Shams Ki Zubani : शेरलॉक होम्स को भी चकरा देता ये केस, क़त्ल की सबसे नायाब तफ़्तीश की कहानी, जानें शम्स की जुबानी
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Shams Ki Zubani : केरल की सबसे बड़ी मर्डर मिस्ट्री. जिसे इंडिया के शेरलॉक होम्स कहे जाने वाले पुलिस अफसर ने सुलझाया.
Shams Ki Zubani : केरल की सबसे बड़ी मर्डर मिस्ट्री. जिसे इंडिया के शेरलॉक होम्स कहे जाने वाले पुलिस अफसर ने सुलझाया.
Shams Ki Zubani : एक ऐसी मर्डर मिस्ट्री. जिसकी एक कड़ी सुलझती है तो दूसरी उलझ जाती है. सुराग के नाम पर कुछ भी बड़ा नहीं. ना चेहरा. न शरीर. और न लाश. सिवाय ड्रम में भरी ईंट और कंकरीट में दबी कुचली टूटी फूटी कुछ हड्डियों के. बदन से सड़कर गल चुके कुछ कपड़ों के. कुछ पुराने नोट के टुकड़े. किसी मर्डर मिस्ट्री में रहस्यों से भरी अगर आपने कोई उपन्यास पढ़ी होगी तो ये अकेला केस ही किसी ग्रंथ से कम नहीं है. जिसके हर पन्ने में एक रहस्य है. जिसे सुलझाने के लिए देश के शेरलॉक होम्स कहे जाने वाले और दर्जनों मर्डर मिस्ट्री को सुलझाने वाले भी कई बार चकरा गए थे. आखिरकार टूटी हड्डियों से मिले एक अदने से स्क्रू ने पूरी मिस्ट्री की परतें खोलकर रहस्य को सामने ला दिया. असल में ये इंडिया की सबसे उलझी हुई मर्डर मिस्ट्री में एक मानी जाती है. इसे इंडिया की सबसे पेचिदा मर्डर मिस्ट्री क्यों कहा जाता है? आइए जानते हैं आज शम्स की जुबानी (Shams ki jubani) में...
झील किनारे नीले ड्रम से आ रही थी इंसानी बदूब
Most Murder Mystery in India : केरल के कोच्चि शहर की एक खूबसूरत झील. लेकिन एक दिन यहां से बेहद ही बदबू आ रही थी. वो तारीख थी 7 जनवरी. साल 2018. झील के पास नीले रंग का एक प्लास्टिक ड्रम था. उसी से ये गंदी बदबू आ रही थी. लेकिन उस ड्रम को देखा गया तो वो पूरी तरह से सीमेंटेड था. पर वहां से इंसानी बदबू आ रही थी. वहां के मछुवारों ने पुलिस को सूचना दी. पुलिस ने उस ड्रम को तुड़वाया तो उसमें से कोई लाश नहीं मिली. लेकिन बदबू लगातार बढ़ती ही गई. यानी ये तो समझ में आ गया इसमें कोई इंसान था. पर कौन? कुछ पता नहीं चल रहा था. फिर तोड़फोड़ की गई. लेकिन ऐसा कुछ भी नहीं मिला जिससे पता चले कि इस ड्रम में कोई लड़का था या लड़की. आदमी था या औरत. क्योंकि ना सिर था. ना पैर. अगर कुछ मिला तो सिर्फ हड्डियों के कुछ ढांचे. ढांचे भी इतने टूटे फुटे थे कि ये जानना मुश्किल था कि ये किसके हैं. फिर कुछ टूटे फुटे जबड़े मिले. कुछ कपड़ों के टुकड़ों. तो कुछ पुराने नोट. पुलिस ने सबकुछ कब्जे में ले लिया. लेकिन ये समझ में आ गया कि एक ड्रम में जितनी सिमटी हुई कुछ इंसानी हड्डियां मिलीं असल में पूरा मामला सागर की गहराई से भी ज्यादा उलझा हुआ है.
