Karoli Baba Viral Video: किसी भी लड़ाई और बीमारी को खत्म करने का दावा करते हैं ये करौली बाबा

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Karoli Baba Viral Video: जो काम बड़े नेता नहीं कर पाए, वो काम ये बाबा करने का दावा करते हैं, किसी भी लड़ाई और बीमारी को खत्म करने का दावा रखते हैं.

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Karoli Baba Viral Video: आज के करौली सरकार बाबा कभी उन्नाव के पवई गांव के संतोष सिंह भदौरिया हुआ करते थे. एक आम परिवार में जन्मे संतोष का बचपन गरीबी में बीता. मगर जैसे जैसे वो बड़ा होता गया उसके सपने भी बड़े होते गए, पर किस्मत साथ नहीं दे रही थी. उसे लगा कि शादी के बाद शायद तकदीर बदल जाए. इसी के बाद उसने रेल बाजार में रहने वाली रेनू सिंह से शादी की. मगर शादी के बाद भी माली हालत नहीं बदली. संतोष को लगा कि उसकी पत्नी ही इसके लिए जिम्मेदार है. लिहाजा शादी के तीन साल के अंदर अंदर ही वो पत्नी से अलग हो गया. कुछ समय बाद ममता तिवारी से उसने दूसरी शादी की.  ममता का परिवार आर्थिक तौर पर मजबूत था. उनके कई प्लॉट और जमीन जायदाद थे. शादी के बाद ममता के घरवालों ने संतोष को एक टैम्पो खरीदकर दिया. अब टैम्पो के सहारे उसका घर चल रहा था. 

Viral Video:इसी दौरान ममता से उसके दो बेटे हुए लव और कुश. लेकिन संतोष का मन अब भी नहीं लग रहा था. उसे कम वक्त में बहुत पैसे कमाने थे. कोई रास्ता नहीं सूझा तो उसने राजनीति में जाने का फैसला किया. संतोष ने शिव सेना ज्वाइन की. लेकिन यहां भी उभरने का मौका नहीं मिला. लिहाजा शिवसेना छोड़कर अब उसने भारतीय किसान यूनियन ज्वाइन कर लिया और किसान नेता बन गया. किसान यूनियन के कई धरने प्रदर्शन में बढ़ चढ़ कर हिस्सा भी लिया. कई बार लाठियां भी खाईं. मगर फिर कुछ वक्त बाद नेतागीरी से भी उसका मन भर गया. अब उसने नया धंधा शुरु किया. विवादित ज़मीन की खरीद फरोख्त का यानी अब वो प्रॉपर्टी डीलर बन चुका था. प्रॉपर्टी डीलर बनने के बाद कई लोगों से उसकी दुश्मनी भी रही. इसी दौरान 4 अगस्त 1992 को कानपुर के फजलगंज इलाके में अयोध्या प्रसाद नाम के एक शख्स की गोली मारकर हत्या कर दी गई. इस हत्याकांड में बाकी लोगों के साथ साथ संतोष सिंह भदौरिया के खिलाफ भी FIR  दर्ज हुई. बाद में कत्ल के इल्जाम में उसे गिरफ्तार किया गया. वो जेल भी गया लेकिन फिर 1993 में जमानत पर बाहर आ गया.

karoli Baba | Social Media

Viral Video: अब तक शायद कहीं न कहीं संतोष भदौरिया को लगने लगा था कि राजनीति में जाकर या प्रॉपर्टी डीलर बनकर बहुत जल्दी वो अमीर नहीं बन सकता. इसी के बाद उसने उस धंधे में कूदने का फैसला किया जिसमें लागत कुछ नहीं और मुनाफा छप्पर फाड़ के यानी बाबागीरी की दुकान. इसी के बाद अब संतोष केरल का रुख करता है. वहां जाकर वो अलग अलग तरह की थैरेपी सीखता है. पूरी तरह सीख पढ़कर वापस कानपुर लौटता है. कानपुर आने के बाद सिविल लाइंस अपने घर में ही वो एक क्लिनिक खोल लेता है. इस क्लिनिक में वो आयुर्वेदिक लेप के जरिए अलग अलग तरह की बीमारियों के इलाज का दावा करता है. दुकान चल पड़ती है और अब यहीं से अमीर बनने का उसे रास्ता भी मिल जाता है. 2012 आते आते संतोष करौली गांव में अपने दोनों बेटों लव और कुश के नाम पर एक आश्रम खोलता है. आश्रम की जमीन पर पहले उसने एक मंदिर बनवाया था. अब जैसे जैसे दुकान चलती गई आश्रम की जमीन भी फैलती गई. देखते ही देखते आश्रम एक छोटे मोटे कस्बे में बदल जाता है. धीरे धीरे करके आश्रम 14 एकड़ जमीन में फैल जाता है. फैलते आश्रम के साथ अब संतोष सिंह की अदृश्य शक्तियों और ताकतों की बातें भी फैलने लगती है। धीरे धीरे ये बात लोगों के कानों तक पहुँचती है. अब ये मशहूर होने लगता है कि संतोष सिंह शिव की शक्ति और तंत्र मंत्र से लोगों के गंभीर से गंभीर बीमारियों के इलाज कर सकते हैं। फिर क्या था...परेशान हाल मरीज और उनके तीमारदार करौली आश्रम का रुख करने लगे। धीरे धीरे मजबूर और बीमार लोगों की आश्रम में तादाद बढ़ने लगी और इसी के साथ संतोष सिंह भदौरिया भी अचानक संतोष सिंह से करौली सरकार बाबा बन गए।

