BABA KAROLI SHANKER : बाबा करोली के आश्रम में डेढ़ लाख में हो जाता है चमत्कार, 40 गाड़ियों के काफिले का मालिक है संतोष सिंह भदौरिया

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Karauli Baba Ashram: कानपुर का बाबा करौली शंकर इन दिनों वायरल है। सिर्फ तीन साल के भीतर बाबा ने 14 एकड़ के आश्रम में अपना साम्राज्य स्थापित किया है। जानकर ताज्जुब हो जाएंगे कि ये बाबा सिर्फ डेढ़ लाख रुपये में ही चमत्कार करने का दम भरता है। बाबा क

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ओम शिव बैलेंस कानपुर के नए बाबा शंकर करौली सरकार का ये जप किसी फिल्मी डॉयलॉग की तरह इस वक़्त बहुत से लोगों की जुबान पर चढ़ा हुआ है। दावा यही है कि इस एक जप से वो उनके दरबार में हाजिरी लगाने वाले को उसकी मुश्किलों से निजात दिला देते हैं। अब बाबा का दावा... अपनी जगह...और इस जप से किसी को फायदा हुआ हो या न हुआ है... इस मंत्र के जाप ने बाबा की दुकान अच्छी सेट कर दी। और ओम शिव बैलेंस कहने वाले बाबा का बैंक बैलेंस भी अच्छा खासा चौकस कर दिया। आलम ये है कि अब उनके आश्रम और उनकी जिंदगी में ऐशो आराम का बोलबाला है। किसान नेता रहे संतोष सिंह भदौरिया ने बाबा करौली शंकर का जामा पहने के कुछ ही वक़्त में अरबों की दौलत इकट्ठा कर ली और स्टाइलिश रहन सहन बना लिया। 

बाबा के आश्रम में एक गैराज में 30 से 40 गाड़ियां खड़ी हो जाती है और सभी महंगी और आलीशान हैं


बाबा के आश्रम में लाइन लगाकर करोड़ों की कीमत की गाड़ियां मौजूद है...आश्रम के ही अंदर एक बड़ा सा गैराज है जहां बाबा की सारी गाड़ियां खड़ी होती है। इस गैराज में 30 गाड़ियां खड़े होने की जगह है। अब जरा एक नजर अच्छी तरह बाबा के काफिले पर डाल लीजिए- - 
बाबा के फ्लीट में रेंजरॉवर की डिफेंडर गाड़ी है  जिसे बाबा करौली शंकर खुद चलते हैं। 
इस डिफेंडर गाड़ी की कीमत दो करोड़ के ऊपर है, कार का मोडिफिकेशंस भी कराया गया है।
बाबा के बाउंसर और सिक्योरिटी के चलने के लिए गाड़ियां अलग से हैं।
फोर्ड की इंडेवर गाड़ी, किया कार्निवल, टोयोटा की इनोवा और फॉर्च्यूनर गाड़ियां हैं बाबा की फ्लीट में शामिल हैं।
इसके अलावा बाबा का परिवार के साथ भी चार से पांच गाड़ियों का काफिला चलता है... वह गाड़ियां भी बाबा की फ्लीट में हैं
जब करौली शंकर से उनके स्टाइलिश लाइफ स्टाइल के बारे में पूछा गया तो उन्होंने कहा कि वह बाकी बाबा जैसे नहीं है जो चोला ओढ़कर धोती पहन कर बैठते है.... इनकम टैक्स देते हैं, डंके की चोट पर कहते हैं कि मेरे पास पैसा है तो मैं उसी हिसाब से जीवन जिउंगा...
आपको बता दें कि बाबा अपने आश्रम में आने वाले भक्तों से दिन के हवन का डेढ़ लाख रुपए भी लेते हैं... पूजा सामग्री की फैक्ट्रियां खुद डाल रखी है... जहां पर सब सामान बनता है और उसे अपने ही रेट पर आश्रम में बेचते हैं
कैंटीन से लेकर आइसक्रीम पार्लर तक ट्रैवल टिकट डेस्क और होटल बुकिंग के काउंटर सब आश्रम में मौजूद हैं...बाबा ने महज तीन साल में 14 एकड़ में अपना साम्राज्य बनाया और आडंबर की ऐसी दुकान सेट कर दी जिससे बेहिसाब दौलत चलकर आश्रम में आ रही है और बाबा का बैंक बैलेंस बढ़ा रही है...तभी तो बाबा कहते नहीं थकते...ओम शिव बैलेंस।
 

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