इन औरतों के सामने क्या घुटने टेक देगा तालिबान?, सभी के लिए सीख है इन महिलाओं का ये हौंसला

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इन औरतों के सामने क्या घुटने टेक देगा तालिबान?, सभी के लिए सीख है इन महिलाओं का ये हौंसला
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काबुल में महिलाओं के विरोध प्रदर्शन की ये तस्वीरें तालिबान हुकूमत की नींद उड़ाने वाली हैं. अफगानिस्तान की महिलाओं ने तालिबान सरकार के खिलाफ मोर्चा खोल रखा है. अपने अधिकारों की मांग को लेकर सड़क पर उतरी इन महिलाओं ने तालिबानी हुकूमत की बोलती बंद कर दी है.

अफगानिस्तान की महिलाओं का ये प्रदर्शन सड़क से बढ़कर मंत्रालयों तक पहुंच चुका है. जिस महिला मंत्रालय में तालिबानी हुकूमत में महिलाओं की एंट्री बैन कर दी है उसी मंत्रालय के सामने महिलाओं ने सरकार के खिलाफ हल्ला बोल दिया है. हाथों में पोस्टर और प्लाकार्ड लेकर महिलाएं तालिबानी हुकूमत को चुनौती दे रही हैं और अपने अधिकारों की मांग पर अड़ी हुई हैं.

जहां तालिबान के खौफ से पुरुषों ने अपने मुंह पर ताला लगा लिया है. वहीं महिलाओं ने क्रूर शासन के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है. महिलाओं के अधिकारों की मांग अफगानिस्तान से बाहर निकलकर पाकिस्तान तक जा पहुंची हैं.

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यही नहीं तालिबान सरकार ने सत्ता संभालते ही लड़कियों और महिलाओं पर पाबंदिया थोपना शुरू कर दिया है. लड़कों के स्कूलों को तो खोल दिया गया है...लेकिन लड़कियों के स्कूल खुलने पर अभी भी शरिया की तलवार लटक रही है. लड़कियों के स्कूल खुलेंगे भी या नहीं...निश्चित तौर पर कुछ भी नहीं कहा जा सकता. हालांकि तालिबान की घुटनभरी हुकूमत में लड़कियों को अभी भी स्कूल खुलने की उम्मीद है.

हालांकि पिछले महीने ही तालिबान ने वादा किया था कि लड़कियों की पढ़ाई पर रोक नहीं लगाई जाएगी. लेकिन तालिबान तालिबान लड़कियों और महिलाओं पर लगातार तुगलकी फरमान थोप रहा है. जबकि सरकार बनाते वक्त तालिबान ने ऐलान किया था कि 1996 से 2001 के बीच उसकी जो नीतियां थीं, उन्हें दोहराया नहीं जाएगा...जबकि हकीकत खोखले वादों के उलट है.

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हालांकि तालिबान के क्रूर लड़ाके इन महिलाओं से बदसलूकी भी कर रहे हैं. लेकिन अफगान महिलाओं ने दो टूक कह दिया है कि तालिबानी हुकूमत उनकी आवाज को कुचल नहीं सकती. उनकी 20 साल की आजादी को छीना नहीं जा सकता.

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