ये अरबों रुपयों का खज़ाना आपका हो सकता है! बस आपको इतना करना है...

ADVERTISEMENT

ये अरबों रुपयों का खज़ाना आपका हो सकता है! बस आपको इतना करना है...
social share
google news

खज़ाना मिल जाए तो इंसान खुशी में मर जाता है, ना मिले तो ग़म में। लेकिन कभी कभी खज़ाने की लालच में भी लोग अपनी जाने गंवा देते हैं। ऐसा ही एक खज़ाना था मंगोल साम्राज्य की नींव रखने वाला चंगेज खान का। अपने वक्त में दुनिया का सबसे प्रसिद्ध और महान योद्धाओं में से एक चंगेज खान ने करीब पूरी दुनिया पर जीत हासिल कर ली थी और खूब धन-दौलत जमा की। सन 1227 में चंगेज खान की मौत हो गई, बताया जाता है कि एक अज्ञात जगह पर उसके शव और खजाने को दफनाया गया। कहा जाता है कि इस खजाने की खोज में जो भी गया, वो लौटकर नहीं आया।

300 सालों से गुम है वो खज़ाना!

रूस में द अंबर रूम एक प्रसिद्ध महल था। बताया जाता है कि ये महल सेंट पीटर्सबर्ग शहर के करीब है। द अंबर रूम कमरे की तरह का एक चैंबर था, जिसे साल 1707 में पर्शिया में बनाया गया था। ये पीटर द ग्रेट को रूस और पर्शिया के बीच शांति के तोहफे में मिला था। साल 1941 में द्वितीय विश्वयुद्ध के दौरान नाजियों ने इस पर कब्जा जमा लिया और इसे सुरक्षित करने के लिए इसका अलग-अलग हिस्सों में बंटवारा कर दिया। इन सभी टुकड़ों को 1943 में एक म्यूजियम में प्रदर्शित किया गया। यहां से पूरा द अंबर रूम लापता हो गया। इसके बाद से इस खजाने का आज तक कोई पता नहीं चल पाया। 

ADVERTISEMENT

सिर्फ कोड वर्ड के ज़रिए मिलेगा ये खजाना!

अमेरिकी वायु सेना में एक पायलट था जिसका नाम फॉरेस्ट फेन था, एयरपोर्स में नौकरी करने के अलावा उसका एक पुश्तैनी काम भी था, और वो काम था कीमती कलाकृतियों का। जिनकी कीमत अरबों डॉलर थी। साल 1980 में उसे कैंसर हो गया, तो उसने अपने अरबों डॉलर के खजाने को कहीं पर छिपा दिया। वो चाहता था तो वो अपने खज़ाने को किसी को भी दे सकता था लेकिन उसने ऐसा नहीं किया। बल्कि उसने दुनिया के साथ एक खेल खेला और खज़ाने को छुपा कर उसको खोजने वालों के लिए कुछ संकेत दिए। अब तक तो उन संकेतों को कोई समझ नहीं पाया है, लेकिन उस खज़ाने तलाश में कई लोग अपनी जानें गवां चुके हैं।

ADVERTISEMENT

कोलंबिया की गुआटाविटा झील में छुपा खज़ाना

ADVERTISEMENT

कोलंबिया की गुआटाविटा झील में दुनिया का बहुत बड़ा खज़ाना दफ्न है, इस झील की तली में ये सोने की शक्ल में छुपा ये खज़ाने अरबों का है। एक धार्मिक मान्यता है कि सैकड़ों साल पहले चिब्बा आदिवासी सूर्य की आराधना करते समय बहुत-सा सोना झील में फेंकते थे। सालों तक ऐसा करने की वजह से झील की तली में बड़ी मात्रा में सोना जमा हो गया। स्पेनिश लुटेरा फ्रांसिस्को पिजारो ने इस खजाने को लूटने की बहुत कोशिश की, लेकिन कामयाब नहीं हुआ। पानी में छुपे खज़ाने को ढूंढने वालों में फ्रांस के रहने वाले जेन लैफिट और उसका भाई पियरे भी शामिल था जो गुआटाविटा झील में तो नहीं बल्कि समुद्री में खज़ाना लूटता था, वो दरअसल डाकू थे। दोनों मेक्सिको की खाड़ी में हमला कर मर्चेंट जहाजों को लूटते थे। सन 1823 से 1830 के बीच लैफिट की मौत हो गई। उसकी मौत के बाद उसके खजाने को लेकर तरह-तरह की बात की जाने लगीं। बताया जाता है कि न्यू ऑरलियंस तट के आसपास कहीं उसका खजाना छिपाया गया है। 

ओक आइलैंड में छिपा है अरबों का खजाना

इस खज़ाने को आज तक कोई खोज नहीं पाया। साल 1975 में कुछ बच्चों ने ओक आइलैंड में नोवा स्कोटिया के पास एक द्वीप पर रोशनी देखी। इसके बाद बच्चों ने वहां पर खुदाई की, तो उनको अंदर एक पत्थर का टुकड़ा मिला जिस पर लिखा था कि चालीस फीट नीचे 2 मिलियन पाउंड दफन हैं। इसके बाद इस खजाने की कई लोगों ने तलाश की। अमेरिकी के राष्ट्रपति रहे फ्रेंक्लिन डेलानो रूजवेल्ट ने खुद इस खजाने की तलाश की थी, हालांकि वो उस वक्त राष्ट्रपति नहीं थे। आज तक इस खजाने को कोई नहीं खोज पाया।

    follow on google news
    follow on whatsapp

    ADVERTISEMENT

    ऐप खोलें ➜