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अब ये खबर अगले दिन यानी 8 जनवरी 2018 को स्थानीय अखबारों में छपी. ये खबर आई कि पनंगद झील के पास एक ड्रम में लाश मिली. लेकिन लाश किसकी है पता नहीं. मरने वाला आदमी है या औरत पता नहीं. फिर जांच शुरू हुई. केस में सिर्फ कंकाल ही थे. सबूत के नाम पर कुछ नहीं. इसलिए साउथ इंडिया के शेरलेक होम्स कहे जाने वाले इन्वेस्टिगेशन ऑफिसर सिबी टॉम को जिम्मेदारी दी गई. ये बड़ी से बड़ी उलझी हुई मर्डर मिस्ट्री को सुलझाने में माहिर माने जाते थे. अब ड्रम से इंसानी सबूत के नाम पर जो कुछ मिला था उसका 3 दिनों तक पोस्टमॉर्टम किया गया. पोस्टमॉर्टम की जिम्मेदारी भी जाने माने एक्सपर्ट डॉ. एनके उन्मेश को दी गई. अब ये चेक किया गया कि आखिर ड्रम से क्या क्या मिला है.
जांच में पता चला कि कुछ इंसानी बाल के टुकड़े. कुछ कपड़ों के टुकड़े. 4 इंडियन करंसी. एक स्क्रू. एक वॉशर. टूटे हुआ जबड़ा. अब बाल के छोटे टुकड़े को देखकर एक्सपर्ट ने अंदाजा लगाया कि ये कम उम्र के ही किसी लड़के का लड़की की लाश हो सकती है. उसकी उम्र 15 से 25 साल के बीच हो सकती है. क्योंकि देखने में हड्डियां भी छोटी लग रहीं थीं. पोस्टमॉर्टम वाली टीम के किसी एक्सपर्ट ने कहा कि ये लड़की हो सकती है क्योंकि बाल की लंबाई करीब 50 सेंटीमीटर थी. ये लंबाई औसत लड़कों के बाल से ज्यादा हैं. लेकिन फिर ये तय हुआ कि कई लड़के भी लंबे बाल रखते हैं. ऐसे में कुल मिलाकर ये तय नहीं हो सका कि आखिर ये लड़का या लड़की किसकी लाश है. अभी साइंटिफिक रिपोर्ट आने में कई दिन लगते.
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इंडिया के शेरलॉक होम्स के हाथों सौंपी गई जांच
इसी बीच, ड्रम से मिले इंडियन करंसी की शेरलॉक होम्स (India Sherlock Holmes) कहे जाने वाले जांच अधिकारी सिबी टॉम (Siby Tom) ने जांच की. उसमें 500 रुपये के तीन नोट और एक सौ रुपये का नोट था. लेकिन ये नोट साल 2018 में बंद हो चुके थे. क्योंकि ये नोट 8 नवंबर 2016 को ही नोटबंदी में बंद हो चुके थे. लिहाजा, जांच अधिकारी ने ये मान लिया कि जिस किसी की भी ये लाश है उसकी हत्या कम से कम 2 साल पहले की गई होगी.
ये मर्डर भी कम से कम 8 नवंबर 2016 से तो पहले का ही होगा. अब सवाल ये था कि दो साल पुराने गुमशुदा लोगों की जांच की जाए. लेकिन उससे भी बड़ा सवाल था कि कैसे पता करेंगे कि गुमशुदा हुआ कोई लड़के की जांच करें या फिर लड़की की. उसकी उम्र क्या होगी. 15 से 25 साल ही. या फिर उससे भी ज्यादा उम्र की. क्योंकि अभी तक कुछ भी समझ में नहीं आ रहा था. इस मर्डर मिस्ट्री ने इतना उलझाया कि शेरलॉक होम्स भी कुछ समय के लिए शांत पड़ गए. आखिर करें तो क्या करें.
हड्डी में मिले इस स्क्रू ने केस उलझाया
अब कुछ दिन बीते. पोस्टमॉर्टम की जांच चल रही थी. तीसरा दिन था. यानी 11 जनवरी 2018. उस दिन डॉ. एनके उन्मेश को हड्डी के टुकड़ों में एक स्क्रू और वॉशर मिला. करीब 6.6 सेंटीमीटर लंबा और ढाई सेमी चौड़ा स्क्रू था. बारीकी से जांच करने पर ये समझ आया कि उस हड्डी के ढांचे में ये बाई एड़ी वाला हिस्सा है. उसी में ये स्क्रू फिट किया हुआ था. लेकिन उस पर कुछ ऐसा नहीं पढ़ने में आ रहा था जिससे कोई सुराग मिल सके.
