नकली पुलिसवालों को ऐसे पकड़ा दिल्ली की असली पुलिस ने, ये थी लूट की मॉडस ऑपरेंडी

ADVERTISEMENT

CrimeTak
social share
google news

असली पुलिसवालों के चंगुल में फंसी नकली पुलिस

LATEST CRIME NEWS: असली का ढोंग करते करते वो शातिर वास्तव में असली के सामने पड़ गए। फिर क्या था, असली ने तसल्ली से नकली और असली का मतलब समझाया और उन नकलियों को उनके लिए बनी असली जगह पर पहुँचा दिया।

हम यहां बात कर रहे हैं उन लुटेरों की जिन्होंने नकली पुलिस का भेष धरकर असली लोगों को असली जैसा गुमान देकर सारे नकली काम कर रहे थे। रात के समय नकली पुलिस बनकर असली राजधानी में टोह लेते घूम रहे थे। वो पुलिस तो नकली थे लेकिन लूट असली में कर रहे थे। और जब इन नकली पुलिसवालों की असलियत असली पुलिस को पता चली तो वो बुरा मान गई और उसने नकली पुलिसवालों को पकड़कर सीधा अंदर कर दिया।

यह भी पढ़ें...

ADVERTISEMENT

सबसे मजे की बात ये है कि ये नकली पुलिसवाले असली पुलिसवालों को भी पुलिस होने की धौंस दे रहे थे। और इन लोगों ने अपना चेहरा छुपाने के लिए मास्क की आड़ ले रखी थी। ताकि इनकी असली शक्ल असली पुलिसवालों को दिखाई न पड़े। पुलिस पर रौब झाड़ने के लिए इन नकली पुलिसवालों ने खुद को स्पेशल ऑपरेशन ग्रुप का मेंबर बताया, ताकि पुलिस हड़क जाए।

लुटेरों का ऐसे नोंचा गया नक़ाब

ADVERTISEMENT

LATEST DELHI CRIME: आम लोगों के साथ साथ पुलिस भी इनके हाव भाव के रौब में आ जाए इसके लिए इन लोगों ने वॉकी टॉकी भी ले रखा था। कमर में पिस्तौल लगा रखी थी, गाड़ियों पर पुलिस के स्टीकर भी लगा रखे थे। और नीली लाल बत्ती वाले ब्लिंकर भी लगा रखे थे। मगर असल पुलिस तो असली ही होती है। नकल और झूठ को झट से पकड़ लेती है।

ADVERTISEMENT

अब सवाल उठता है कि आखिर इस नकली पुलिस को पकड़ने की नौबत आई कैसे। तो हुआ यूं कि बदरपुर के पास रहने वाला एक शख्स असली पुलिसवालों के पास पहुँच गया। क्योंकि वो ख़ुद सिविल डिंफेंस वॉलिंटियर के तौर पर काम करता है लिहाजा उसे असली और नकली का फ़र्क अच्छी तरह से पता था। उसने वहां बताया कि 14 मार्च को रात में जब वो काम से लौट रहा था तो रास्ते में बत्रा हॉस्पिटल के पास एक कार ने अचानक उसका रास्ता काटा और ओवरटेक करके उसे रोक लिया।

गाड़ी पर सारी निशानियां पुलिस की थी, और गाड़ी से उतरते ही उन लोगों ने पुलिसिया अंदाज़ में अपना वर्चुअल विजिटिंग कार्ड दिया और खुद को स्पेशल ऑपरेशन ग्रुप का मेंबर बताया। और फिर उन लोगों ने जो हरक़त की वो पुलिसवालों की नहीं थी। क्योंकि कार में मौजूद चार लोगों में से एक नीचे उतरा, और बाइक खुद ही ड्राइव करने लगा, बाकी लोग कार में ही सवार रहे और पीछे पीछे चलते रहे। उसके बाद वो लोग उसे लेकर नोएडा पहुँच गए। इसके बाद वो नोएडा की सड़कों पर ही घूमते रहे। और बीच बीच में कहते रहे कि घरवालों को फोन करके उनसे दो लाख मांगों तभी छूट पाओगे नहीं तो नहीं। जैसे तैसे घरवालों ने 60 हज़ार का बंदोबस्त किया तब जाकर वो पीड़ित उनके चंगुल से बचकर आ सका।

ऐसी थी लुटेरों को मॉडस ऑपरेंडी

DELHI CRIME NEWS: असली पुलिस इन नकली पुलिसवालों की करतूत सुनते ही फौरन एक्टिव मोड आ गई और उसने FIR दर्ज की, और फिर तलाश शुरू कर दी, मानों कह रहे हों को एक जंगल में दो शेर कैसे?

दिल्ली पुलिस ने इन शातिरों को पकड़ने के लिए सबसे पहले उन तमाम रास्तों को CCTV खंगाले जहां जहां उनकी मूवमेंट बताई गई थी। टैक्निकल सर्वेलैंस के जरिए और मुखबिर से मिली सूचना के बाद असली पुलिस ने घेरा लगाया और तीन लोगों को दबोच लिया। पता चला कि जिन तीन लोगों को पुलिस ने पकड़ा था उनमें से दो लोग UP पुलिस की PCR के ड्राइवर भी रह चुके थे तभी पुलिसवालों के तौर तरीकों से अच्छी तरह से वाकिफ़ भी थे।

पुलिस ने उनके पास से तीन वॉकी टॉकी के सेट, एक लाइसेंसी पिस्तौल, एक टॉय पिस्तौल, नकली कारतूस, तीन स्टिकर पुलिस के और एक ब्लिंकर भी बरामद किया है। ये सारा सामान इसलिए साथ रखते थे ताकि किसी को इनपर शक न हो। असली पुलिस को ये भी पता चल गया कि ये गैंग दिल्ली और नोएडा में कई लोगों को अपना शिकार बना चुका है। फिलहाल तो उस चौथे की तलाश है जो इन लोगों के साथ था।

    follow on google news
    follow on whatsapp

    ADVERTISEMENT