World Cup Final : लॉड्स से अहमदाबाद में तीसरी बार वर्ल्ड कप इस वजह से जीतेंगी टीम इंडिया, कपिल देव, धोनी और रोहित ब्रिगेड की कहानी
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india vs australia world cup 2023 : तीसरी बार वर्ल्ड कप जीतेगी इंडिया. इंडिया वर्ल्ड कप जीतेगा... हम सबका एक ही सपना...अबकी बार वर्ल्ड कप होगा अपना. world cup final Cricket.
india vs australia world cup 2023 : तीसरी बार वर्ल्ड कप जीतेगी इंडिया. इंडिया वर्ल्ड कप जीतेगा... हम सबका एक ही सपना...अबकी बार वर्ल्ड कप होगा अपना. world cup final Cricket.
मनीषा झा, सुप्रतीम बनर्जी के साथ शम्स ताहिर खान की स्पेशल रिपोर्ट
World Cup Final : 40 साल पहले हमने साल 1983 में पहला क्रिकेट वर्ल्ड कप मैच जीता. फिर 12 साल पहले 2011 में दूसरा वर्ल्ड कप. और अब तीसरा वर्ल्ड कप...जीतने की उम्मीद. 145 करोड़ देशवासियों की दुआएं. और एक कदम की दूरी. आखिर कैसे हम 22 गज की पिच पर तीसरी बार क्रिकेट का विश्व कप जीतने वाले हैं. 40 साल पहले शुरू हुए एक सिलसिले की अब तक की पूरी कहानी. जीतेगा भाई जीतेगा... इंडिया वर्ल्ड कप जीतेगा... हम सबका एक ही सपना...अबकी बार वर्ल्ड कप होगा अपना...देखिए ICC World Cup Cricket Final India Vs Australia Cup 2023 पर विशेष रिपोर्ट
खुली आंखों से सपने पूरा कराने वाला हमारा क्रिकेट वर्ल्ड कप
india vs australia world cup 2023 : एक ऐसा खेल जिसने खुली आंखों को सपने दिए तो खुले मैदान को जुनून। देश को जीता-जागता भगवान दिया तो 22 गज़ की पिच का वरदान। और इसी पिच से शुरू होती है है ये कहानी। जिसका नाम है...जीतेगा भाई जीतेगा.... वो लॉड्स का मैदान था अब अहमदाबाद पर 145 करोड़ की निगाहें लॉर्ड्स के बाद मुंबई और मुंबई के बाद अब दुनिया का सबसे बड़ा क्रिकेट स्टेडियम अहमदाबाद। 1983 में शुरु हुए सफर को 40 साल पूरे हो गए हैं। बीते इन चालीस सालों में ऐसे सिर्फ दो ही मौके आए जब वर्ल्ड कप भारत की झोली में आकर झूमा...अब सिर्फ एक कदम की बात है और ये वर्ल्ड कप तीसरी बार भारत की झोली में झूमने को तैयार है।
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जिस तरह मछली की आंख पर अर्जुन के तीर का निशाना लगा ठीक उसी तरह इस वक्त 145 करोड़ हिन्दुस्तानियों की निगाहों और निशाने पर अगर इस वक्त कुछ है तो बस वो यही वर्ल्ड कप है। बस कुछ घंटों का इंतजार और ये कप भले ही रोहित के हाथों में होगा, लेकिन महसूस 145 करोड़ हिन्दुस्तानियों की हथेलियां करेंगी। गुजरे कल यानी 83 के कपिल देव बीते 11 के धोनी और अब मौजूदा 23 के रोहित। 83 और 11 की जीत और जीत के हीरो को कोई हल्के में नहीं ले सकता। ये जितना बड़ा सच है उतनी बड़ी हकीकत ये भी है कि रोहित की टीम इस पूरे वर्ल्ड कप में जिस तरह से खेली है उसके बाद तो बड़े बड़े क्रिकेट के दिग्गज और पंडित तक ये बोलने में जरा भी नहीं हिचके कि क्या फाइनल खेलना...कप टीम इंडिया को ही दे दो...
