Shams Ki Zubani : 14 हजार जीन्स पैंट और 1400 घड़ियों में छुपा था राज, कत्ल और कत्ल की तफ्तीश की चकरा देने वाली कहानी
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Pooja Dey murder mystery : मॉडल पूजा डे की मर्डर मिस्ट्री की पूरी कहानी. शम्स की जुबानी में जानिए.
Pooja Dey murder mystery : मॉडल पूजा डे की मर्डर मिस्ट्री की पूरी कहानी. शम्स की जुबानी में जानिए.
Crime Story : कभी किसी क्राइम केस का पुलिस खुलासा करती है तो वो हमें बेहद आसान लगती है. लेकिन उसके पीछे पुलिस की कितनी मेहनत होती है. शायद उसे हम समझ नहीं पाते. लेकिन आज की जो कहानी है वो बेहद ही उलझी हुई. उसके पीछे पुलिस की कितनी मेहनत लगी. वो हर कदम पर आपको चौंका देगी. आज शम्स की जुबानी में जानिए बेंगलुरू की एक मॉडल की मर्डर मिस्ट्री.
बेंगलुरू एयरपोर्ट के पास मिली लड़की की लाश
Blind murder Case : साल 2019 में 31 जुलाई की एक सुबह. करीब 5 बजे एक किसान मुनीराजू बेंगलुरू में केंपेगौड़ा इंटरनेशनल एयरपोर्ट (KIA) के पास वाली सड़क पर टहल रहे थे. उस सड़क पर टहलते हुए अचानक वो चौंक जाते हैं. क्योंकि सड़क पर एक लड़की की लाश पड़ी थी. चेहरा भी कुचला हुआ था. चारों तरफ खून बिखरा था. पास में ईंट भी पड़ी हुई थी. उन्होंने इसकी सूचना बेंगलुरू पुलिस को दी. कुछ देर बाद ही बागलुर पुलिस थाने की टीम पहुंचती है. जांच शुरू होती है. उस समय इस थाने के इंस्पेक्टर थे बी. राममूर्ति. नाइट में देर रात तक पेट्रोलिंग करने क बाद वो सो रहे थे. सोते हुए एक घंटे ही हुए थे थाने से फोन आया. बताया गया कि एक ब्लाइंड मर्डर केस है. एयरपोर्ट के पास लड़की की लाश मिली है. केस हाईप्रोफाइल हो सकता है. ये सुनते ही इंस्पेक्टर की अधूरी नींद पूरी तरह खुल जाती है. वो भी तुरंत स्पॉट पर पहुंचते हैं.
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क्राइम स्पॉट पर क्या-क्या देखा
Crime Kahani : उस क्राइम स्पॉट की जांच की गई तो पता चला कि लड़की के सिर पर किसी ईंट से कई बार मारा गया था. शरीर पर कई बार चाकू भी मारा गया था. अब ये बेहद अजीब था कि चाकू भी मारा. ईंट से भी हमले किए थे. घटनास्थल पर कोई सामान नहीं मिला. न लड़की का पर्स और ना कोई बैग. फॉरेंसिक जांच की गई. तब पता चला कि वहां से एक कार निकली थी. जिसके टायर के निशान मिले थे. लेकिन वो किस गाड़ी के थे ये पता नहीं चल पाया. दूर दराज के कुछ सीसीटीवी फुटेज भी देख गए लेकिन उसकी तस्वीरें इतनी धुंधली थी कि कार का नंबर पता नहीं चल सका. इस तरह पुलिस अब पूरी तरह से खाली हाथ थी. कातिल और कत्ल के मोटिव का पता करना तो दूर अभी तक लड़की की पहचान तक नहीं हो पाई थी. ऐसे में उसकी पहचान करने के लिए अब सिर्फ एक ही रास्ता था. उस लड़की के बदन पर मौजूद कपड़े. और शरीर पर कोई निशान. लड़की देखने से अच्छे परिवार की लग रही थी. उसने जींस, टीशर्ट और टाइटन की घड़ी पहनी थी. जींस और टीशर्ट दोनों महंगे ब्रैंड वाली थी. अब यहां जांच टीम का सबसे पहला टारगेट था किसी भी तरह से उसकी पहचान करना. इसलिए अब पुलिस के सामने कुछ ही ऑप्शन थे.
