Goa Murder Driver interview Video: बैग के अंदर थे कपड़े और खिलौने, उसके नीचे थी लाश! आरोपी सूचना सेठ को लेकर क्या बोला ड्राइवर ? देखें पूरा इंटरव्यू

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Suchana Seth Case Driver Statement: गोवा में अपने बच्चे का मर्डर करने वाली आरोपी सूचना जिस गाड़ी में बैठ कर लाश लेकर जा रही थी, उसके ड्राइवर ने कई खुलासे किए हैं।

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दिव्येश सिंह की Exclusive Report

Suchana Seth Case Driver Statement: गोवा में अपने बच्चे का मर्डर करने वाली आरोपी सूचना जिस गाड़ी में बैठ कर लाश लेकर जा रही थी, उसके ड्राइवर ने कई खुलासे किए हैं। कैब ड्राइवर रॉयजॉन डिसूजा से हमारे सहयोगी चैनल आज तक ने खास बातचीत की है। दरअसल, रॉयजॉन डिसूजा ही वो शख्स था, जिसकी गाड़ी में आरोपी सूचना सेठ बच्चे की लाश को लेकर ट्रैवल कर रही थी। 

 

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जब कर्नाटक में महिला को गिरफ्तार करने के बाद बैग खोला गया तो बैग के ऊपरी हिस्से में कपड़े और खिलौने थे। सूचना ने पुलिस के सामने बैग खोला। बैग में ऊपरी तरफ कपड़े रखे हुए थे, लेकिन सूचना ने कपड़े हटाए नहीं। इसके बाद महिला पुलिसकर्मी ने कपड़ों की दूसरी परत हटाई तो उसके नीचे बच्चे का शव था। इसे ठूंस रखा था। इसके बाद पुलिस ने पूछा कि यह बच्चा कौन है? जिसके जवाब में सूचना ने कहा कि ये मेरा बच्चा है, लेकिन इससे ज्यादा कुछ नहीं कहा। 

 

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ड्राइवर ने कहा, 'मैडम ने मुझे बैग उठाने के लिए कहा। मैंने बैग उठाया। ये बैग भारी था। मैंने मैडम से पूछा कि क्या इसमें शराब की बोतलें है? इस पर उन्होंने कहा कि नहीं।' 

 

उसने हिम्मत और समझदारी का परिचय देते हुए महिला को दिलचस्प तरीके से गिरफ्तार करवाया। ड्राइवर ने खुल कर बात की है। उसने कहा, ' 7 जनवरी को रात 11 बजे के आसपास मुझे कैंडोलिम में होटल सोल बनयान ग्रांडे के रिसेप्शन से फोन आया, जिसमें उनसे सेठ को तत्काल बेंगलुरु ले जाने के लिए कहा गया। मुझे रात 12.30 बजे होटल पहुंचने को कहा गया और 30,000 रुपये किराये पर सहमति बनी। मैं और मेरा सह-चालक पार्किंग क्षेत्र में पहुँचे। महिला ने कहा कि वह अकेली यात्रा कर रही थी और मुझसे एक लाल ट्रॉली बैग रखने को कहा। सूटकेस असामान्य रूप से भारी था, लेकिन मैंने इसके बारे में ज्यादा नहीं सोचा।'


रात करीब 12.30 पर कैंडोलिम से रवाना हुई कैब, रास्ते में लगा हुआ था जाम

ड्राइवर ने कहा, 'कैब कैंडोलिम से लगभग 12.30 बजे रवाना हुई और हम करीब 2 बजे गोवा-कर्नाटक सीमा पर चोरला घाट पहुंचे। वहां एक ट्रक पलटा हुआ था, जिससे जाम लग गया था और चार घंटे तक जाम लगा रहा। मैंने उससे कहा कि हम यहां चार से छह घंटे तक फंसे रह सकते हैं। ट्रैफिक बिल्कुल भी नहीं चल रहा था। मैंने महिला को वैकल्पिक मार्ग का उपयोग करके हवाई अड्डे पर छोड़ने की पेशकश की और उससे कहा कि फ्लाइट से जाना ज्यादा ठीक रहेग, लेकिन उसने जोर देकर कहा कि वह सड़क मार्ग से जाना चाहती है, भले ही इसमें कितना भी समय लगे। हालांकि मुझे यह अजीब लगा, लेकिन मैंने उसकी बात मानी।'

...जब ड्राइवर के पास आया गोवा पुलिस का फोन, आरोपी ने की थी पुलिस से बात

पुलिस से बात करने के बाद भी महिला कैब रुकवा कर भागी क्यों नहीं?