आप में से बहुत सारे लोग इसे मजाक के तौर पर ले सकते हैं। लेकिन कसम जानिये ये मजाक नहीं है। फाइनल में पहुँचने से पहले तक टीम इंडिया ने जो क्रिकेट खेली और जिस बेलगाम अंदाज में खेली है...वैसा इससे पहले की टीम इंडिया ने शायद ही कभी क्रिकेट खेली हो। हर मैच बस ऐसा लग रहा था जैसे मैच नही बल्कि मैदान में मजाक चल रहा है। टॉस...जीतो...हारो...पहले बैटिंग करो...बाद में करो...पिच पर गेंद हिल रही हो...न हिल रही हो...गेंद स्पिन हो रही हो ...स्विंग हो रही हो...इसका कोई भी फर्क किसी भी मैच में टीम इंडिया पर हल्का सा भी दिखाई नहीं दिया। कॉन्फिडेंस का कमाल देखिये...कि सामने वाली टीम कितनी ताकतवर या कमजोर है...टीम इंडिया ने कभी सोचा ही नहीं...कभी इसकी जरूरत भी महसूस नहीं की कि पांच स्पेश्यलिस्ट गेंदबाज कहीं कम न पड़ जाएं...
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हमने 9 में 9 मैच सभी जीते, अब थिरकेगा अपना इंडिया
World Cup 2023 : रोहित की टीम इकलौती ऐसी टीम है जिसने गुप स्टेज पर अपने कुल नौ मैच नौ अलग अलग वैन्यू पर नौ अलग अलग अंदाज में खेली जिस टीम ने देश के अंदर ही सबसे ज़्यादा टेवल किया... लेकिन चाहे बैटिंग हो बॉलिंग हो या फील्डिंग ...हर मैदान टीम इंडिया की एक ही लय और एक ही धुन थी...वो धुन जो ऑस्टेलिया के साथ चेन्नई में वर्ल्ड कप के पहले मैच के आगाज के साथ कानों को सुनाई दी थी... वानखेड़े में न्यूजीलैंड के खिलाफ सेमीफाइनल तक बस वही धुन कानों को सुनाई देती रही।
तेज गेंदबाजों का दिखेगा फिर जलवा : तारीख गवाह है कि इस वर्ल्ड़ कप के शुरु होने से पहले तक पूरी दुनिया में टीम इंडिया की धाक उसकी बैटिंग की वजह से थी...लेकिन शायद ये पहला वर्ल्ड कप है जिसमें लोग ये फैसला ही नहीं कर पा रहे कि टीम इंडिया की बैटिंग ज्यादा खतरनाक है या फिर बॉलिंग। शमी सिराज बूमरहा कुलदीप जडेजा इन पांचों ने पिछले डेड़ महीने में 22 गज की पिच पर ऐसा कहर ढाया है कि बस पूछिये मत। सेमीफाइनल तक के सफर में भारत ने कुल दस मैच खेले, हर टीम के खिलाफ खेला...लेकिन एक न्यूजीलैंड के मिशेल को छोड़ दें तो बाकी कोई भी टीम का कोई की खिलाड़ी, भारतीय गेंदबाजों के खिलाफ एक भी सेंचुरी नहीं लगा सका। सेमी फाइनल के मैच में एक न्यूजलैंड को छोड़ दें तो एक भी टीम भारत के खिलाफ तीन सौ स्कोर तक भी नहीं पहुँच सकी...
