सामने आई 4 करोड़ की एक ऐसी डेथ मिस्ट्री, जिसने हर किसी को हैरान कर दिया

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Murder Mystery Vardaat: पुलिस ने सुलझाई ऐसी डेथ मिस्ट्री जिसमें अंतिम संस्कार के बाद भी वापस लौट आया मरा हुआ शख्स, जानिए क्या है पूरा मामला.

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Punjab Murder Mystery: 19 जून को पंजाब (punjab) के फतेहगढ साहिब (fatehgarh sahib) जिले के सरहिंद थाने में एक शख्स की गुमशुदगी की रिपोर्ट लिखवाई जाती है. घरवाले बताते हैं कि सुखजीत सिंह घर से किसी से मिलने जाने की बात कह बाहर गया था, लेकिन उसके बाद लौट कर नहीं आया. अभी पुलिस उसकी गुमशुदगी की जांच कर ही रही थी कि तब तक सरहिंद नहर के पास ही उसकी चप्पल और मोटरसाइकिल पड़ी मिल गई. छानबीन के दौरान कुछ ही दूरी पर एक पेड के नीचे अजीब तरीके से उसका मोबाइल फोन भी गड़ा मिल गया. फौरी तौर पर देखें तो ये मामला सुसाइड (suicide) का लगता था, जिसमें शायद सुखजीत ने अपनी बाइक और मोबाइल फोन जैसी दूसरी चीजें किनारे पर छोड़ कर नहर में कूद कर जान दे दी थी. लेकिन मामले की छानबीन के दौरान पुलिस को दाल में कुछ काला नजर आया. सबसे बडा सवाल तो यही था कि आखिर सुखजीत ने खुदकुशी किया ही क्यों? ऊपर से जिस तरह से उसका मोबाइल फोन भी पेड़ के नीचे गड़ा मिला था, वो भी चौंकाने वाला था. खुद सुखजीत के घरवाले भी उसकी मौत को खुदकुशी मानने को तैयार नहीं थे. ऐसे में पुलिस ने मामले को संदिग्ध मानते हुए छानबीन आगे बढ़ाने का फैसला किया.

जांच के दौरान पुलिस को पता चला कि सुखजीत की इन दिनों फतेहगढ़ (fatehgarh) साहिब के ही एक कारोबारी गुरप्रीत सिंह से गहरी दोस्ती हो गई थी... हालांकि ये मुलाकात नई-नई थी, लेकिन गुरप्रीत तकरीबन रोज़ाना ही सुखदीप को पीने-पिलाने के बहाने अपने पास बुला लिया करता था... और इस बात को लेकर सुखजीत के घरवाले काफी परेशान थे... अभी पुलिस सुखजीत और गुरप्रीत के रिश्तों की जांच कर ही रही थी कि वो ये जान कर हैरान रह गई कि सुखजीत की मौत के साथ-साथ उसके दोस्त गुरप्रीत की भी मौत हो चुकी है... और गुरप्रीत की मौत भी कोई सामान्य मौत नहीं, बल्कि एक रोड एक्सीडेंट में हुई है. पुलिस को पता चला कि गुरप्रीत की लाश 20 जून की सुबह दिल्ली लुधियाना हाईवे के साथ गुजरती सर्विस लेन पर बुरी तरह क्षत-विक्षत हालत में पडी मिली थी... उसकी मौत किसी गाड़ी की चपेट में आने से हुई... लाश की हालत इतनी बुरी थी कि उसे देखकर पहचान पाना भी मुश्किल था... हालांकि फिर भी सुखजीत की पत्नी खुशदीप कौर ने लाश को अपने पति गुरप्रीत की लाश के तौर पर पहचाना था... और लाश मिलने के बाद 20 जून को ही उसका अंतिम संस्कार भी कर दिया गया था..

लेकिन जब तफ्तीश और आगे बढ़ी तो पुलिस को एक के बाद एक कई चौंकानेवाली बातें पता चलीं. पुलिस को पता चला कि तथाकथित सड़क हादसे से पहले गुरप्रीत सिंह उसकी पत्नी और कुछ दोस्तों को साथ देखा गया था... जब पुलिस ने सबके मोबाइल फोन की लोकेशन टेस की तो देखा कि ये सारे के सारे लोग सरहिंद नहर के पास उसी जगह पर मौजूद थे, जहां गुरप्रीत के दोस्त सुखजीत की मोटरसाइकिल, चप्पल और मोबाइल फोन मिला था... ये बात अपने-आप में काफी अजीब थी... सवाल था कि अगर सुखजीत ने नहर में कूद कर खुदकुशी की थी, तो गुरप्रीत, उसकी पत्नी और दोस्त वहां क्या कर रहे थे?