क्या शक के चलते आरोपी ने ऐसा नहीं किया?

क्या डर की वजह से महिला शांत रही?

कार चलती रही और सुबह हो गई। वो सोमवार का दिन था। सुबह करीब 11 बजे थे। ड्राइवर ने कहा, ' यात्रा के दौरान आरोपी सूचना सेठ पूरी तरह से चुप थी। मैं लगातार गाड़ी चलाता रहा। सोमवार सुबह करीब 11 बजे मेरे पास कैलंगुट पुलिस इंस्पेक्टर का फोन आया। इंस्पेक्टर ने मुझसे पूछा कि क्या मैं जिस यात्री को लेकर जा रहा हूं, वह अकेली थी या उसके साथ कोई बच्चा था? पुलिस वाला कोंकणी में बात कर रहा था। मैंने इंस्पेक्टर से कहा कि वह अकेली है। उन्होंने कहा कि पुलिस को उसके होटल के कमरे में खून के धब्बे मिले थे और उन्हें उस पर शक है। पुलिस ने कहा महिला से बात कराओ। मैंने अपना फोन आरोपी को दे दिया और कहा कि कोई उनसे बात करना चाहता है। आरोपी महिला घबराई नहीं और उसने एक पता पुलिस कर्मी को दे दिया। बाद में वो पता फर्जी पाया गया। पुलिस वाले का दोबारा फोन आया। पुलिस वाले ने बोला कि जो भी थाना रास्ते में पड़े, अपनी गाड़ी उस थाने में ले जाओ।'

ड्राइवर ने गाड़ी रोका तो महिला को क्या शक हुआ?

ड्राइवर ने कहा,'उस समय हम एक्सप्रेसवे पर थे और मैं केवल गाँव देख सकता था, सभी साइनबोर्ड कन्नड़ में थे, इसलिए मुझे नहीं पता था कि कहाँ जाना है। मैंने सावधानी से निकटतम पुलिस स्टेशन को गूगल पर खोजा और किसी तरह मानचित्र पर 150 किमी की दूरी पर एक पुलिस स्टेशन के बारे में जानकारी मिली। मैंने बहाने से गाड़ी रोकी। मैंने उससे कहा कि मुझे और मेरे सह-चालक को शौचालय का उपयोग करना है। हम नीचे उतरे तो देखा कि सड़क के किनारे एक रेस्तरां है। यहां एक चौकीदार मिला। हमने उससे निकटतम पुलिस स्टेशन के बारे में पूछा। उसने बताया कि चित्रदुर्ग जिले में ऐमंगला पुलिस स्टेशन सिर्फ 500 मीटर की दूरी पर है। मैंने गोवा पुलिस को फोन किया और कॉल पर उन्हें स्टैंडबाय पर रखा और राजमार्ग पर एक सर्विस रोड से होते हुए पुलिस स्टेशन तक पहुंच गया।'

जब महिला ने पूछा कि थाने में कार क्यों रोकी?

ड्राइवर ने कहा, ‘ आरोपी सेठ ने उनसे पूछा कि उन्होंने पुलिस स्टेशन के बाहर कार क्यों रोकी है। मैंने बहाना बनाया और अपना फोन ऐमंगला के पुलिस स्टेशन के प्रभारी को दे दिया। फिर दोनों राज्यों के पुलिस अधिकारियों ने समन्वय किया और अगले 10 मिनट में पुलिस ने सामान की जांच की और उसके बेटे का शव पाया। मैंने वही किया, जो पुलिस ने कहा था। जब पुलिस जाँच कर रही थी तो उसने कोई बिल्कुल भी तनाव में नहीं थी।’

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