दिल्ली पुलिस के एक एसीपी की दंबगई? महिला से की छेड़छाड़, महिला ने पहले की शिकायत फिर वापस ली
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Delhi Police : दिल्ली पुलिस के एक एसीपी पर संगीन आरोप लगा है। एक महिला ने शिकायत की है कि दिल्ली पुलिस के एसीपी सुदेश रांगा ने उसके साथ मारपीट की है और छेड़छाड़ की है।
Delhi Police : दिल्ली पुलिस के एक एसीपी पर संगीन आरोप लगा है। एक महिला ने शिकायत की है कि दिल्ली पुलिस के एसीपी सुदेश रांगा ने उसके साथ मारपीट की है और छेड़छाड़ की है।
बात जब एसीपी से जुड़ी थी तो पीड़िता ही शिकायत से मुकरी
Delhi Police Acp Sudesh Ranga Molestation Case West District : दिल्ली पुलिस के एक एसीपी पर संगीन आरोप लगा है। एक महिला ने शिकायत की है कि दिल्ली पुलिस के एसीपी सुदेश रांगा ने उसके साथ मारपीट की है और छेड़छाड़ की है, अपने फ्लैट पर। इसकी सूचना महिला ने बुधवार को पुलिस कंट्रोल रूम को दी। उसके बाद ये सूचना सुबह 8 बज कर 46 मिनट पर दिल्ली के जनकपुरी थाने को दी गई। बाकायदा दिल्ली पुलिस की जनरल डायरी में इस बात का उल्लेख किया गया है।
जनरल डायरी में ये एंट्री सुबे सिंह, जो कि दिल्ली पुलिस में Assitant Sub Inspector, ने दर्ज की और जिम्मेदारी लगाई गई Assitant Sub Inspector सुरेंद्र कुमार की। बताया गया कि जनकपुरी के मकान नंबर ए4सी28 में ये घटना हुई है। ऐसा कहा जा रहा है कि ये फ्लैट एसीपी साहब का है।
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जब हमने डीसीपी वेस्ट विचित्र वीर से इस संबंध में जानकारी ले तो उन्होंने कहा, 'महिला ने शिकायत दी थी, लेकिन अब वो एक्शन नहीं चाहती है। एसीपी हमारे डिस्ट्रिक के नहीं है, लेकिन दिल्ली पुलिस में पोस्टिड है। उनका कहना है कि जो जनरल डायरी में महिला का नंबर नोट किया गया है, वो गलत है। हमारी उस पीड़िता से बात हो चुकी है।'
यहां सवाल ये उठता है कि
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पहले महिला ने शिकायत क्यों की और अब क्यों वापस ली?
दूसरा, क्या इस तरह के मामले में दिल्ली पुलिस खुद संज्ञान नहीं ले सकती, जब कि मामला महिला की सुरक्षा से जुड़ा है ?
Delhi Police : इस संबंध में एडिश्नल सीपी चिन्मय बिस्वाल से बात हुई तो उन्होंने कहा, ' मैंने डीसीपी से जानकारी मांगी है। इस तरह के केसों में अगर शिकायतकर्ता ही सहायता नहीं करेगा तो केस कहां खड़ा होगा। हालांकि जब उनसे पूछा गया कि महिला ने शिकायत क्यों की तो इस पर उनका कहना था कि उस वक्त प्रथम प्रथम दृष्टया ऐसे हालात क्यों बने, बाद में क्यों बदले। ये तो महिला ही बता सकती है।'
लेकिन यहां कई सवाल खड़े होते हैं - मसलन
एक महिला ने जब एसीपी के खिलाफ शिकायत की तो उसने शिकायत वापस क्यों ली?
क्या इलाके की पुलिस को इस मामले में संज्ञान लेकर जांच नहीं करनी चाहिए?
क्या दिल्ली पुलिस ने महिला पर दबाव बनाया?
क्या महिला ने खुद ही किन्हीं वजहों से शिकायत वापस ले ली? तो वजहें क्या है?
क्या ये सच नहीं है कि इस तरह के केस दर्ज करने पर एक तो केस स्टेंड नहीं करता है, दूसरा पुलिस पर अनावश्यक दबाव बढ़ता है?
सवाल कई है, जिसका जवाब शायद मिलेगा नहीं, क्योंकि मामला एक एसीपी से जुड़ा हुआ है। इस महिला से संपर्क नहीं हो पा रहा है, क्योंकि पुलिस इस मामले में जानकारियां ज्यादा उपलब्ध नहीं करा रही है। ACP Sudesh Ranga के सोशल मीडिया प्रोफाइल से पता चल रहा है कि वो North - East District के PUBLIC GRIEVANCE CELL में पोस्टिड है।
सोशल मीडिया पर अच्छे खासे फोलोवर्स
एसीपी सोशल मीडिया पर एक्टिव रहते हैं। वो INSTAGRAM और FACEBOOK पर नई-नई पोस्ट अपलोड करते हैं और उनके अच्छे खासे फोलोवर्स हैं।
इस संबंध में एसीपी सुदेश रांगा का कहना है कि उनका अपनी पति ने तलाक हो चुका है। उनकी तरफ से ही ये आरोप लगाया गया है। उनके दो बच्चे हैं। 2007 में उनका तलाक हो चुका है। वो उनसे पैसा मांग रही है।
दरअसल पता चला है कि जनरल डायरी में जो नंबर है, वो पीड़िता का नहीं है, बल्कि सुदेश रांगा की जानकार का है। हमने जब उस नंबर पर संपर्क किया तो पता चला कि जिस लड़की का वो नंबर है, वो खुद को एसीपी की बेटी जैसी कहती है। उनका कहना है कि उन्होंने ही अपना फोन एसीपी की पूर्व पत्नी को दिया था कि वो पुलिस को काल कर दे । ये वाक्या आज सुबह ही हुआ था, जब उनकी पूर्व पत्नी एसीपी के घर आई थी। वहां हंगामा हुआ था।
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