इसे पढ़कर समझ जाएंगे कि अफ़ग़ान में कैसा होगा तालिबानी सरकार मॉडल, किसके हाथ में कितना पावर
What will be the structure of the Taliban government in Afghanistan, in whose hands will the leadership, read the inside story Afghan me Taliban sarkar
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अफ़ग़ानिस्तान में तालिबान की सरकार कब बनेगी? ये सवाल पिछले कई दिनों से उठ रहे हैं. पहले पंजशीर पर कब्जा करना और फिर तालिबान में आपसी फूट की ख़बरें आईं. लेकिन अब काफी हद तक साफ हो गया है कि तालिबान ने सरकार बनाने की रूपरेखा लगभग तैयार कर ली है.
सबकुछ ठीक रहा तो 9/11 की बरसी यानी 11 सितंबर को तालिबानी सरकार की घोषणा हो सकती है. अब ये भी कहा जा रहा है कि मुल्ला मोहम्मद हसन अखुंद को तालिबान के प्रमुख होंगे. इससे पहले, मुल्ला हसन अखुंद तालिबान की पहली सरकार में भी मंत्री रहे थे. फिलहाल, तालिबान के बड़े फैसले लेने वाली रहबारी शूरा का प्रमुख यही शख्स है. इसका नाता कंधार से है. इसके नाम पर पाकिस्तान ने भी मुहर लगा दी है.
किस पद पर क्या होगी जिम्मेदारी
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सुप्रीम लीडर या रईस-ए-जम्हूर
अफ़ग़ानिस्तान में तालिबान सरकार का सबसे सर्वोच्च पद होगा.
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इसे रईस-ए-जम्हूर या रईस-उल-वजारा का नाम दे सकते हैं
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अफ़ग़ान की सभी सेनाएं इसी सुप्रीम लीडर के कंट्रोल में रहेंगी.
विदेश नीति से लेकर देश की सभी नीतियों का निर्माता यही करेगा.
ये सरकार की तरफ से लिए गए किसी भी फैसले को बदल सकेगा.
प्रेसीडेंट या प्रधानमंत्री या डिप्टी प्रमुख
सुप्रीम लीडर के बाद दूसरे नंबर पर प्रेसीडेंट का पद ही सर्वोच्च होगा
इस पद के लिए सलाह परिषद सदस्यों में से किसी को चुन भी सकते हैं
नीतियों में प्रेसीडेंट की भूमिका होगी, लेकिन सर्वोच्च सुप्रीम लीडर होगा
देश के प्रशासनिक कार्यों के प्रमुख के तौर पर प्रेसीडेंट की भूमिका रहेगी
गार्जियन काउंसिल
ईरान की तर्ज पर अफ़ग़ान में भी हो सकती है गार्जियन काउंसिल
इस काउंसिल की अनुमति के बिना कोई भी कानून लागू नहीं होता
काउंसिल के सदस्यों को सुप्रीम लीडर और न्यायपालिका तय करती है
काउंसिल को ये चेक करना होगा कि कानून शरिया के तहत है या नहीं.
किसे क्या मिल सकता है पद
मुल्ला मोहम्मद हसन अखुंद सुप्रीम लीडर या रईस-ए-जम्हूर
मुल्ला बरादर या मुल्ला अब्दुस सलाम डिप्टी प्रमुख/ प्रेसीडेंट
मुल्ला याकूब ( मुल्ला उमर का बेटा) रक्षा मंत्री या सेना प्रमुख
सिराजुद्दीन हक्कानी संघीय आंतरिक मंत्री/ मंत्री परिषद
मुल्ला अमीर खान मुत्ताकी विदेश मंत्री
अफ़ग़ान में ऐसी हो सकती है अदालत
यहां अदालत सीधे सुप्रीम लीडर के फैसले पर काम करेगी
सुप्रीम लीडर ही यहां के चीफ जस्टिस की नियुक्ति करेगा
चीफ जस्टिस की सुप्रीम लीडर के प्रति जवाबदेही भी होगी
यानी दोषी या निर्दोष को भी सुप्रीम लीडर दे सकता है सजा
नई व्यवस्था में अफ़ग़ान में 2 तरह की कोर्ट हो सकती हैं
एक कोर्ट पब्लिक और दूसरी शरिया कोर्ट हो सकती है
शरिया कोर्ट में मुस्लिम धर्म से जुड़े मामलों की सुनवाई
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