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Crime News: ऐसे में पुलिस ने अपने मुखबिरों की मदद से गुरप्रीत के बारे में और ज्यादा से ज्यादा जानकारी जुटाने की कोशिश शुरू कर दी... लेेकिन इस पूरे सिलसिले में सबसे बड़ा टर्न तब सामने आया, जब पता चला कि जिस गुरप्रीत को सड़क हादसे में मरा हुआ बताया जा रहा है, वो तो अभी भी जिंदा है... यकीनन ये सच दिमाग घुमानेवाला था... अब पुलिस ने पूरा जोर लगाया और जल्द ही ना सिर्फ़ ये कन्फर्म कर लिया, बल्कि गुरप्रीत को फतेहगढ़ साहिब से ही जिंदा पकड़ भी लिया... यानी गुरप्रीत की मौत को लेकर उसकी पत्नी, दोस्त और घरवाले झूठ बोल रहे थे, जबकि खुद गुरप्रीत भी अपनी मौत का झूठा ड्रामा रच रहा था... अब सवाल था, आखिर क्यों? सवाल ये भी था कि अगर 19-20 जून की दरम्यानी रात को रोड एक्सीडेंट में गुरप्रीत की मौत नहीं हुई थी, तो फिर वो लाश किसकी थी, जिसे गुरप्रीत की पत्नी ने अपने पति की लाश कहते हुए पहचान लिया था और जिसका अंतिम संस्कार कर दिया गया? इन सवालों का जवाब गुरप्रीत ही दे सकता था.

पूछताछ हुई तो पूरी कहानी सामने आ गई... पता चला कि गुरप्रीत फतेहगढ़ साहिब में हल्दीराम एंड कंपनी का होलसेल कारोबारी था, लेकिन व्यापार में घाटे के चलते रातों-रात पैसे कमाने का जुगाड़ ढूंढ रहा था... इसी बीच उसकी मुलाकात एक इंश्योरेंस एजेंट राजेश कुमार शर्मा से हुई, जिसने उसे ना सिर्फ मोटी रकम का बीमा करवाने का सुझाव दिया, बल्कि ये बताया कि अगर वो अपनी मौत की झूठी कहानी गढ़ सके, तो ये रुपये उसके घरवालों को मिल सकते हैं... इसके बाद गुरप्रीत, राजेश कुमार शर्मा, गुरप्रीत के एक दोस्त सुखविंदर सिंह संघा, गुरप्रीत की बीवी खुशदीप कौर समेत कई और लोगों ने मिल कर ये पूरी साजिश रची.

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Vardaat Full Story: इसी साजिश के तहत अब सबने गुरप्रीत से मिलते-जुलते एक शख्स की तलाश शुरू कर दी, जिसकी हत्या कर उसकी लाश को गुरप्रीत की लाश बताई जा सके... इसके बाद इन्होंने मोहाली के एक नौजवान कपिल और पटियाला के एक दूसरे नौजवान कमलदीप सिंह को निशाने पर लिया, लेकिन अलग-अलग वजहों से उन्हें छोड़ दिया... किसी के शरीर की बनावट गुरप्रीत जैसी नहीं थी, तो किसी के शरीर पर टैटू बना था... लेकिन आखिरकार इन लोगों की नजर सुखजीत पर पड़ गई, जिससे पहले गुरप्रीत ने दोस्ती की... उसे शराब पिलाना शुरू किया और फिर मौका देख कर 19 और 20 जून की रात को पहले उसकी हत्या कर दी और फिर उसकी लाश को टक के कुचलवा कर सड़क पर फिंकवा दिया, ताकि मामला रोड एक्सीडेंट का लगे... और इसे गुरप्रीत के घरवाले गुरप्रीत की मौत बता सकें... साजिश के मुताबिक 19 की रात को गुरप्रीत ने सुखजीत को शराब में नशीली दवा मिला कर पिला दी और फिर उसे टक के पहियों तले तब तक कुचलते रहे, जब तक उसका चेहरा पूरी तरह से बिगड़ नहीं गया.