शामी पूरी दुनिया में दिखाएंगे भारत का अनोखा शमां
india vs australia world cup 2023 Shami : शुरु के चार मैचों में जिस शामी को बेंच पर बैठना पड़ा था उन्हें जैसे ही पिच पर आने का मौका मिला, ऐसा गदर मचाया कि अगले 6 मैच में ही 23 विकेट लेकर वर्ल्ड कप में सबसे ज्यादा विकेट लेने वाले अव्वल गेंदबाज बन गए। शामी इस वर्ल्ड कप के प्लेइंग इलेवन में कायदे से थे ही नहीं। वो तो पाकिस्तान के खिलाफ हार्दिक पांड्या अपना पैर मुड़वा बैठे और शामी की जगह बन गई। किस्मत ने उन्हें मौका दिया और क्या खूब उन्होने इस मौके को भुनाया।
धर्मशाला में न्यूजीलैंड के खिलाफ पहले ही मैच में पांच विकेट, लखनऊ में इंग्लैडं के खिलाफ अगले मैच में चार विकेट, श्रीलंका के खिलाफ तीसरे मैच में फिर पांच विकेट, साउथ अफ्रीका के खिलाफ दो विकेट नीदरलैंड के खिलाफ 0 विकेट और फिर सेमी फाइनल में न्यूजीलैंड के खिलाफ सात विकेट यानी छह मैच और 23 विकेट। बूमराह का तो कहना ही क्या। चाहे पावर प्ले हो या आखिरी के ओवर...हर बल्लेबाज को अपना पैर बचाने के लिए मजबूर कर दिया। सिराज का एग्रेशन उन्हें हर गुजरते मैच के साथ और खतरनाक बनाता जा रहा है। जब ये तीन तिकड़ी थोड़ा सुस्ताते तभी कुलदीप और जड़ेजा अपनी फिरकी से बल्ले बाजाों को नचाना शुरू कर देते। क्रिकेट के शौकीन जो लोग कभी सिर्फ भारतीय बैटिंग का ही मजा लेते थे अब वो उतनी ही शिद्दत से अपने गेंदबाजों को बॉल डालते हुए देखकर मजा ले रहे हैं।
बैटिंग इतनी मजबूत की उड़ जाएगी ऑस्ट्रेलिया की नींव
india vs australia world cup 2023 : अपनी बैटिंग के बारे में क्या ही कहें....याद नहीं कि कभी किसी वर्ल्ड कप में टीम इंडिया के टॉप पांच बल्लेबाजों ने एक साथ अपने बल्ले से ऐसी आग उगली हो...झलक वर्ल्ड कप के पहले ही मैच चेन्नई में ही दिख गई थी। पहला मुकाबला ऑस्टेलिया से था। हमारे गेंदबाजों ने ऑस्टेलिया की पारी 200 के अंदर ही समेट दी थी।
लेकिन फिर भारतीय पारी की शुरुआत भी पहले रोहित फिर गिल और उसके बाद श्रेयश अय्यर इतनी जल्दी रुखसत हो गए थे कि 198 का स्कोर पहाड़ लगने लगा था। लेकिन इसके बाद भरोसेमंद कोहली और स्टाइलिश राहुल ऐसे क्रीज पर डटे कि ऑस्टेलियन बॉलर मजाक लगने लगे। टेम्पो यहीं से सेट हो चुका था। इसके बाद तो ऐसी बैटिंग चली कि एक बार तो जडेजा को शिकायत करनी पड़ी कि मेरी तो बैटिंग ही नहीं आती। इनके बारे में क्या ही कहा जाए...अगर सचिन क्रिकेट के ऑल टाइम गॉड हैं तो ये आज के क्रिकेट के नए गॉड। क्या बल्ला चल रहा है। और किन मौकों पर चल रहा है। सेमीफाइनल जैसा नॉकआउट मैच और उसी मैच में अपने आइडियल अपने हीरो के सामने उन्हीं का रिकॉर्ड तोड़ते हुए वनडे का पचांसवा शतक इस वर्ल्ड कप में अब तक 700 से ज़्यादा रन बनाकर कोहली पहले नंबर पर हैं...यानी 23 विकेट के साथ शामी और 700 रनों के साथ कोहली दोनों ही बॉलिंग और बैटिंग में अव्वल नंबर पर हैं।