पहला-लड़की की ब्रैंडेड जींस, टीशर्ट और उसकी टाइटन खड़ी को कहां से खरीदा गया और किसने खरीदा. उसका पता चल जाए.
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दूसरा- पास में ही एयरपोर्ट था. इसलिए ये पता चल जाए कि पिछले एक से दो दिन में कोई ऐसी महिला यात्री जिसकी टिकट बुक तो थी लेकिन उसकी फ्लाइट मिस हो गई हो.
तीसरा-आसपास के सभी थानों में पिछले कुछ दिनों से 35 से 36 साल की उम्र वाली लड़की के लापता होने की सूचना.
चौथा- जिस गाड़ी वाले के टायर का निशान मिला था उसके बारे में शहर के किसी सीसीटीवी फुटेज में कुछ मिल जाए.
20 पुलिसवालों की टीम, 14000 जींस, 1400 टाइटन घड़ी, S वाले टैटू में खोजना था क्लू
Solving Crime : इन तमाम एंगल पर जांच के लिए कुल 20 पुलिसवालों की टीम बनाई गई. सभी टीम को अलग-अलग टास्क दिया गया. एक टीम को ब्रैंडेड जींस के बारे में पता लगाना था कि इसे अब तक इंडिया में कहां-कहां बेचा गया और उसे किसने खरीदा. एक टीम उस टाइटन घड़ी का पता लगाने में जुटी. इसकी जांच के दौरान के पता चला कि जिस ब्रैंड की जींस उस लड़की ने पहनी थी वैसी 14 हजार पूरे देश में बेची गई है. दिल्ली, महाराष्ट्र और कर्नाटक में इनकी बिक्री हुई थी. अब पुलिस ने ये पता लगाया कि जिस साइज की जींस लड़की ने पहनी थी वो कितनी बिकी हैं. तब पता चला कि उस साइज की 800 जींस बेची गई. इस तरह अब 800 जींस खरीदने वाले सभी लोगों के नाम और नंबर का पता लगाना था. चूंकि ब्रैंडेड जींस थी तो उसे शोरूम से खरीदने वालों की डिटेल मिल गई. अब इन सभी नंबरों को लेकर पुलिस ने वॉट्सऐप ग्रुप बनाया और उन्हें लड़की की फोटो भेजनी शुरू की. लेकिन काफी सारे नंबर बंद थे. हालांकि काफी मेहनत के बाद भी उसकी पहचान नहीं हो पाई.
पुलिस की एक और टीम टाइटन घड़ी के खरीदार को तलाशने में लगी थी. उस मॉडल की घड़ी का पता लगाया तो कुल 1400 घड़ियां बेचे जाने की जानकारी हुई. पुलिस ने सभी के नंबर मंगाकर उन्हें भी वॉट्सऐप पर मैसेज भेजे. उधर, अन्य टीमें सीसीटीवी फुटेज और कार की तलाश में थीं. इस दौरान उस एरिया से एक स्विफ्ट कार जाते हुए मिली थी लेकिन उसका नंबर प्लेट साफ नहीं दिख पाया. इससे कार का नंबर नहीं मिल सका. कुल मिलाकर इतनी मेहनत का नतीजा सिफर ही रहा. यानी कोई सुराग नहीं मिला.