लेकिन ये जानकारी अहम साबित होगी या नहीं, ये सोचते हुए डॉ. उन्मेश ने सिबी टॉम को फोन कर दिया. ये बताया कि मुझे लगता है कि एक सुराग तो मिला है लेकिन उससे कितनी मदद मिल पाएगी. वो समझ नहीं आ रहा. बाईं एड़ी वाली हड्डी में एक स्क्रू मिला है. जिसे कभी फ्रैक्चर होने पर अस्पताल में फिट कराया गया. लेकिन उस पर लिखा हुआ इतना धुंधला हो चुका है कि पढ़ना मुश्किल है. ये सुनते ही सिबी टॉम तुरंत डॉक्टर के पास पहुंचे. उस अदने से स्क्रू को अपने कब्जे में लिया और सबसे हाई क्वॉलिटी वाले कैमरे की मदद से उसकी फोटो करानी शुरू की.
कई घंटों की मेहनत के बाद एक छोटा लेकिन अहम सुराग मिला. असल में उस स्क्रू के टॉप पर इंग्लिश में कुछ लिखा था. वो शब्द था PITKAR. अब इसके बारे में गूगल पर सर्च किया गया तो पता चला कि ये पुणे की कंपनी है. जो पूरे देश में ऐसे स्क्रू की सप्लाई करती है जिसे सर्जरी में इस्तेमाल किया जाता है. अब ये पता करना था कि आखिर इस स्क्रू का इस्तेमाल कोच्चि या एर्नाकुलम जिले के किस हॉस्पिटल में हुआ. किस मरीज के लिए ये इस्तेमाल किया गया होगा. ये बड़ी चुनौती थी. अब ये भी पता नहीं था कि आखिर ये किस साल में लगवाया गया होगा. मतलब कुल मिलाकर सुराग तो मिला लेकिन उसमें ऐसा कुछ भी नहीं था कि जिससे उस मरने वाले की पहचान मिल जाए. अभी कातिल और कत्ल की वजह का पता लगाना तो बहुत दूर की बात थी.
161 स्क्रू की जांच में मिला ये अहम सुराग
अब ये मानकर की लाश के साथ मिले पुराने नोट कम से कम नवंबर 2016 से पहले के ही होंगे. इसलिए उस PITKAR कंपनी अधिकारियों से संपर्क कर ये डिटेल मांगी गई कि साल 2016 में ऐसे स्क्रू कितने और किसे बेचे गए. आगे की पड़ताल में पिटकर कंपनी से बैच का पता चला और जानकारी मिली कि 2016 में कुल 161 स्क्रू सप्लाई किए गए थे.
इन 161 में से 155 तो महाराष्ट्र और गुजरात में गए थे. बाकी 6 केरल में सप्लाई हुए थे. अब पूरे केरल में कहां-कहां और किन मरीजों को ये स्क्रू लगाए गए थे. इसकी डिटेल निकाली गई. शेरलेक होम्स की अगुवाई में 5 से ज्यादा पुलिस टीमें इसकी जांच में जुट गईं. तब जाकर केरल के सभी 6 मरीजों की जानकारी मिल गई. इन मरीजों में 5 मरीज पुलिस को मिल गए लेकिन छठवें मरीज की जानकारी नहीं मिली. उस मरीज का नाम था शकुंतला. उम्र करीब 60 साल. वो महिला थी. लेकिन पुलिस को शुरुआती जांच से लगता था कि मरने वाले की उम्र तो 15 से 25 साल होगी. इसलिए उम्मीद कम लग रही थी. लेकिन इसके अलावा कोई ऑप्शन भी नहीं था. लिहाजा, पुलिस की जांच इसी दिशा में आगे बढ़ी.