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Karoli Baba Vardaat: हालांकि उन्हें भी पता था कि कोई भी दुकान बिना पब्लिसिटी के नहीं चलती लिहाजा खुद की ही पब्लिसिटी के लिए उन्होंने यू ट्यूब का सहारा लिया। करौली बाबा के अवतार में अब वो यू ट्यूब पर अपने तंत्र मंत्र का जादू बिखेरने लगे. देखते ही देखते बाबा का एक मंत्र बॉलीवुड के किसी फिल्मी डायलॉग की तरह मशहूर होता गया. दरअसल करौली बाबा तीन शब्द बोलकर लोगों की हर बीमारी को दूर करने का दम भर रहे थे. ये वो खुद भी बोलते थे और सामने वाले को भी बुलवाते थे. वो तीन शब्द हैं ...ओम शिव बैलेंस… इसका फायदा भी हुआ भक्तों की तादाद तेजी से बढ़ने लगी लेकिन लगता था कि अब भी कुछ कमी है और आखिरकार ये कमी भी 22 फरवरी 2023 को पूरी हो गई. हुआ यूं कि नोएडा में रहने वाले डॉक्टर सिद्धार्थ चौधरी अपने परिवार के साथ 22 फरवरी को करौली सरकार के दरबार में पहुँचे थे.

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Crime News: 2600 रुपये की पर्ची कटाई और शाम 4 बजे बाबा के सामने दरबार में खड़े हो गए. करौली बाबा ने माइक पर फूंक मारते हुए...ओम शिव बैलेंस कहा और फिर डॉक्टर सिद्धार्थ से पूछा कि इससे तुम पर कुछ असर हुआ, सिद्धार्थ ने इनकार में सिर हिला दिया था. बाबा ने दोबारा मंत्र फूंका. फिर पूछा चमत्कार का कुछ असर हुआ ? डॉक्टर सिद्धार्थ ने फिर इनकार कर दिया. डॉक्टर सिद्धार्थ का इनकार शायद बाबा को रास नहीं आया. उन्होंने सेवादारों को इशारा किया। कुछ देर बाद डॉक्टर सिद्धार्थ आश्रम में ही एक कमरे में थे. लात घूंसों और सरियों से उनकी पिटाई हो रही थी। उनकी नाक की हड्डी टूट चुकी थी, सिर फूट चुका था. चमत्कार की उम्मीद में मार खाकर लौटे डॉक्टर सिद्धार्थ इसके बाद पुलिस के पास पहुँच जाते हैं. शिकायत के बाद पुलिस आश्रम में करौली बाबा के पास पहुँचती है और इसी के बाद अचानक यू ट्यूब क पर्दे से बाहर निकलकर न्यूज चैनल के पर्दों पर चमकने लगते हैं. देखते ही देखते करौली बाबा अब पूरे देश में मशहूर हो चुके हैं. लेकिन ये मशहूरियत डराती भी है. याद कीजिए हाल के वक्त में जितने बाबा अचानक अपने अपने आश्रम से बाहर निकलकर टीवी के पर्दे पर चमके हैं उनमें से ज़्यादातर अब जेल में ही अपनी बाबागीरी दिखा रहे हैं. हालांकि करौली बाबा अपने पाक साफ होने का पूरा दावा करते हैं. 
 

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