ये देखकर पुलिस की टीम मोर्च्यूरी में रखी डेडबॉडी के पास फिर से भेजी गई. क्योंकि जब कोई लावारिस लाश होती है तो कम से कम दो दिनों तक दो बॉडी रखी जाती है और फिर पोस्टमॉर्टम करते हैं ताकी पहचानने में दिक्कत ना आए. अभी दो दिन हुए थे तो लेडी पुलिस ने उसके पूरे शरीर पर किसी टैटू की तलाश की. इत्तेफाक से पुलिस को उस लड़की के बदन पर एक जगह S लिखा हुआ टैटू मिला. इससे पुलिस ने अंदाजा लगा लिया कि हो सकता है कि उसका नाम S से शुरू होता हो. या फिर अगर वो शादीशुदा हो तो उसके पति या फिर किसी खास दोस्त का नाम भी हो सकता है. इसलिए पुलिस ने तुरंत जींस और टाइटन घड़ियों में जितने नंबर शॉर्ट लिस्ट हुए थे उनमें से S से शुरू होने वाले नाम का पता लगाया.
तब टाइटन घड़ी खरीदने वालों की संख्या अब 115 तक पहुंच गई. यानी पुलिस को उम्मीद थी कि अब इन्हीं 115 लोगों में से किसी एक ने घड़ी खरीदी होगी. पुलिस ने फिर से उन 115 लोगों से संपर्क किया. लेकिन फिर भी कोई सुराग नहीं मिल सका. जींस वाले में भी कोई जानकारी नहीं मिल सकी. उधर, एयरपोर्ट पर पिछले दो से तीन दिनों में ऐसा एक भी यात्री नहीं था जिसकी फ्लाइट मिस हुई हो. यानी पुलिस ने जितने भी एंगल से जांच शुरू की थी किसी से भी उस लड़की की पहचान करने में सुराग नहीं मिल पाया. इस तरह पुलिस की जांच के कुल 6 दिन निकल गए. लेकिन मरने वाली लड़की कौन थी अभी तक यही पता नहीं चल पाया था. फिर कातिल और कत्ल का मोटिव का पता लगाना तो अभी दूर की बात थी.
नया टर्न : एक महिला की हत्या और उसके पति के हाथ होने का मिला सुराग
Crime Murder Mystery : अब उस लावारिस लाश की जांच करते हुए 7वां दिन आ गया था. पुलिस की टीमें दिन रात जुटी थीं. लेकिन हर कोशिश के बाद नतीजा जीरो हो रहा था. तभी एक कॉन्स्टेबल को अहम जानकारी मिली. उसके खास इन्फॉर्मर ने बताया कि एक महिला की हत्या करके एयरपोर्ट के आसपास फेंका गया है. उस महिला का कत्ल करने वाला कोई और नहीं बल्कि उसका पति ही है. अब ये जानकारी मिलते ही पुलिस को उम्मीद की किरण मिल गई. तुरंत पुलिस की टीम उस एंगल पर जांच करने पहुंची. ये भी पता चला कि वो मारने वाला पति नॉर्थ इंडिया की तरफ का है. चूंकि लड़की भी हुलिये से नॉर्थ इंडियन लग रही थी. इसलिए पुलिस की उम्मीद और बढ़ गई. पुलिस उसकी तलाश में तुरंत उसके घर तक पहुंची. वो शख्स मिल भी गया. वो वेस्ट बंगाल का रहने वाला था. उससे पूछताछ हुई तो पता चला कि उसने नीलासांद्रा में पत्नी की हत्या की और एयरपोर्ट के पास कहीं पर लाश फेंक दी थी. पुलिस तुरंत उसे लाश तक लेकर चलने के लिए बोली. पुलिस उसे लेकर एयरपोर्ट की तरफ जाने लगी.
पुलिस जब उसके अनुसार एयरपोर्ट पर जाने लगी तब वो उस जगह पर नहीं गया जहां उस लड़की की लाश मिली थी. बल्कि उससे काफी दूरी पर एक सुनसान जगह की तरफ ले गया. फिर उसने बताया कि यहीं कहीं पर उसने डेडबॉडी फेंकी थी. लेकिन वहां लाश नहीं मिली. इस पर पुलिस ने पता लगाया तब जानकारी हुई एक हफ्ते पहले वाकई वहां एक महिला की लाश मिली थी. पुलिस ने उस थाने में संपर्क किया तो कन्फर्म हो गया. इस तरह पुलिस भले ही उस लड़की के कातिल की तलाश में थी लेकिन उसी में दूसरे एक कत्ल का खुलासा हो गया. पर पुलिस की ये मेहनत फिर से उसी जीरो वाले नतीजे पर पहुंच गई. अब पुलिस फिर से खाली हाथ थी.