इस तरह 2 साल बाद मिली थी मरने वाली की पहचान
अब जिस अस्पताल में मरीज शकुंतला की बाई एड़ी (लेफ्ट एंकल) में स्क्रू फिट किया गया था वहां जाकर जांच की गई. उस मरीज को किसने भर्ती कराया गया था. उसका नाम निकाला गया. तब अस्वती (Aswathy) का नाम मिला. रिश्ते में ये शकुंतला की बेटी लगती थी. अब पुलिस उस अस्वती के पास पहुंची. पूछा गया कि शकुंतला कौन हैं और अब कहां है. जवाब मिला कि कई साल से वो उनके संपर्क में नहीं है. पुलिस ने सवाल पूछा कि आखिर कब से. मतलब कितने साल से. अस्वती ने बताया कि आखिरी बार उसकी मुलाकात 19 सितंबर 2016 को हुई थी. उसके कुछ दिन बाद वो शकुंतला यानी अपनी मां से मिलने गईं तो वो दिल्ली जा चुकीं थीं. लेकिन उसके बाद कभी कोई संपर्क नहीं हुआ. अब लगता है कि वो कहीं गायब हैं. इस बारे में पुलिस ने सवाल पूछा कि आखिर उनकी गुमशुदा होने की रिपोर्ट क्यों नहीं दर्ज कराई. तब उसने बताया कि मेरी और मां के बीच रिश्ते अच्छे नहीं थे. इसलिए मुझे लगा कि वो सच में कहीं चली गईं हैं. लिहाजा, पुलिस में कोई शिकायत नहीं की.
अब पुलिस को काफी हद तक लग गया कि उस नीले ड्रम में जिसकी लाश थी वो शकुंतला की हो सकती है. लेकिन अभी भी पुख्ता सबूत नहीं मिला था. अब पुलिस ने लेफ्ट एंकल में लगी स्क्रू के बारे में जानकारी मांगी तो पता चला कि 1 सितंबर 2016 को किसी ट्रक वाले ने उसकी मां शकुंतला की स्कूटी में टक्कर मार दी थी. जिससे वो काफी चोटिल हो गईं थीं. उनका बायां पैर फ्रैक्चर हो गया था. उसी के इलाज के दौरान अस्पताल में बाई एड़ी में स्क्रू फिट किया गया था.
ये सबकुछ कोच्चि के VKM अस्पताल में हुआ था. चूंकि उसी अस्पताल से शकुंतला और उसकी बेटी अस्वती की डिटेल मिली थी इसलिए काफी हद तक ये समझ आ गया मरने वाली शकुंतला ही है. लेकिन फिर भी सबूत के तौर पर बेटी अस्वती का डीएनए सैंपल लेकर जांच कराने के लिए भेज दिया गया. लेकिन अब सवाल ये था कि अगर ये शकुंतला है तो उनका मर्डर क्यों किया गया. किसने मर्डर किया. और उसके पीछे की वजह क्या है. सवाल ये भी था कि बेटी और मां में ऐसा क्या रिश्ता था कि उसे 2 साल में कभी कोई चिंता ही नहीं हुई. लिहाजा, पुलिस ने अस्वती की पूरी डिटेल निकालनी शुरू की. इसके साथ ही शकुंतला का बैकग्राउंड भी खंगाला गया. इसमें भी पूरी कहानी उलझी हुई मिली. लेकिन जब उसे सुलझाया गया तब मर्डर, कातिल और कत्ल सबकी वजह सामने आई.
इस वजह से शकुंतला और बेटी में खराब थे रिश्ते
पहले पुलिस ने अस्वती की डिटेल निकाली तो पता चला कि वो सुधी नाम के एक लड़के से प्रेम करती थी. लेकिन शकुंतला इस रिश्ते के काफी खिलाफ थी. वो नहीं चाहती थी कि बेटी अस्वती उस लड़के से शादी करे. इस वजह से कई साल पहले अस्वती अपने प्रेमी सुधी के साथ घर छोड़कर चली गई. कई सालों तक वो संपर्क में नहीं रही. उस शादी से अस्वती के दो बच्चे भी हुए. इधर, शकुंतला ने लॉटरी खरीदने बेचने का धंधा शुरू कर लिया था. वो स्कूटी से आती जाती थी. साल 2015 की ही बात है जब अस्वती और सुधी के बीच रिश्ते खराब हो गए और दोनों में तलाक हो गया. इसके बाद अस्वती साल 2016 के शुरुआती महीने में ही अपने दोनों बच्चों को लेकर मां शकुंतला के पास आ गई.