उधर, गुमशुदा सुखजीत की कहानी को एक अंजाम तक पहुंचाने के लिए उसकी मोटरसाइकिल, चप्पल, मोबाइल फोन वगैरह सरहिंद नहर के किनारे पर छोड़ दिए, ताकि लोगों को देख कर लगे कि सुखजीत ने खुदकुशी कर ली है... गुरप्रीत, उसकी बीवी खुशदीप कौर और उसके दोस्त काफी हद कर अपनी साजिश में कामयाब भी रहे, लेकिन पुलिस की जांच में सच्चाई सामने आ गई... इधर, छानबीन में ये भी बात निकल सामने आई कि जिस आदमी की लाश को गुरप्रीत की लाश बता कर उसके घरवालों ने जला दिया, उसका रंग गोरा था, उसके शरीर पर बाल नहीं थे, उसके पैरों पर हवाई चप्पल पहनने की वजह  से टैनिंग थी, जबकि गुरप्रीत का हुलिया इनसे ठीक उलट है... फिलहाल, पुलिस ने पूरा केस कैक तो कर लिया है, तमाम सबूत भी इकट्ठा कर लिए हैं, लेकिन इस हैवानियत भरी साजिश से हर कोई हैरान है.



Dehradun: 13 जून की सुबह-सुबह देहरादून पुलिस कंटोल रूम में किसी ने क्लेमेंट टाउन से कॉल कर ये बताया कि एक मकान से तेज बदबू आ रही है और घर का दरवाजा भी बंद है... ऐसे में पुलिस को भी अनहोनी का शक होने लगा और फौरन एक टीम जांच के लिए बताई गई जगह पर पहुंची... इसके बाद पुलिस ने जैसे ही मकान का दरवाजा खोला तो अंदर का मंजर देख कर उसके कदम ठिठक गए... कमरे में फर्श पर खून से सनी दो लाशें पड़ी थी... एक महिला की और दूसरी पुरुष की... लेकिन लाशों की हालत इतनी खराब हो चुकी थी कि देख ये पता लगा पाना भी मुश्किल था कि दोनों की मौत की असली वजह क्या रही होगी... लेकिन इससे भी ज्यादा अजीब और दहलानेवाली बात ये थी कि करीब 3 से चार रोज पुरानी इन लाशों के बीच बमुश्किल 5-6 दिनों का एक नवजात भी मौजूद था... और उसकी सांसें अभी चल रही थी.

तो क्या ये मामला खुदकुशी का था, कत्ल का या फिर कुछ और था... सवाल ये था कि इतने छोटे और नवजात बच्चे को छोड़ कर अगर पति-पत्नी ने खुदकुशी की, तो क्यों की... सवाल ये भी था कि अगर ये मामला कत्ल का है, तो उसकी वजह क्या हो सकती है और कातिल ने लाशों के बीच एक नवजात बच्चे को कैसे छोड़ दिया... यकीनन मामला बेहद अजीब था. छानबीन शुरू हुई तो पता चला कि मरनेवाले शख्स का नाम काशिफ है, जिसकी उम्र यही कोई 25-26 साल की होगी, जबकि महिला का नाम अनम है, जिसकी उम्र 22 साल की है... और जो बच्चा मौका ए वारदात पर बरामद हुआ, वो इन्हीं दोनों का है... दोनों यहां किराये के मकान में रहते थे और करीब चार महीने पहले ही यहां रहने आए थे... अभी पुलिस ने जांच शुरू की तो पता चला कि पत्नी के साथ मारे गए काशिफ पर लाखों रुपये उधार था, जिसे वो चुका नहीं पा रहा था... छानबीन आगे बढ़ी तो पता चला कि अनम के साथ काशिफ की ये दूसरी शादी थी, जबकि नुसरत नाम की एक दूसरी महिला के साथ उसकी पहली शादी हुई थी... दूसरी शादी के बाद भी नुसरत अपने काशिफ के संपर्क में थी और उनकी लगातार बातें भी होती थीं... अब पुलिस ने जब काशिफ की पहली पत्नी नुसरत से पूछताछ की तो उसने बताया कि काशिफ पिछले 2-3 दिनों से उसका फोन नहीं उठा रहा था... और उसकी आखिरी बार काशिफ से 10 जून की रात 11 बजे बात हुई थी... ऐसे में एक बात तो साफ हो गई कि काशिफ और अनम कम से कम 10 जून की रात तक तो जिंदा थे... रही बात वजह की तो नुसरत ने भी काशिफ पर लाखों रुपये का उधार होने की पुष्टि की... यानी शुरुआती तफ्तीश में ये मामला खुदकुशी का ही लगता रहा.

