दानिश सिद्दीकी की मौत के लिए माफी नहीं मांगेंगे, क्योंकि हमें पता नहीं वो किसकी गोली से मरे : तालिबानी प्रवक्ता
we did not kill danish says taliban spokesman.0 a website interviewed taliban spokesperson. we want good relations with our neighbouring countries.
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अमेरिकी सेना के अफगानिस्तान के हटने के साथ ही अफगानिस्तान मे युद्ध जैसे हालात हैं. तालिबान के मुताबिक, उसने अफगानिस्तान के बड़े हिस्से पर कब्जा कर लिया है. ऐेसे में आने वाले दिनों में वहां क्या हालात होंगे ये कोई नहीं जानता. इस बीच भारत ने भी 2200 करोड़ रुपये का निवेश अफगानिस्तान में कर रखा है. ऐसे में वहां किसकी हूकुमत रहेगी, इसको लेकर संशय बरकरार है.. इस बीच एक न्यूज़ वेबसाइट ने दावा किया कि उन्होंने तालिबान प्रवक्ता से बातचीत की है.. तालिबान के प्रवक्ता के हवाले से भारतीय पत्रकार दानिश सिद्दीकी को लेकर बड़ा बयान सामने आया है. तालिबान प्रवक्ता के हवाले से कहा गया है कि उनकी मौत युद्ध क्षेत्र में हुई है..
हमने नहीं मारा दानिश को, वो किसकी गोली से मारा गया पता नहीं
प्रवक्ता के मुताबिक, दानिश सिद्दीकी की मौत जंग में हुई है और ये पता नहीं चला कि वो किसकी गोली से मारे गए। उनकी लाश के साथ कोई बेरहमी नहीं हुई है। किसी ने उनकी लाश को नहीं जलाया है। हम उनकी लाश की तस्वीरें आपको दिखा सकते हैं, उस पर जलाने का कोई निशानी नहीं है। उनके कत्ल के बाद उनका शव लड़ाई वाले हिस्से में पड़ा रह गया था।
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हमने उन्हें बाद में पहचाना। इसके बाद उनकी लाश को रेडक्रॉस के हवाले कर दिया गया था। हम दानिश सिद्दीकी की मौत के लिए माफी नहीं मांगते क्योंकि ये पता नहीं है कि वो किसकी गोली से मारे गए हैं। उन्होंने हमसे युद्धक्षेत्र में आने की इजाजत भी नहीं ली थी।
वो दुश्मन के टैंक में सवार थे। वे अपनी मौत के लिए खुद जिम्मेदार हैं। भारतीय फोटो पत्रकार दानिश सिद्दीकी बीती 16 जुलाई को अफगान सेना और तालिबान के बीच हुई क्रॉस फायरिंग में मारे गए थे। तालिबान प्रवक्ता जबीउल्लाह मुजाहिद ने इसे लेकर माफी मांगने से इनकार करते हुए कहा कि वे किसकी गोली से मारे गए, इस बारे में कुछ पता नहीं है।
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कोई भी देश हमारे आंतरिक मामलों में दखल न दे : तालिबान
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न्यूज़ के मुताबिक, तालिबानी प्रवक्ता से तमाम सवाल पूछे गए कि जिसके जवाब तालिबान का यही कहना था कि वो दुनिया के हर उस देश से बात करते है और करने के लिए तैयार है जो हमारे साथ अच्छे संबंध चाहता है.. साथ साथ उनका कहना था कि शर्त सिर्फ इतनी होनी चाहिेए कि कोई भी देश हमारे आंतरिक मामले में दखल न दे...
भारत के साथ संबंध और भारत द्वारा किए गए निवेश को लेकर तालिबान का कहना है, ''हम अपनी सरजमीं पर हर उस जायज निवेश का समर्थन करते हैं, जिससे देश के आर्थिक विकास में मदद मिल सके। हम अफगान राष्ट्र निर्माण में योगदान देने वाले हर निवेश की सुरक्षा करेंगे।''
पाकिस्तान को लेकर तालिबानी प्रवक्ता का कहना था, ''हम तालिबान पर पाकिस्तान के नियंत्रण को बिल्कुल नहीं मानते हैं। पाकिस्तान लाखों अफगानिस्तानी शरणार्थियों का मेजबान देश भी है। पाकिस्तान के साथ हमारी लंबी सीमा लगी है।
इन्हीं वजहों से हम पाकिस्तान के साथ अच्छे संबंध चाहते हैं। हिंदुस्तान भी हमारे लिए अलग अहमियत रखता है। हम भारत के साथ सामान्य और एक दूसरे के लिए सम्मानजनक संबंध चाहते हैं। ऐसे संबंध जो उसूलों पर आधारित हों।
अफगानिस्तान में शांति कायम रहे, ये है मक़सद : तालिबान
वेबसाइट के मुताबिक, तालिबान प्रवक्ता ने कहा, ''हमारे सभी प्रयास अफगानिस्तान में शांति और स्थिरता के लिए ही हैं। हम कोशिश कर रहे हैं कि हमारे देश में जो भी युद्ध के कारण हैं वो खत्म हो जाएं और अफगानिस्तान में पूरी तरह शांति हो जाए।''
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