धोनी जैसे कप्तान बन चुके हैं रोहित शर्मा
Rohit Sharma Team : लेकिन टीम इंडिया की इस जबरदस्त कामयाबी का किस्सा इस शख्स के बिना अधूरा है। क्या कमाल का कप्तान मिला है टीम इंडिया को। अगर धोनी के कद का कोई कप्तान आया है तो यही रोहित शर्मा है। पूरी दुनिया और दुनिया के दिग्गज इस निस्वार्थ खिलाड़ी और कप्तान की कप्तानी के कायल हो चुके हैं। ये रोहित ही है जो हर मैच में अब तक स्टेज सेट करते आए हैं। कौन टीम , कैसी पिच कैसा बॉलर इनके लिए कोई मायने नहीं रखता। इनका हिसाब किताब बड़ा ही सीधा है। विकेट पर जाओ...और पहले ओवर से ऐसा हल्ला बोलो कि आउट भी हो जाओ तो रन रेट ऐसा हो कि बाकी के बैट्समैन कुछ और ओवर बर्बाद भी कर दें तो चलेगा। टीम को साथ लेकर चलना टीम के हर मेम्बर को बैक करने और टीम से उसका बेस्ट निकलवाने का हुनर रोहित बखूबी जानते हैं। यही वजह है कि आईपीएल का खिताब इनकी कप्तानी में पांच बार मुंबई इंडियन जीत चुकी है और इतनी ही बार धोनी ने भी आईपीएल का खिताब जीता है। अब बस 19 नवंबर को ये वर्लड कप रोहित के हाथ आ जाए तो यहा भी वो धोनी की बराबरी कर लेंगे। इस भरोसे की सबसे बड़ी वजह ये कि अजेय है भारत. लीग स्तर से लेकर सेमी फाइनल तक जैसा तहलका टीम इंडिया ने मचाया, वैसा किसी और ने नहीं...
आप यूं भी कह सकते हैं कि इन जांबाजों के सामने आने से पहले ही सबके पांव उखड़ जाते हैं. थोड़ी देर के लिए ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ दिल धड़का था, थोड़ी देर के लिए न्यूजीलैंड के लिए भी बीच में दिल धड़का था...बस , इसके अलावा तो सभी पस्त ही दिखे.इसलिए तो फिजां में अलग ही रौनक है, अलग ही रन है..फैन्स में अलग ही धुन है,हर जश्न में अलग ही मस्ती है. मानों कुदरत ने भी इंडिया के वर्ल्ड चैंपियन बनने की कहानी लिख दी है. सोचिए जरा, वर्ल्ड कप से दो हफ्ते पहले कितने सवाल थे टीम पर...नंबर चार सवालों के घेरे में था, केएल राहुल की कीपिंग और फॉर्म सवालों के घरे में था. सवाल गेंदबाजी यूनिट से लेकर बल्लेबाजी यूनिट तक पर थे. ये कुदरत का निजाम ही तो है कि सवाल गुम होते गये, जवाब मिलते गये. कमजोरियां मजबूतियों में तब्दील होती गई... ये वही केएल राहुल हैं जो विकेट के आगे ही नहीं, विकेट के पीछे भी कमाल कर रहे हैं...
