तालिबानी ख़ौफ़ : ये अफ़ग़ानी लड़की 10 सालों तक लड़का बनकर रही ताकि पेट भर सके

ADVERTISEMENT

तालिबानी ख़ौफ़ : ये अफ़ग़ानी लड़की 10 सालों तक लड़का बनकर रही ताकि पेट भर सके
social share
google news

एक लड़की जिसने दस साल तक अपनी पहचान छिपाई, वो लड़की से लड़का बनी रही ताकि उसके घर में रोटियां आती रहे हैं, घरवाले भूखे ना मरें। नाम उसका नादिया गुलाम, अब वो पेशे से लेखिका है लेकिन तब यानी तालिबान के पहले शासनकाल में वो बस उनके चंगुल में फंसी एक बदनसीब महिला थी।

उस दौर में तालिबान लोगों पर खासकर महिलाओं पर बेइंतहा जुल्म कर रहा था। महिलाओं पर कई तरह के कड़े प्रतिबंध लगाए गए, जिसके चलते महिलाओं को कई तरह की परेशानियों का सामना करना पड़ा। उस दौर में नादिया के घर में सिवाए उनके कमाने वाला कोई नहीं था, जब वो 8 साल की थी तो उनके घर पर बम गिरा था। जिसमें उनके भाई की मौत हो गई थी और वो खुद बुरी तरह घायल हुई थी।

तब उन्हें एहसास हो गया कि जंग के चलते किसी की जिंदगी कैसे बर्बाद होती है, लेकिन जब वो अफगानिस्तान के एक अस्पताल में अपना इलाज करा रही थी तो हैरत में पड़ गई, वहां हजारों की तादाद में घायल लोग पड़े हुए थे और उनके हालात उनसे भी ज्यादा खराब थे, इसके बाद ही उन्हें एहसास हुआ कि सभी को अपने-अपने हिस्से का संघर्ष करना पड़ेगा और वो भी पीछे नहीं हटेंगी।

ADVERTISEMENT

11 साल की उम्र में लिया फैसला

इसके बाद 11 साल की उम्र में नादिया ने खुद को लेकर एक सख्त फैसला किया। उसने अपनी पहचान बदल डाली, लड़की से लड़का बन गई और वो अपने छोटे भाई के तौर पर दुनिया के सामने आई। नादिया ने ये सब इसलिए किया क्योंकि उन्हें अपने परिवार का पेट पालना था। लड़की की जिंदगी छोड़ नादिया लड़कों के कपड़े पहनकर काम करने लगी।

ADVERTISEMENT

नादिया एक दौर में तो भूल भी चुकी थीं कि वो लड़की हैं। वो दस सालों तक अपने परिवार को आर्थिक मदद पहुंचाने के लिए ऐसा करती रहीं। कई बार ऐसा हुआ जब उसका झूठ लोगों के सामने आने वाला होता लेकिन वो हर बार अच्छी किस्मत के चलते बच गई। वो दस सालों तक लड़की से लड़का बनकर अपनी पहचान छिपाती रहीं।

ADVERTISEMENT

अब स्पेन में रिफ्यूजी के तौर पर रह रहीं हैं

नादिया अब इस समय अफगानिस्तान में नहीं है वो 15 साल पहले एक एनजीओ के सहारे अफगानिस्तान से निकलने में कामयाब रही हैं, हालांकि उनका परिवार अब भी अफगानिस्तान में ही है। वो स्पेन के केटालोनिया में एक अफगानी रिफ्यूजी की तरह रह रही हैं, उन्होंने यहां रहते हुए जर्नलिस्ट Agnes rotger के साथ अपने अनुभवों के आधार पर किताब भी लिखी है।

अफगानिस्तान पर तालिबान के कब्जे को लेकर नादिया का कहना है कि वो कई सालों से कहती रही हैं कि तालिबान कहीं नहीं गया है, यूएस और बाकी इंटरनेशनल फोर्स ने देश के साथ धोखा ही किया है। और देश की स्थिति को आउट ऑफ कंट्रोल किया है और अब अफगानियों को ये सब झेलना पड़ेगा।

2001 से 2021 तक, ऐसे बीते अफगानिस्तान के 20 साल!

    follow on google news
    follow on whatsapp

    ADVERTISEMENT

    ऐप खोलें ➜