लेकिन जब दोनों लाशों की पोस्टमार्टम रिपोर्ट सामने आई, तो साफ हो गया कि उनकी मौत खुदकुशी के चलते नहीं बल्कि चाकुओं के वार से और गला काटे जाने की वजह से हुई थी, यानी मामला खुदकुशी का नहीं बल्कि कत्ल का था... अब पुलिस ने उनके मकान के आस-पास लगे सीसीटीवी कैमरों की जांच शुरी की और ये देखा कि 12 जून को एक कार उनके घर के पास पहुंची थी... पुलिस ने जब इस कार का नंबर पता किया तो ये कार काशिफ के एक दोस्त की निकली, जिसका नाम अशवद था... लेकिन जब अशवद से पूछताछ हुई तो पता चला कि उसका काशिफ की मौत से कोई लेना देना नहीं है... लेकिन उसने इतना जरूर बताया कि उसकी कार काशिफ की बीवी अनम का भाई शहबाज उससे मांग कर ले गया था... यानी अब खुद वारदात का शिकार बनी अनम का भाई शहबाज पुलिस की रडार पर आ चुका था.

तफ्तीश में काशिफ के घरवालों ने भी इस वारदात के पीछे काशिफ के साले शहबाज का हाथ होने का शक जताया... पुलिस ने देखा कि शहबाज का मोबाइल फोन 10 जून की रात को कुछ घंटों के लिए बंद हो गया था और 11 जून को वो फिर से स्विच्ड ऑन हुआ... ये भी एक शक की बात थी... अब पुलिस ने शहबाज को हिरासत में उससे सख्ती से पूछताछ की और तब उसने अपनी बहन और बहनोई के मौत की जो कहानी सुनाई, वो रौंगटे खडे करनेवाली थी... ये शहबाज ही था, जिसने दोनों की हत्या की थी... शहबाज 10 जून की रात को अपनी बहन अनम के घर पहुंचा था... और वहीं रुक गया... जब आधी रात पति-पत्नी दोनों सो गए, तो उसने किचन से चाकू उठा कर पले काशिफ का गला रेत कर उसकी हत्या कर दी और जब उसकी बहन अनम इसका विरोध करने लगी, तो उसने अनम को भी काबू कर उसका भी गला काट दिया... इसके बाद वो 12 तारीख को वही कार लेकर फिर से लाशों को ठिकाने लगाने के इरादे से अनम के घर पहुंचा था, लेकिन फिर पकडे जाने के डर से उसने इरादा बदल दिया. अपनी बहन के नवजात बच्चे को काशिफ खुद मारना नहीं चाहता था... लेकिन उसे लगा कि अगर वो बच्चे को उसकी मां-बाप की लाश के पास छोड़ जाएगा, तो वो अपनी मौत खुद ही मार जाएगा... लेकिन कुदरत का खेल देखिए कि इतना सबकुछ होने के बावजूद महज चंद दिनों का वो मासूम मां-बाप की लाश के साथ तीन दिनों तक जिंदा रहा...

असल में काशिफ की पहली बीवी के रहते हुए उसके अनम के साथ दूसरी शादी करने के फैसले से शहबाज अपनी बहन अनम और काशिफ दोनों से सख्त नाराज था... करीब साल भर पहले जब दोनों नो कोर्ट मैरिज की थी, शहबाज ने उसी रोज़ ये तय कर लिया था कि वो दोनों की हत्या कर देगा... इसके बाद से वो लगातार मौके की तलाश में था... और उसने इस वारदात को 10 और 11 जून की दरम्यानी रात को अंजाम दिया... फिलहाल वो मासूम तो अपने दादा-दादी के पास है, जबकि शहबाज को जेल भेज दिया गया है.

 

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