महंत नरेंद्र गिरि की मौत का क्या है सच? पढ़िए पूरी इन्वेस्टिगेशन रिपोर्ट, आख़िर कौन हैं वो दो सेवादार जो छुपा रहे हैं कई राज?
What is the truth about the death of Mahant Narendra Giri? Read the entire investigation for the first time, after all who are those two servants who are hiding many secrets?
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Mahant Narendra Giri Death Case Investigation : भारतीय अखाड़ा परिषद के महंत नरेंद्र गिरि की मौत की वजह आख़िर क्या है? इसे लेकर जितनी थ्योरी सामने आ रही हैं उन सभी में कोई ना कोई पेच हैं. आखिर कौन से वे पेच हैं? वो कौन से सवाल हैं जिनसे महंत नरेंद्र गिरि की मौत को लेकर किए जा रहे सुसाइड के दावे उलझ जा रहे हैं. इस मौत से जुड़े सभी रहस्य को आप सिलसिलेवार तरीके से ऐसे समझ सकते हैं.
अगर आत्महत्या है तो फिर इन सवालों के जवाब कहां?
पुलिस की अभी तक की जांच में महंत नरेंद्र गिरि की मौत को लेकर आत्महत्या की बात सामने आई है. हालांकि, पुलिस ने ये भी कहा है कि सभी पहलुओं को ध्यान में रखते हुए जांच की जा रही है. लेकिन अभी तक आत्महत्या के पीछे 7-8 पन्नों के मिला सुसाइड नोट को सबसे बड़ा तर्क दिया जा रहा है. लेकिन इसे लेकर भी कई सवाल हैं. आइए जानते हैं...
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सवाल : ये सुसाइड नोट कब लिखा?
सबसे बड़ा और पहला सवाल यही है कि अगर महंत नरेंद्र गिरि ने आत्महत्या की, तो उन्होंने आख़िर कब सुसाइड नोट लिखा? महंत नरेंद्र गिरि की मौत से जुड़े हर रहस्य को इन 20 पॉइंट्स से समझ सकते हैं, कि आख़िर सवाल उठ रहे हैं तो क्यों?
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1- मीडिया रिपोर्ट के अनुसार, 19 सितंबर को भी वो अन्य दिनों की तरह ही सुबह से अपनी दिनचर्या से काम कर रहे थे. मसलन, दोपहर 1 बजे महंत ने शिष्यों के साथ खाना खाया था. इनके साथ खाना खाने वाले शिष्यों ने बताया कि उस समय तक वो बिल्कुल सामान्य थे.
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2- रोज़ाना की तरह दोपहर का खाना खाकर वो 1:30 बजे से 2 बजे के बीच वो अपने कमरे में आराम करने चले आए थे. शिष्यों ने बताया कि वो रोज़ाना दोपहर साढ़े 3 बजे तक आराम करते थे.
3- ये दावा है कि 19 सितंबर की शाम 5 बजे तक महंत नरेंद्र गिरि जब अपने कमरे से बाहर नहीं आए तब शिष्यों को चिंता हुई.
4- ये भी बताया जा रहा है कि उस समय मौके पर दो शिष्य थे. उनमें से एक का नाम सुमित और दूसरे का नाम बबलू है. जांच में पता चला है कि इन्हीं दोनों ने 5 बजे तक महंत जी के कमरे से बाहर नहीं आने पर दरवाजा तोड़ा था.
5- अब तक की रिपोर्ट से पता चला है कि इन्हीं दोनों शिष्यों ने महंत नरेंद्र गिरि के शव को फंदे से उतारा था और मौके से सुसाइड नोट बरामद होने का दावा किया था.
6- 19 सितंबर की शाम करीब 5:20 बजे शिष्य बबलू ने ही पुलिस को महंत नरेंद्र गिरि के आत्महत्या करने की सूचना दी थी.
7- चौंकाने वाली बात है कि इसी शिष्य बबलू ने ये भी बताया है कि रविवार को उसी ने नाइलॉन की रस्सी लाई थी. दरअसल, इस रस्सी के पीछे बबलू का तर्क है कि महंत जी ने कहा था कि बबलू से कहा था कि कपड़े सुखाने के लिए नाइलॉन की रस्सी चाहिए थी. इसलिए ले आया था.
8- लेकिन सवाल ये है कि सेवादार और शिष्य बबलू ये अभी तक नहीं बता पाया है कि आखिर उसने ये रस्सी कहां से और कितने पैसे की खरीद कर लाई थी. इस पर वो पुलिस को इधर-उधर की जवाब दे रहा है. हालांकि, अभी इस पर पुलिस अधिकारियों ने खुलकर कोई पुष्टि नहीं की है.
9- लिहाजा, पुलिस की शुरुआती जांच में दोनों प्रमुख सेवादारों की भूमिका संदिग्ध लग रही है. इसलिए इनसे पूछताछ की जा रही है.
10 - सवाल ये भी है कि अगर महंत नरेंद्र गिरि जी शाम 5 बजे तक कमरे से बाहर नहीं निकले तो सेवादारों ने बाघंबरी मठ के सीनियर महंतों को क्यों नहीं मौक़े पर बुलाया और उनकी मौजूदगी में क्यों नहीं दरवाजे को तोड़ा गया?
11- कुछ खास शिष्यों ने बताया है कि जब से वो मठ में आए हैं महंत नरेंद्र गिरि जी को कभी खुद से लिखते हुए नहीं देखा. इसके बजाय वो हमलोगों से ही लिखवाते थे.
