी पूनम ने सबकुछ खुलकर बता दिया था. उसके पूरा सच बता देने के बाद से किसी बात को लेकर रामसिलोचन उस पर शक करने लगा था. फिर उसी वजह से उसकी हत्या करने की साजिश रच डाली.

क्राइम फिल्में देखकर रची साजिश

बताया जाता है कि पत्नी का मर्डर एकदम क्राइम शो की तर्ज पर किया और उसके शरीर को अलग-अलग हिस्सों में अलग करके फेंक दिया था. सिर्फ इतना ही नहीं, आरोपी पति ने ये कोशिश की थी कि उसने सारे सबूत मिटा दिए हैं. चाहे वो घटनास्थल पर वाले सबूत हों या फिर मोबाइल फोन से जुड़े लोकेशन की.

दरअसल, पुलिस ने बताया कि आरोपी ने शनिवार को अपने घर यानी पनवेल से निकलते समय फोन बंद कर दिया था. ताकि उसकी आखिरी लोकेशन घर की ही रहे. इसके बाद जब तक उसने घटना को अंजाम दिया तब तक फोन बंद रखा.

वारदात के बाद घर पहुंचने के बाद ही फोन ऑन किया था. इसके अलावा, पत्नी के कटे हुए सिर को रेलवे ट्रैक के किनारे खाई में फेंकने के बाद उसके फोन को भी किसी दूसरे सुनसान जगह पर फेंक दिया था ताकि पुलिस उस फोन को ट्रेस भी कर ले तो उस तक पहुंच ना सके.

इसे पूरा करने के लिए उसने कई क्राइम शो देखे थे. उसे ये समझ आ चुका था कि इलेक्ट्रॉनिक सर्विलांस से सुराग मिल सकता है. इसके अलावा, उसे ये भी पता चला था कि जिस शव का सिर ना मिले और उससे जुड़ा कोई सामान ना मिले तो उसकी पहचान करना मुश्किल हो जाता है और पुलिस केस को बंद कर देती है. इसीलिए उसने इस साजिश के तहत घटना को अंजाम दिया था. लेकिन उसकी पूरी साजिश महज 24 घंटे में ही खुल गई.

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