एक कॉल, चिड़चिड़ापन और गिफ्ट वाली घड़ी से मिला पहला सुराग
Most Crime Suspense Story : अब पुलिस की टीमें लगातार काम करते करते काफी थक चुकी थी. चिड़चिड़ापन आ रहा था कि इतनी मेहनत के बाद भी कोई सुराग नहीं मिल पा रहा है. पिछले एक हफ्ते की जांच के दौरान इंस्पेक्टर रामामूर्ति के पास कोलकाता के एक पुलिस अफसर का बार-बार फोन आ रहा था. लेकिन वो रामामूर्ति बेहद उलझे थे इसलिए वो कॉल रिसीव भी नहीं कर रहे थे. अब 10 दिन बीत भी गए थे. तभी फिर उस कोलकाता पुलिस का फोन आया. असल में एक महीने पहले ही बेंगलुरू इंस्पेक्टर रामामूर्ति की टीम ने गोल्ड चुराने वाले एक शातिर चोर कार्तिक को कोलकाता से अरेस्ट किया था. इसने बेंगलुरू में दर्जनों चोरियों को अंजाम दिया था. पुलिस ने जब उसे पकड़ा तो उसके पास से 50 लाख का सोना भी मिला था.
अब कोलकाता पुलिस को शक था कि अपने लोकल शहर में हुई चोरियों में भी कार्तिक का हाथ तो नहीं. इसलिए वो बेंगलुरू पुलिस से बात कर उस कार्तिक चोर को रिमांड पर लेना चाहती थी. इसलिए कोलकाता पुलिस का वो अफसर बार-बार फोन कर रहा था. उस दिन भी कोलकाता न्यू टाउन थाने की पुलिस ने रामामूर्ति को फोन किया था. तब उन्होंने फोन उठा लिया और पिछली कॉल रिसीव नहीं करने की वजह बताने लगे. वो कहने लगे कि एक लड़की की लाश मिली है. देखने में वो नॉर्थ इंडिया की लगती है. हमलोगों 15 हजार से ज्यादा लोगों की जांच कर ली लेकिन कोई सुराग नहीं मिला. कोई मिसिंग रिपोर्ट भी नहीं मिल रही है. इस पर उस पुलिसवाले ने कहा कि एक मिनट रुकिए मेरे यहां भी एक व्यक्ति ने अपनी पत्नी की मिसिंग रिपोर्ट लिखवाई है. उसने बताया कि उसकी पत्नी बेंगलुरू गई थी और लापता हो गई है. उस व्यक्ति का नाम सुदीप डे (Soudeep Dey) है. और उसकी लापता हुई पत्नी का नाम पूजा डे (Pooja Dey) है. ये सुनते ही इंस्पेक्टर रामामूर्ति ने सोचा कि इसे भी चेक ही कर लेते हैं. इसलिए उस लड़की की लाश वाली फोटो उस कोलकाता पुलिस को भिजवाते हैं.
पति, पत्नी और बॉयफ्रेंड-गर्लफ्रेंड का आया नया एंगल
Model Pooja Dey Murder Story : इत्तेफाक से जब ये सबकुछ चल रहा था उसी समय उनकी एक जांच टीम के पुलिस से दिल्ली के अली नामक शख्स ने संपर्क किया. उसने बताया कि जिस घड़ी की आपलोग बात कर रहे हैं उसे मैंने ही दिल्ली में खरीदा था. उसे मैंने अपनी गर्लफ्रेंड को गिफ्ट किया था. पुलिस ने उस लड़की का नाम पूछा तो पता चला कि उसका नाम पूजा डे है. ये सुनते ही पुलिस को फिर से एक उम्मीद दिखने लगी. क्योंकि थोड़ी देर पहले कोलकाता पुलिस ने ये कन्फर्म किया कि सुदीप डे की जो पत्नी लापता हुई है उसका भी नाम पुजा डे है. और अब दिल्ली से अली ने फोन पर बताया कि उसने ये घड़ी जिसे दी थी उसका नाम भी पूजा डे है.