12- ऐसे में सवाल उठता है कि अगर रोज़ाना की तरह 19 सितंबर की दोपहर करीब 1 बजे खाना खाने के बाद कमरे में गए थे तो 7-8 पन्नों का सुसाइड नोट महंत नरेंद्र गिरि ने कब लिखा?
13- क्या वो पिछले कई दिनों से इस सुसाइड नोट को लिख रहे थे या फिर उसी दोपहर डेढ़ बजे से 5 बजे के बीच मौत से पहले लिखा?
14- जो व्यक्ति पिछले काफी समय से कुछ लिख ना रहा हो वो महज कुछ घंटों के भीतर ही इतने पन्नों का सुसाइड नोट कैसे लिख लिया? इस बात को लेकर आरोपों के घेरे में आए शिष्य आनंद गिरि के वकील ने भी सवाल उठाए हैं?
15- सुसाइड नोट के हवाले से ये दावा किया जा रहा है कि महंत पिछले काफी समय से डिप्रेशन में थे. जैसा कि अभी तक ये कहा गया है कि सुसाइड नोट में लिखा है कि 'मैं सम्मान के बिना नहीं रह सकता. डिप्रेशन में हूं. मैं क्या करूं, कैसे रहूं.
16 - सुसाइड नोट में ये भी लिखे होने का दावा है कि...आनंद गिरि के कारण मेरी बहुत बदनामी हुई. किस-किस को सफाई दें. इससे अच्छा है कि दुनिया से चले जाएं. चंद शिष्यों को छोड़कर सभी ने मेरा बहुत ध्यान रखा. मेरे शिष्यों का ध्यान रखिएगा.
17- इन लाइनों से पता चलता है कि पिछले काफी समय से महंत नरेंद्र गिरि डिप्रेशन में थे. ऐसे में सवाल उठता है कि अगर वो डिप्रेशन में थे तो मौत से एक दिन पहले ही यूपी के डिप्टी सीएम केशव प्रसाद मौर्य मिलने आए थे. ये पूरी बात कैमरे पर रिकॉर्ड भी हुई. उस वीडियो में वो पूरी तरह से सामान्य दिख रहे हैं. अगर परेशानी थी तो महंत नरेंद्र गिरि का प्रोफाइल इतना बड़ा था कि वो इसका डिप्टी सीएम से जिक्र भी कर सकते थे. लेकिन ऐसा नहीं हुआ. आख़िर क्यों?
18 - कुछ मीडिया रिपोर्ट्स में ये दावा किया जा रहा है कि महंत नरेंद्र गिरि को ब्लैकमेल किया जा रहा है. बताया जा रहा है कि उनके मोबाइल फोन में एक वीडियो मिलने की चर्चा है. हालांकि, इसकी आधिकारिक पुष्टि नहीं हुई है. लेकिन नरेंद्र गिरि ने अपने सुसाइड नोट में इस बात का जिक्र किया है. ये कहा जा रहा है कि उस वीडियो से उनके सम्मान को ठेस पहुंचाने की कोशिश की गई.
19 - इस वजह से नरेंद्र गिरि काफी आहत थे. इसीलिए उन्होंने सुसाइड नोट में लिखा है कि.. वो सम्मान से जीये. सम्मान के साथ कभी समझौता नहीं किया. मौत के बाद भी उन्हें यही सम्मान मिले. सम्मान के साथ समाधि मिले. सुसाइड नोट में उन्होंने मठ के अंदर ही समाधि स्थल बनाए जाने का जिक्र किया है.
20- लेकिन सवाल वही है कि अगर उन्हें किसी वीडियो के जरिए ब्लैकमेल किया जा रहा था तब इस बारे में उन्होंने कभी किसी को क्यों नहीं बताया. ऐसे ब्लैकमेल करने वालों की अगर वो किसी मंत्री से सीक्रेट तरीके से भी चर्चा कर देते तो शायद कहानी कुछ और होती. लेकिन ऐसा नहीं हुआ.
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प्रयागराज के बाघंबरी मठ में लगे सीसीटीवी कैमरों की फुटेज से काफी चीजे स्पष्ट होंगी. मसलन, 19 सितंबर की दोपहर 1 बजे के करीब भोजन करने के बाद महंत नरेंद्र गिरि अपने कमरे में अकेले गए थे या कोई और गया था.
दावा किया जा रहा है कि उनका कमरे के दोनों दरवाजे अंदर से बंद मिले. ऐसे में सीसीटीवी फुटेज से भी अगर इस बात की पुष्टि हो जाए कि दरवाजे को बाहर से ही खोला गया तब तो सुसाइड की पुष्टि हो सकती है.
लेकिन यहां एक सवाल और है कि जिसमें महंत नरेंद्र गिरि आराम करते थे उसमें एक खिड़की भी है. क्या उस खिड़की से तो कोई लिंक नहीं है. इसकी जांच की जा रही है.
महंत नरेंद्र गिरि के कमरे के पास लगे दो सीसीटीवी कैमरों की फुटेज में अगर 19 सितंबर की दोपहर 1 बजे से लेकर शाम 6 बजे तक कोई छेड़छाड़ नहीं मिलती है तब इस मौत से जुड़े सभी रहस्य का खुलासा हो सकता है.
आखिर में सुसाइड नोट पर एक्सपर्ट रिपोर्ट और पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट दोनों से मौत की वजह साफ हो सकती है. जिस पर पुलिस की स्पेशल टीम काम कर रही है.
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