कोच्चि के उसी इलाके में मां और बेटी साथ रहने लगीं. उसी समय अस्वती की मुलाकात टीएम सजित (TM Sajith) से हुई. सजित SPCA (Society for Prevention of Cruelty to Animals) में कार्यरत था. दोनों एक दूसरे से प्यार करने लगे थे. सजित कई बार अस्वती के साथ ही उसकी मां वाले मकान में ही रहता था. इस तरह अस्वती को उसके दोनों बेसहारा बच्चों के लिए भी सहारा मिल गया था. लेकिन अस्वती की मां शकुंतला को ये सबकुछ भी अच्छा नहीं लगता था. अब पुलिस ने अस्वती से पूछा कि सजित कहां हैं. तब इस पूरी जांच में एक और बड़ा चौंकाने वाली बात सामने आती है. अस्वती ने बताया कि इसी साल 2018 में 9 जनवरी को ही सजित की अचानक मौत हो गई.
उसे कार्डियक अरेस्ट हुआ था. ये वही तारीख थी जिस दिन स्थानीय अखबारों में झील किनारे नीले ड्रम में लाश मिलने की खबरें छपी थी. अब जांच अधिकारियों को ये अजीब इत्तेफाक वाकई चौंकाने वाला लगा. पुलिस को यकीन नहीं हुआ कि आखिर ये कैसे हो सकता है कि उसी दिन सजित की मौत हो गई. इसका पता लगाने के लिए पुलिस ने उस हॉस्पिटल से लेकर पोस्टमॉर्टम करने वाले डॉक्टरों से पड़ताल की. तब पता चला कि वाकई अटैक आने से मौत हुई थी. लेकिन ये इत्तेफाक बेहद अजीब था. लिहाजा, पुलिस ने अब सजित का बैकग्राउंड तलाशने लगी.
सजित पहले से शादीशुदा था, अस्वती को धोखा दे रहा था
अब सजित की जानकारी जुटाई गई तो पता चला कि सागिर नाम की लड़की से उसने पहले ही शादी की थी. उसका एक बच्चा भी था. अस्वती से उसका एक्स्ट्रा मैरिटल अफेयर चल रहा था. पुलिस ने सजित के कुछ दोस्तों से पूछताछ की तो ये भी पता चला कि उससे शकुंतला काफी नाराज रहती थी. इसके बाद पुलिस ने सजित की पत्नी से पूछताछ की. उसमें पता चला कि हां ये बात सच है कि उसका एक्स्ट्रा मैरिटल अफेयर था. फिर पुलिस ने अस्वती से जानकारी जुटाई की आखिरी बार जब शकुंतला गायब हुईं थी तब क्या हुआ था. अस्वती ने बताया कि मां के पैर का ऑपरेशन कराने के लिए 1 सितंबर 2016 को अस्पताल में भर्ती हुए थे. स्क्रू लगाए जाने के बाद प्लास्टर लगाकर अस्पताल से 15 सितंबर को छुट्टी हुई थी. उसी दिन घर आ गए थे. लेकिन उसके 4 दिन बाद ही 19 सितंबर 2016 को शकुंतला को चिकनपॉक्स हो गया. दूसरे भी कई इन्फेक्शन हो गए थे. इसलिए बच्चों और मुझे ना कोई इन्फेक्शन हो जाए, इसलिए अस्वती अपने दोनों बच्चों को लेकर मां शकुंतला से अलग होकर दूसरे लॉज में कुछ दिनों के लिए चली गई थी.
इसके बाद 26 सितंबर 2016 को जब वो मां के पास पहुंची तो सजित मिला. उसने बताया कि तुम्हारी मां मिशनरी की नर्सों के साथ दिल्ली चली गईं हैं. इसलिए मुझे लगा कि उनसे मेरी नाराजगी रहती थी. वो खुद ही चली गईं तो कोई बात नहीं. फिर मैंने कभी संपर्क नहीं किया. अब पुलिस 19 से 26 सितंबर 2016 के बीच वो नीला ड्रम कहां से खरीदा गया था. किसने खरीदा था. ये सबकुछ जांच करने लगी. सजित के कुछ दोस्तों के बारे में जानकारी मिली. पुलिस ने सजित के करीबी दोस्त सुरेश को हिरासत में लेकर पूछताछ की तब जाकर मर्डर मिस्ट्री से पर्दा उठ पाया.