लेकिन पुलिस को असमंजस थी कि अगर वो पूजा डे है तो फिर सुदीप की पत्नी कौन है. अगर वो सुदीप की पत्नी है तो फिर अली की गर्लफ्रेंड कौन है. खैर ये बात साफ थी कि जो घड़ी लड़की ने पहनी थी उसे अली ने ही खरीदी थी. लिहाजा, पुलिस अब उस लड़की को पूजा डे मानकर जांच करने लगी. इसी बीच पुलिस ने कोलकाता और दिल्ली दोनों जगहों पर लड़की की फोटो भेजी. यहां पर किस्मत ने भी पुलिस का साथ दिया. और दोनों ने कन्फर्म कर दिया कि वो मरने वाली लड़की पूजा डे ही थी.
लिहाजा, पुलिस की टीम अब कोलकाता और दिल्ली में अली की पड़ताल में तुरंत जुट गई. क्योंकि अब आशंका यही लग रही थी कि कहीं कोलकाता में रहने वाले सुदीप को अपनी पत्नी के अफेयर में पता चल गया हो तो सकता है कि उसका मर्डर किया हो या फिर किसी से कराया हो. इसके बाद खुद कोलकाता में उसकी मिसिंग की कंप्लेंट कर रहा हो. और दूसरा एंगल ये था कि कहीं अली को पूजा ने धोखे में रखकर दोस्ती की हो. जिसके बाद अली नाराज होकर उसका कत्ल करा दिया हो. लेकिन हैरानी वाली बात ये थी कि अगर अली ही मर्डर कराता तो खुद ही पुलिस से संपर्क क्यों करता. इस तरह पुलिस अली की पर संदेह तो कर रही थी क्योंकि जांच में किसी को सौ प्रतिशत ना शक कर सकते हैं और ना ही पूरी तरह से उसे इग्नोर कर सकते हैं. इसलिए पुलिस ने भले अली को शक के दायरे में कम ही माना और सुदीप को ज्यादा लेकिन दोनों की पड़ताल शुरू हुई. अब बेंगलुरु में जो 20 पुलिसवाले थे उनमें कुल तीन टीमें बनाई गईं. सबसे छोटी टीम अली वाले एंगल पर जांच में जुटी. बाकी दो बड़ी टीमों में से एक टीम कोलकाता में रहने वाले सुदीप पर पड़ताल करने लगी. जबकि एक और टीम को पूजा डे का फोन नंबर मांगकर उसकी डिटेल निकाल जांच करने का जिम्मा सौंप दिया गया.
