Cobra Digital Snake: सपेरों को देनी होगी सांपों की जानकारी, इस तरह होगी सांपों की डिजिटल देखभाल, देखिए Video
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Digital Cobra: चिप इसलिए लगाई जा रही है ताकि ये पता चले कि सांप किस जगह पर है और उसका मालिक उसकी पूरी देखभाल कर रहा है या नहीं।
Digital Cobra: चिप इसलिए लगाई जा रही है ताकि ये पता चले कि सांप किस जगह पर है और उसका मालिक उसकी पूरी देखभाल कर रहा है या नहीं।
Digital Cobra Video: पांच फुट लंबे किंग कोबरा के शरीर में चावल के दाने के आकार की माइक्रोचिप लगी है। चिप करीब 10 साल पहले लगाई गई थी, ताकि ये पता चल सके कि सांप किस जगह पर है और उसका मालिक उसकी पूरी देखभाल कर रहा है या नहीं। 2003 में वन्यजीव संरक्षण अधिनियम में संशोधन हुआ। इसके बाद पाले हुए जंगली जानवरों के बारे में जानकारी देना जरूरी हो गया।
इसके आठ साल बाद, यानी 2011 में दिल्ली सरकार ने माफी योजना का ऐलान किया, जिसके तहत सपेरों को अपने पास मौजूद सांपों की जानकारी देनी थी। जिन सपेरों ने अपने सांपों की जानकारी दी, उन्हें सांप पालने का लाइसेंस दिया गया और सांपों में माइक्रोचिप लगाई गई।
पालीनाथ जो कि एक सपेरा हैं उनका कहना है कि सरकार ने हमें आईटीओ बुलाया। वहां उन्होंने हर सांप के शरीर पर एक माइक्रोचिप लगाई और हमें सर्टिफिकेट दिया। हालांकि कम ही सपेरे माफी योजना का लाभ लेने आगे आए।
सपेरा बलबीरनाथ ने बताया कि हर सपेरे को अनुमति और लाइसेंस दिया जाना चाहिए। तभी सपेरे अपनी परंपरा का पालन कर सकेंगे। हम गांवों और घरों में जाकर 'पुंगी' खेलते थे और लोगों का मनोरंजन करते थे। लेकिन रोक लगने के कारण सपेरे नहीं जा सकते। माइक्रोचिप आधारित ट्रैकिंग सिस्टम को बड़े इलाके में लागू किया जाए, तो निश्चित रूप से बड़ी तादाद में सांपों को महफूज रखा जा सकेगा और सपेरों की भी भलाई होगी।
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