इस वजह से शकुंतला का हुआ था मर्डर
सुरेश ने पुलिस को बताया कि असल में जिसकी लाश मिली है वो शकुंतला की है. उनकी हत्या सजित ने ही की थी. हत्या करने की पीछे की वजह भी उसने बताई. पता चला कि शकुंतला को पता चल गया था कि सजित पहले से शादीशुदा है और मेरी बेटी को धोखा दे रहा है. इस बारे में वो बार बार धमकी देती थी कि इस बारे में वो बेटी को पूरी बात बता देगी. 19 सितंबर 2016 को जब अस्वती घर से बाहर दूसरे लॉज में चली गई उसी के बाद सजित ने अपने दोस्तों के साथ मिलकर हत्या की साजिश रची. बकायादा इसके लिए उसने एक दोस्त के जरिए प्लास्टिक वाला ड्रम खरीदा. 19 से 25 सितंबर 2016 के बीच में ही शकुंतला की हत्या की और फिर उनकी लाश को ड्रम में डालकर उसमें पहले गोबर और दूसरी चीजें भरीं. इसके बाद उसमें कंकरीट और ईंट डालकर सीमेंट डाल दिया. जिससे लाश का पता ही नहीं चले. इसके बाद ऑटो रिक्शे में उस ड्रम को लादकर उसी झील में फेंक आया था. जिस ऑटो से लाश से भरे ड्रम को ले जाया गया था वो सुरेश का ही था.
अब वही ड्रम कुछ महीने बाद ही उस झील के एक छोर पर पहुंच गया था. जिसे वहां के मछुवारों ने भी देखा था. लेकिन बदबू नहीं आने से कभी ध्यान नहीं दिया था. लेकिन दो साल बाद उस एरिया में काफी बदबू आने लगी तब पुलिस को जानकारी मिली थी. इस तरह मर्डर के करीब 2 साल बाद पूरे मामले का खुलासा हुआ. लेकिन ये खुलासा अधूरा ही था. क्योंकि जिस पर हत्या का आरोप लगा उसकी मौत हो चुकी थी. अब पुलिस ने शकुंतला का बैकग्राउंड निकाला तो वो भी उलझा हुआ मिला. असल में शकुंतला के कौन माता पिता थे. इसकी कभी कोई जानकारी नहीं मिली थी. जब वो 6 महीने की थी तब एक तालाब के किनारे लावारिस हालत में मिली थी. उसे 3 लड़कियों की मां सरस्वती ने पाला था. बड़ी होने पर शकुंतला की शादी एक राजनीति पार्टी के कार्यकर्ता दामोदरन से हुई थी. इस शादी के बाद शकुंतला को एक बेटा अनूप और बेटी अस्वती हुई थी.
पति दामोदरन को एक पॉलिटिकल मर्डर केस में उम्रकैद की सजा हो गई थी. उसके बाद साल 2012 में बेटे अनूप ने सुसाइड कर लिया था. तब से शकुंतला अपनी बेटी अस्वती के साथ ही रहने लगी थी. लेकिन बाद में अस्वती भी प्रेमी सुधी के साथ घर छोड़कर भाग गई थी. फिर 2016 में तलाक के बाद ही अस्वती अपनी मां शकुंतला के साथ रहने आई. लेकिन 26 सितंबर 2016 को शकुंतला भी अचानक गायब हो गई और खराब रिश्तों की वजह से अस्वती ने कभी पुलिस में शिकायत नहीं की. यहां हैरानी वाली बात थी कि आखिर अस्वती ने दूसरे प्रेमी सजित से कभी मां को लेकर ज्यादा सवाल क्यों नहीं पूछे. इस पर वो कहती है कि मुझे लगता था कि सजित मेरे पहले पति के दोनों बच्चों की देखरेख भी करता है और मुझे भी मदद करता है और मां तो नाराज रहती थी. इसलिए सजित से कभी ज्यादा सवाल नहीं पूछे. लेकिन उसका यही सवाल नहीं पूछना 2 सालों तक जिस मां को जिंदा समझती रही असल में वो मुर्दा थी. ऐसी मुर्दा जिसकी चिता को भी वो आग नहीं दे सकी. ना कभी समझ सकी कि जिसके साथ वो दो सालों से रह रही है असल में वही उसकी मां का कातिल था. लेकिन जब मां के कातिल का पता चला तो उससे पहले ही सजित भी मर चुका था. अब पुलिस का मानना है कि किसी केमिकल के ज्यादा सेवन से सजित को सर्वाइकल अटैक आया और मौत हो गई.
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