7 साल पहले सुदीप और पूजा की हुई थी शादी
Crime Story in Hindi : सुदीप डे ने पुलिस की जांच में बताया कि दोनों ने 7 साल पहले ही शादी की थी. लेकिन उनका कोई बच्चा नहीं है. उसकी अभी उम्र 32 साल थी. वो मॉडलिंग करती थी. इसके साथ ही इवेंट मैनेजर भी थी. वो दिल्ली और बेंगलुरु आती जाती थी. सुदीप को पूजा के बेंगलुरू जाने की जानकारी थी. लेकिन जब उसका फोन बंद मिला तो उसने एक दिन बाद मिसिंग की शिकायत कोलकाता पुलिस में की थी. हालांकि एफआईआर नहीं हुई थी. पुलिस को ये भी पता चला कि पति पत्नी में काफी अनबन होती थी. इसलिए पुलिस उस पर शक करते हुए जांच कर रही थी. उधर, दिल्ली में अली के बारे में पता चला कि वो पूजा के शादीशुदा होने के बारे में जानता था. लेकिन वो दोनों एक दूसरे को पसंद करते थे. इसीलिए उसने टाइटन घड़ी गिफ्ट की थी. लेकिन अचानक उसका फोन बंद होने से वो भी परेशान था. जब उस तक घड़ी खरीदने वाले का ढूढते हुए पुलिस ने पूछा था तो शुरू में वो कुछ परेशान था. फिर खुद ही बताया था. खैर पुलिस को जांच करते हुए अब तेरहवां दिन शुरू होने वाला था. पुलिस ने पूजा डे की फैमिली और अली समेत सभी को बेंगलुरू बुला लिया. इस बीच पुलिस ने पूजा डे के मोबाइल फोन की कॉल डिटेल की पड़ताल की तो उससे काफी अहम जानकारी मिल चुकी थी.
आखिर पूजा के साथ क्या हुआ था, 13 दिन की जांच, आखिरी 5 घंटे में मिला कातिल
पुलिस की पड़ताल में पता चला कि वो मर्डर से एक दिन पहले ही फ्लाइट से बेंगलुरू पहुंची थी. उसने एयरपोर्ट से उबर कैब बुक किया था. इसके बाद बेंगलुरू के सिंगसांद्रा में बने सहारा पविलियन होटल में पहुंची थी. उसी होटल में वो रुकी थी. होटल में आने के बाद भी कैब बुक करके कुछ लोगों से मीटिंग करने के लिए गई थी. अब पुलिस उस होटल में पहुंची जहां पूजा डे रूकी थी. होटल के सीसीटीवी फुटेज को देखा गया तो इस बात पुष्टि हो गई कि ये वही पूजा थी जिसकी हत्या हुई थी. अब पूजा की सारी डिटेल होटल से ली गई. कब एंट्री की. कब-कब आई और गई. तब होटल की रिसेप्शनिस्ट ने बताया कि रात 3 बजकर 50 मिनट पर वो होटल से अपना चेकआउट किया था. उस समय एक कैब ड्राइवर लेने आया था. ये वही ड्राइवर था जो दिन में भी पूजा को अपनी कैब से ही कहीं ले गया था. लेकिन चौंकाने वाली बात थी कि जिस रात में पूजा ने होटल से चेकआउट किया था उस समय ऑनलाइन कैब की बुकिंग नहीं थी. इसलिए पुलिस को ये समझ आ गया कि कैब ड्राइवर ने ही इसकी साजिश रची होगी और बिना बुकिंग के डायरेक्ट पैसे लेकर उन्हें छोड़ने के लिए हामी भर दी होगी. अब पुलिस को होटल के भीतर और बाहर वाले सीसीटीवी फुटेज से उस ड्राइवर का चेहरा भी मिल गया और गाड़ी का नंबर भी. फिर क्या था पुलिस ने जांच के 13वें दिन महज 5 घंटे के भीतर ही कैब ड्राइवर के घर तक पहुंच गई.