2011 वाला संयोग 12 साल बाद फिर सामने आ रहा
india vs australia world cup 2023: टीम के जूनियर उनके कदमों से कदम मिलाकर दुनिया को अपने कदमों में झुका रहे हैं. और इसके साथ एक विलक्षण संयोग भी जुड़ा है- संयोग की 2011 से अबतक जितने वर्ल्ड कप हुए हैं, मेजबान ही जीता है. शुरुआत भारत ने की थी, फिर जब ऑस्ट्रेलिया में वर्ल्ड कप हुआ तो ऑस्ट्रेलिया ने जीता, जब इंग्लैंड में हुआ तो इंग्लैंड ने. अब जब भारत में हो रहा है तो अपनी टीम महारत दिखाते हुए वर्ल्ड चैंपियन बने भी तो क्यों नहीं. दुनिया में सिर्फ 4 दफा ऐसा हुआ है कि कोई टीम एक भी मैच गंवाए बगैर वर्ल्ड चैंपियन बनी हो..1975 और 1979 की वेस्टइंडीज, 2003 और 2007 की ऑस्ट्रेलिया..इस फेहरिस्त में अब अपना नाम लिखवाने की दहलीज पर पहुंच चुकी है टीम इंडिया. वर्ल्ड चैंपियन बनना है तो अजेय बने रहने के सिवाय कोई दूसरा विकल्प है भी नहीं. और सच मानिए आपकी टीम कोई और विकल्प की तलाश कर भी नहीं रही. करे भी तो क्यों. इसलिए नहीं कि ये वर्ल्ड कप हिंदुस्तान में हो रहा है।
इसलिए भी नहीं कि पिछले 3 वर्ल्ड कप मेजबान टीमों ने ही जीते हैं। बल्कि ये मुमकिन इसलिए लग रहा है क्योंकि टीम इंडिया जिन तेवरों के साथ और जिस आतिशी अंदाज में क्रिकेट खेल रही है, उसने दुनिया भर टीमों को सरेंडर करने को मजबूर कर दिया है। रोहित की कप्तानी की हर कोई तारीफ कर रहा है। जानते हैं क्यों। छोटा स्कोर बचाने की चुनौती हो तो रोहित गेंदबाजों का ऐसा जाल बिछा देते हैं कि बड़े बड़े बल्लेबाज घुटने टेकते चले जाते हैं। इतना ही नहीं, आक्रामक फील्डिंग लगाने का मौका हो या फिर DRS पर फैसला लेने का...रोहित के फैसले विरोधी पर लगातार हावी होते दिखे हैं। रोहित ने टीम इंडिया के लिए 43 वनडे में कप्तानी की है और 33 मैचों में जीत हासिल की है। वैसे इस वर्ल्ड कप उनका बल्ला भी खूब बरस रहा है। रोहित एक लीडर की तरह टीम का नेतृत्व कर रहे हैं। बड़ी पारी खेलें ना खेलें, ओपन तेज करते हैं जिससे बाद में आने वाले बल्लेबाजों को अपनी पारी बुनने का वक्त मिल जाता है। इस वर्ल्ड कप के दौरान ही रोहित के बल्ले ने इंटरनेशनल छक्कों का रिकॉर्ड अपने नाम किया। रोहित टीम के लिए एक लीडर और एक बल्लेबाज के तौर मिसाल बने हुए हैं। उम्मीदें बढ़ाने वाला एक सच ये भी है कि रोहित का रोल और रुतबा इस वर्ल्ड कप में टीम इंडिया की तस्वीर बदलने में मददगार साबित हो रहा है।
सिर्फ 1 कदम और वर्ल्ड कप हमारा
india vs australia world cup 2023 : एक कदम..हकीकत बनने से सिर्फ एक कदम दूर है 145 करोंड़ हिंदुस्तानियों की आंखों में लहराता सबसे बड़ा सपना। ऐसा लगता है मानो आने वाली घड़ियां, आने वाले घंटे, बस सिमट जाएं। बेसब्री और बेकरारी इस कदर बढ़ी है कि अब इंतजार नहीं हो रहा. अब तो लगता है जो भी सामने आये- उसे दबोच दिया जाए...ऐसा इसलिए कि सामने जो आया ढेर...ऐसा खेल रहे हैं इंडिया के शेर. ये दुनिया की दस टीमों का मेला है मगर इस मेले में अलग ही चमक रही है टीम इंडिया. इसलिए तो एक लय, एक सुर में पूरा देश बोल रहा है- भारत वर्ल्ड कप जीत रहा है.
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