कैब ड्राइवर नागेश निकला कातिल
घर पर ही कैब ड्राइवर मिल गया. उसका नाम नागेश एचएम था. उम्र करीब 22 साल. वो हेग्नाहल्ली क्रॉस का रहने वाला था. उस कैब ड्राइवर नागेश से पूछताछ हुई तो उसने लूटपाट के लिए पूजा का मर्डर करने की बात स्वीकार कर लिया. उसने बताया कि बेंगलुरू आने के बाद वही पूजा को कैब से होटल तक लेकर आया था. इसके बाद उसने पूजा से जान पहचान कर ली थी. इसके पीछे वजह थी कि पूजा के पास एक ट्रॉली बैग और वैनिटी बैग था. लड़की के पहनावे और बातचीत से लग गया था कि वो अमीर घर से है. दूसरी बड़ी बात थी कि वो अकेली ही बेंगलुरू आई थी. चूंकि नागेश के भाई ने दो कारें खरीदी थीं. दूसरी कार की ईएमआई भरने में उसे दिक्कत आ रही थी. असल में उसके दो ईएमआई बाउंस हो गई थी. इसलिए काफी पैसों की जरूरत थी. लिहाजा, उसने पहले ही पूजा से बातचीत करने के दौरान ही सोच लिया था कि अब वो उससे लूटपाट कर लेगा और ऑनलाइन बुकिंग नहीं कराऊंगा तो पुलिस उसे कभी ट्रेस भी नहीं कर पाएगी. इसलिए जब देर रात में होटल से निकलना था तो उसने बुकिंग करने के लिए मना कर दिया था और सीधे 1200 रुपये में उन्हें उनके बताए स्थान पर छोड़ने के लिए तैयार हो गया था. यही वजह थी कि घटना वाली रात पूजा ने कैब की बुकिंग नहीं की थी.
कैब में सोने लगी थी पूजा तभी रेप का प्रयास भी किया और फिर मर्डर
कैब ड्राइवर ने पुलिस को बताया कि रात में जब वो कैब से लेकर पूजा को जा रहा था उसे नींद आ रही थी. चूंकि रात के 4 बज रहे थे तो पूजा कैब वाले पर भरोसा करते हुए कार में ही सोने लगी थी. उसी दौरान एयरपोर्ट वाले सुनसान रास्ते पर जाते समय नागेश ने कैब रोक दिया और फिर लूटपाट करने लगा था. पूजा ने विरोध किया तो लोहे की रॉड से पहले मारा फिर चाकू से हमला किया. इस दौरान नागेश ने पूजा से रेप का भी प्रयास किया था. लेकिन पूजा आखिरी दम तक उसका विरोध करती रही. इस तरह नागेश भी काफी चोटिल हुआ लेकिन उसने चाकू से 3 से 4 बार हमला किया था. फिर रास्ते में मिली ईंट से पूजा के सिर पर हमला किया. जिससे पूजा की मौत हो गई थी. इसके बाद कैब ड्राइवर नागेश ने पूजा के दोनों बैग, मोबाइल फोन और सभी एटीएम कार्ड व सामान लूट लिए. इसे लेकर वो अपने घर आ गया था. पूजा से लूटे हुए बैग और पर्स वो अपनी बहन को गिफ्ट करने की तैयारी में था. उसने पूजा के डिजिटल वॉलेट से 14 हजार रुपये भी ट्रांसफर कर लिए थे. इस मर्डर को उसने सुबह के 5 बजे से कुछ देर पहले ही अंजाम देकर फरार हो गया था. 23 अगस्त 2019 को नागेश की गिरफ्तारी हुई थी. उसे इस सनसनीखेज हत्या के बाद चिककाबलपुरा जेल में भेजा गया था. उसे कभी जमानत भी नहीं मिली. पुलिस अधिकारी बताते हैं कि 15 मार्च 2021 को इस केस में चार्जशीट दाखिल हुई थी. लेकिन सितंबर 2021 में ही जेल में फूड पॉइजनिंग के कारण नागेश की मौत हो गई. नागेश की मौत ठीक उस समय हुई जब उसके खिलाफ कोर्ट में सजा के ट्रायल शुरू होने वाला था. लेकिन उसकी मौत हो जाने से पुलिस ने इस केस को हमेशा के लिए बंद कर दिया. इस तरह 31 जुलाई 2019 की तड़के पूजा की हत्या हुई और उसका कातिल कैब ड्राइवर नागेश करीब 2 साल तक जेल में रहा. लेकिन शायद होनी को कुछ और मंजूर था. गिरफ्तारी के दो साल बाद सितंबर 2021 में उसकी जेल में ही मौत हो गई. इस तरह बेंगलुरू पुलिस की मेहनत से एक ब्लाइंड मर्डर को आखिरकार सॉल्व कर दिया गया.
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